[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

कोरोना तो ट्रेलर था, असली फिल्म तो Disease X है, ले सकता है 50 मिलियन लोगों की जान, पूरी दुनिया सदमे में


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
टॉप न्यूज़ब्रेकिंग न्यूज़राज्यस्वास्थ्य

कोरोना तो ट्रेलर था, असली फिल्म तो Disease X है, ले सकता है 50 मिलियन लोगों की जान, पूरी दुनिया सदमे में

Disease x क्या है : पिछले कुछ दिनों से इंटरनेट पर यह सवाल आग की तरह फैल रहा है, पहले WHO और अब एक बड़े हेल्थ एक्सपर्ट ने डिजीज एक्स को लेकर जो बातें कहीं हैं, वो डरावनी हैं।

कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) का प्रकोप बेशक खत्म हो गया लेकिन अब दुनिया के सामने एक नया संकट पैदा हो गया है। इस नई आफत का नाम डिजीज एक्स (Disease X) है। बता जा रहा है कि यह कोरोना से 20 गुना खतरनाक है और इससे कम से कम

50 मिलियन लोगों की मौत हो सकती है। इस खबर के बाद पूरी दुनिया सदमे में है। यूके वैक्सीन टास्कफोर्स के अध्यक्ष रह चुकी हेल्थ एक्सपर्ट केट बिंघम ने डेली मेल को दिए एक इंटरव्यू में दावा किया है कि डिजीज एक्स स्पेनिश फ्लू (1919-1920) जितना विनाशकारी हो सकता है।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) पांच महीने पहले ही डिजीज एक्स को लेकर चेतावनी दे चुका है। इसे डिजीज का नाम डब्ल्यूएचओ ने ही दिया है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, डिजीज एक्स एक नया एजेंट हो सकता है, यह एक वायरस, एक बैक्टीरिया या फंगस हो सकता है। चिंता की बात यह है कि फिलहाल इसका कोई इलाज दुनिया में नहीं होगा। चलिए समझते हैं कि डिजीज एक्स क्या है, इसे कोरोना से घातक क्यों माना जा रहा है और किस तरह यह 20 मिलियन लोगों की मौत का कारण बन सकता है।

महामारी आने से पहले ही वैक्सीन बनाने पर काम शुरू
ब्रिटेन के साइंटिस्ट्स ने डिसीज X के आने से पहले ही इससे लड़ने के लिए वैक्सीन बनाना शुरू कर दिया है। इसके लिए 25 तरह के वायरस पर स्टडी की। साइंटिस्ट्स का फोकस जानवरों में पाए जाने वाले वायरस पर है। यानी वो वायरस जो जानवरों से इंसानों में फैल सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि क्लाइमेट चेंज की वजह से कई जानवर और जीव-जंतु रिहायशी इलाकों में रहने के लिए आ रहे हैं।

क्लाइमेट चेंज बीमारियां फैला रहा
इंसानों ने डेवलपमेंट के नाम पर जंगलों को काटकर यहां घर और इंडस्ट्रीज बना लीं। इस कारण हमारा जानवरों, मच्छरों, बैक्टीरिया, फंगस से संपर्क बढ़ गया है। दूसरी तरफ ये सभी जीव-जंतु खुद को बदलती क्लाइमेट कंडिशन्स के अनुकूल बना रहे हैं और हमारे वातावरण में ही रह रहे हैं। इनसे कई बीमारियां फैल रही हैं, जो हमारे जीवन के लिए खतरनाक हैं।

कंजर्वेशन इंटरनेशनल एनजीओ के फिजिशियन नील वोरा ने कहा- यह आने वाले समय की प्रॉब्लम नहीं है। क्लाइमेट चेंज अभी हो रहा है। लोगों पर इसका असर हो रहा है। वे मर रहे हैं। कई रिसर्च में सामने आया है कि जलवायु परिवर्तन से बीमारियां फैल रही हैं।

निचली और गर्म जगहों पर रहने वाले जानवर बढ़ते तापमान को झेल नहीं पा रहे हैं इसलिए ऊंची और ठंडी जगहों की तरफ माइग्रेट हो रहे हैं। इनके साथ बीमारियां भी उन इलाकों तक पहुंच रही हैं, जहां पहले नहीं थीं।

उदाहरण के जरिए इसे ऐसे समझें- साइंस न्यूज के मुताबिक, पोसम्स, ऑस्ट्रेलिया में पाया जाने वाला नेवले की तरह दिखने वाला जानवर बुरुली अल्सर नाम की बीमारी फैला रहा है।

पोसम्स ऑस्ट्रेलिया के तापमान में ही रह सकता है लेकिन अगर वहां के तापमान में बदलाव होता है तो यह जीव अनुकूल परिस्थिति ढूंढने के लिए किसी और देश जा सकता है। मान लीजिए पोसम्स अनुकूल परिस्थिति की तलाश में न्यूजीलैंड पहुंच जाए और वहां रहने लगे। ऐसी स्थिति में पोसम्स से फैलने वाली बुरुली अल्सर बीमारी ऑस्ट्रेलिया के साथ न्यूजीलैंड में भी फैलने लगेगी।

पोसम्स प्राकृतिक तौर पर पेड़ों पर रहते हैं। क्योंकि लोग पेड़ काट रहें इसलिए ये अब इंसानी रिहायशी इलाकों में भी रहने लगे हैं। इनका इंसानों से संपर्क बढ़ गया है।
पोसम्स प्राकृतिक तौर पर पेड़ों पर रहते हैं। क्योंकि लोग पेड़ काट रहें इसलिए ये अब इंसानी रिहायशी इलाकों में भी रहने लगे हैं। इनका इंसानों से संपर्क बढ़ गया है।

बीमारियों से डायरेक्ट कॉन्टैक्ट बढ़ रहा
इंसान अपने जीवन के लिए कई जीवों पर निर्भर रहते हैं। वो सर्वाइवल के लिए इन्हें खा लेते हैं। इससे होता यह है कि इंसान इन जीवों में पनपने वाले बैक्टीरिया या इनसे फैलने वाली बीमारियां के डायरेक्ट कॉन्टैक्ट में आ जाते हैं।

डिजीज एक्स क्या है (What is Disease X)

डिजीज एक्स क्या है (What is Disease X)
वास्तव में डिजीज एक्स किसी बीमारी का नाम नहीं है। यह एक टर्म है जिसका यूज ऐसी बीमारी के के लिए किया जाता है, जो इन्फेक्शन से पैदा होती है और इसकी खबर मेडिकल साइंस में किसी को नहीं होती है। कुल मिलाकर इस बारे में अभी किसी डॉक्टर, वैज्ञानिक या एक्सपर्ट्स को कुछ नहीं पता है। इसे आप एक उदहारण से समझें। इस टर्म का पहली बार साल 2018 में यूज किया गया था और अगले साल 2019 में कोरोना वायरस नामक बीमारी आ गई थी।
50 मिलियन लोगों की जा सकती है जान

50 मिलियन लोगों की जा सकती है जान
डेली मेल में अपने इंटरव्यू (Ref) में चिंता व्यक्त करते हुए बिंघम ने कहा, ‘1918-19 फ्लू महामारी ने दुनिया भर में कम से कम 50 मिलियन लोगों की जान ले ली, जो प्रथम विश्व युद्ध में मारे गए लोगों की तुलना में दोगुना था। डिजीज एक्स से आज हम इसी तरह की मौत की उम्मीद कर सकते हैं।
कोरोना से खतरनाक होगी डिजीज एक्स

कोरोना से खतरनाक होगी डिजीज एक्स

उन्होंने कहा, कोविड-19 के मामले में एक तरह से हम भाग्यशाली रहे। इसके कारण दुनिया भर में 20 मिलियन या अधिक मौतें हुईं। अच्छी बात यह है कि वायरस से संक्रमित अधिकांश लोग ठीक होने में कामयाब रहे। डिजीज एक्स की कल्पना करें तो इसकी इबोला की मृत्यु दर (लगभग 67 प्रतिशत) जितनी ही संक्रामक है। दुनिया में कहीं न कहीं इसकी पुनरावृत्ति हो रही है और देर-सबेर कोई न कोई बीमार महसूस करने लगेगा।

WHO ने मई में दे दी थी चेतावनी

WHO ने मई में दे दी थी चेतावनी

WHO चीफ डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने मई में जिनेवा में हुई वर्ल्ड हेल्थ असेंबली की मीटिंग में डिजीज एक्स को लेकर चेतावनी दी थी। टेड्रोस ने कहा था कि दुनिया में एक और महामारी कभी भी आ सकती है जिससे बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो सकती है। इसका सामना करने के लिए पूरी दुनिया को एकजुट होकर तैयार रहना चाहिए।

डिजीज एक्स पर WHO की चेतावनी

न इलाज, न टीका, जानवरों से फैल सकता है डिजीज एक्स

न इलाज, न टीका, जानवरों से फैल सकता है डिजीज एक्स

अनुमान है कि डिजीज एक्स किसी वायरस, बैक्टीरिया या फंगस से फैल सकता है। दुखद यह इसके लिए कोई टीका या उपचार नहीं है, जैसा कि कोरोना वायरस का नहीं था। कुछ एक्सपर्ट मान रहे हैं कि डिजीज एक्स जूनोटिक होगा यानी यह जंगली या घरेलू जानवरों में पैदा होगा और फिर इंसानों को संक्रमित करेगा। इबोला, एचआईवी/एड्स और कोविड-19 जूनोटिक प्रकोप थे।

सबसे बड़ा सवाल, डिजीज एक्स को कैसे रोकें

सबसे बड़ा सवाल, डिजीज एक्स को कैसे रोकें

बिंघम ने कहा है कि अगर दुनिया को डिजीज एक्स के खतरे से निपटना है, तो बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान के लिए तैयार होना होगा और तय समय में खुराक देनी होगी। WHO ने भी इस बात पर जोर दिया था कि डिजीज एक्स रोकने और उसका मुकाबला करने के लिए सभी को एकजुट होकर काम करना होगा। इसकी रोकथाम के लिए दुनियाभर के मेडिकल एक्सपर्ट सभी संभावित उपाय और शोध कर रहे हैं।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

और पढ़िए – स्वास्थ्यव्यंजन से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहाँ पढ़ें

Disclaimer: संबंधित लेख पाठक की जानकारी और जागरूकता बढ़ाने के लिए है। जनमानस शेखावाटी  इस लेख में प्रदत्त जानकारी और सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि इसके बारे में चिकित्सीय सलाह जरूर लें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।

देश और दुनिया की ताज़ा खबरें सबसे पहले जनमानस शेखावाटी पर फॉलो करें जनमानस शेखावाटी को और डाउनलोड करे–जनमानस शेखावाटी की एंड्राइड एप्लिकेशन. फॉलो करें जनमानस शेखावाटी को फेसबुकयूट्यूबटिवीटर वेब न्यू.

Related Articles