झुंझुनूं : जनाधार में केवाईसी लोगों के लिए सिर दर्द बन रही है। लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड रहा है। राज्य सरकार ने हाल ही में जनाधार में 5 साल से ऊपर के सभी सदस्यों की आधार केवाईसी अनिवार्य किया है। जनाधार में कोई अपडेट या एडिट कराने से पहले केवाईसी होना अनिवार्य है और वो भी पूरे परिवार की। अगर किसी परिवार का एक भी सदस्य केवाईसी से छूटता है तो एडिट और अपडेशन की प्रक्रिया नहीं हो पाती। जिसके कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड रहा है।
मोबाइल अपडेट जरूरी
इन दिनों चल रही सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं के लाभ के लिए जनाधार में मोबाइल अपडेट होना अनिवार्य है। ऐसे में लोग अपना मोबाइल नम्बर अपडेट कराने के लिए ई-मित्रों के चक्कर काट रहे है, लेकिन केवाईसी के अभाव में उनके जनाधार में कोई एडिट नहीं हो पा रहा है। फिर सबसे बड़ी बात ये है कि इस केवाईसी में डाटा आधार से मैच होगा, ऐसे में कई लोगों का आधार और जनाधार का डाटा मैच ही नहीं हो रहा तो केवाईसी कैसे कराए।
पूर्व में किए थे बदलाव
इससे पूर्व भी सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग गत वर्ष में जनाधार पर प्रयोग कर चुका है। विभाग ने जनाधार का नया पोर्टल 2.0 प्रारम्भ किया था, लेकिन अधूरी तैयारी के कारण कई माह तक जनाधार सेवा ठप रही। जिसके कारण आमजन को भारी परेशानी झेलनी पडी। आखिर में विभाग को पुराना पोर्टल फिर से चालू करना पडा। अब दोबारा केवाईसी के रूप में नया प्रयोग लोगों की समस्या का कारण बना हुआ है।
सभी परेशान
पोर्टल की समस्या से बच्चे, युवा और बूढ़े सभी परेशान हैं। इन दिनों भरे जाने वाले स्कूल और कॉलेजों के स्कालरशिप आवेदनों के कारण बच्चों को अपने जनाधार अपडेट कराने हैं, लेकिन केवाईसी के अभाव में वो अपडेट नहीं करवा पा रहे और बच्चों को मजबूरी में ई-मित्रों के कई चक्कर काटने पड़ रहे हैं। जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, विवाह प्रमाण पत्र आदि सभी में जनाधार की अनिवार्यता है और उनमें कोई कार्य लोग नहीं करा पा रहे।