[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

जयपुर : सीएम गहलोत बोले- अपराधी अपराध छोड़ें या प्रदेश, फेक एनकाउंटर नहीं होगा, सच्चे पर कोई रोक नहीं


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
जयपुरराजस्थानराज्य

जयपुर : सीएम गहलोत बोले- अपराधी अपराध छोड़ें या प्रदेश, फेक एनकाउंटर नहीं होगा, सच्चे पर कोई रोक नहीं

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी राजस्थान के खिलाफ गलत और गुमराह करने वाले आंकड़े कहलवाने में केंद्र के बीजेपी के नेता नहीं चूकते हैं। जबकि राजस्थान पुलिस ने इस साल 169 इनामी अपराधी गिरफ्तार किए हैं।

जयपुर : सीएम अशोक गहलोत ने शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए कहा कि अपराधी या तो अपराध छोड़े या राजस्थान छोड़े। साथ ही उन्होंने मृतक कॉन्स्टेबल प्रह्लाद के परिवार को 1 करोड़ रुपए देने की घोषणा की। साथ ही गेलेंट्री प्रमोशन के लिए सरकार को लिखा जाएगा। परिवार को रहने के लिए आवास और अनुकंपा पर नौकरी भी दी जाएगी।

गहलोत ने कहा- राजस्थान पुलिस नियमित रूप से अपराधों के खिलाफ ऑपरेशन चलाकर बदमाशों को पकड़ रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आने वाले चुनाव को लेकर कहा- विपक्ष चुनाव को सांप्रदायिक बनाने का प्रयास कर रहा है।इसी को लेकर आज पुलिस मुख्यालय में अधिकारियों के साथ मीटिंग की गई। चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से कराए जाएं। हिंसा या सांप्रदायिक घटना अगर प्रदेश में होती है तो उसे कड़ाई से देखा जाएगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी योजनाओं का जिक्र करते हुए भी कहा- राज्य सरकार की योजनाएं लोगों को पसंद आई है। इसका आमजन काफी फायदा उठा रहा है।

उन्होंने कहा- देश के अन्य राज्यों में आज भी पीड़ित को एफआईआर दर्ज कराने में परेशानी होती है। देश में राजस्थान एक मात्र राज्य है। जहां पर एफआईआर आसानी से होती हैं। एफआईआर की संख्या बढ़ने से कोई फर्क नहीं पड़ता। अपराध नहीं बढ़ना चाहिए। एनसीआरबी में लिखा है कि अपराध होना और अपराध का रजिस्ट्रेशन होने में बड़ा फर्क है। इसे विपक्ष को समझना चाहिए।

मैं बार-बार बोल चुका हूं की लोकतंत्र खतरे में है। संविधान खतरे में है। जिस राज्य में चुनाव होते हैं। उस राज्य में ईडी, इनकम ट्रैक्स, सीबीआई को भेज कर डर पैदा किया जाता है। मैने घोषणाएं करना बंद कर दिया हैं। अब मैं गारंटी देने लग गया हूं।

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी राजस्थान के खिलाफ गलत और गुमराह करने वाले आंकड़े कहलवाने में केंद्र के बीजेपी के नेता नहीं चूकते हैं। जबकि राजस्थान पुलिस ने इस साल 169 इनामी अपराधी गिरफ्तार किए हैं। 14 हिस्ट्रीशीटर की संपत्ति के खिलाफ कार्रवाई की गई है। सीएम ने कहा कि चुनाव आ रहे हैं ये लोग पूरे देश में साम्प्रदायिकता फैला रहे हैं। लोग चिंतित हैं और लोकतंत्र खतरे में है। संविधान की धज्जियां उड़ रही हैं। ईडी, इनकम टैक्स और सीबीआई जिस राज्य में चुनाव होते हैं, वहां पर पहुंच जाती है। एमपी में पीएम ने एनसीपी के लिए बोला, दो दिन बाद पंवार एनडीए में शामिल होते नजर आए। प्रदेश में विधानसभा चुनाव हैं। उससे पहले हिंसा और साम्प्रदायिकता नहीं हो, इस पर चिंतन करने के लिए हमने बैठक की है। ऐसे अपराधियों पर तत्काल कारवाई हो और उन्हें पकड़ा जाए।

सीएम ने कहा- 15 अगस्त को मैंने घोषणा की थी कि पुलिस विभाग में 50 फीसदी पद प्रमोशन से भरे जाएंगे। अब पुलिसकर्मियों के प्रमोशन आराम से होंगे, उनमें खुशी की लहर है। पुलिस की डायल 112 गाड़ियां शुरू की जा रही हैं। 100 गाड़ी आज बाहर खड़ी हैं। हमने घोषणा की है 500 गाड़ियां देंगे। 112 नंबर पर कोई फोन करेगा तो घटनास्थल और कहीं क्राइम हो रहा हो तो वहां गाड़ियां पहुंच जाएंगी। सीएम ने कहा-पहले मैंने घोषणा की थी। अब मैंने घोषणा करनी बंद कर दी है, अब मैं गारंटी देता हूं। पुलिस को 500 गाड़ियों की गारंटी दी है।

रेप और हत्या के मामले में राजस्थान देश में 10 वें स्थान पर 
गहलोत ने कहा- रेप और हत्या के मामले में राजस्थान देश में 10 वें स्थान पर है, जबकि उत्तरप्रदेश पहले स्थान पर है। 42.2 फीसदी सबसे ज्यादा राजस्थान में सजा की दर है। कुल सजा की दर राजस्थान में 56.5 प्रतिशत, गुजरात में 21.1 प्रतिशत, हरियाणा में 42.7 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 53.5 प्रतिशत ही है। नाबालिग के साथ बलात्कार के प्रकरणों में वर्ष 2021 में राजस्थान देश में 12 वें स्थान पर जबकि मध्यप्रदेश पहले, उत्तरप्रदेश चौथे और गुजरात छठे स्थान पर है। रेप विथ मर्डर में राजस्थान देश में 10वें स्थान पर जबकि उत्तरप्रदेश पहले, आसाम दूसरे और मध्यप्रदेश तीसरे स्थान पर है। हत्या के मामलों में 206 अपराधी 12 घंटे में, 379 अपराधी 24 घंटे में और 753 अपराधी 7 दिन में प्रदेश में पकड़े गए। गैंगरेप के 14 अपराधी 12 घंटे में, 38 अपराधी 24 घंटे में, 127 7 दिन में पकड़े गए। वर्ष 2023 में संगठित अपराध के विरुद्ध ठोस कार्रवाई की गई। इस वर्ष प्रदेश के कुल 1069 इनामी अपराधियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। ऑपरेशन वज्र प्रहार के तहत 6 हजार 101 हिस्ट्रीशीटर की संपत्ति का रिकॉर्ड मेंटेन कर 14 हिस्ट्रीशीटर की संपत्ति के विरुद्ध कार्रवाई की गई। एरिया डोमिनेंस अभियान इस वर्ष मार्च महीने से चलाए गए। विशेष अभियान के तहत विभिन्न अपराधों में वांछित 21 हजार 320 अपराधियों की गिरफ्तारी की गई है। इनमें जघन्य अपराध में वांछित 937 अपराधी भी शामिल हैं। साथ ही 151 सीआरपीसी, एनडीपीएस आबकारी आर्म्स एक्ट, अवैध खनन हिस्ट्रीशीटर हार्डकोर, इनामी और अन्य सहित समग्र रूप से 56 हजार 980 को गिरफ्तार किया गया।

आपात स्थिति में घटनास्थल पर पहुंचने के लिए 100 हाईटेक पुलिस गाड़ियां (डायल 112) सौंपी गईं।
आपात स्थिति में घटनास्थल पर पहुंचने के लिए 100 हाईटेक पुलिस गाड़ियां (डायल 112) सौंपी गईं।

अधिकारियों के साथ बैठक की

इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पुलिस मुख्यालय में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान गृह राज्यमंत्री, मुख्य सचिव,एसीएस होम सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पुलिस मुख्यालय में पिछले तीन माह के क्राइम और लॉ एंड ऑर्डर को लेकर रिव्यू किया।

सीआईडी सीबी की ओर से इसे लेकर प्रजैंटेशन तैयार किया गया । इसमें पिछले तीन माह में दर्ज अपराध, चालान,पेंडेंसी के बारे में बताया गय। पिछले तीन माह में प्रदेश मे कहां-कहां पर लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ा इसे लेकर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री रिव्यू मीटिंग के बाद पुलिस मुख्यालय में मीडिया से बात की।

100 आधुनिक गाड़ियां राजस्थान पुलिस को सौंपी गईं।
100 आधुनिक गाड़ियां राजस्थान पुलिस को सौंपी गईं।

सुबह पुलिस मुख्यालय पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सबसे पहले राजस्थान पुलिस को एक नई सौगात दी थी। आपात स्थिति में घटनास्थल पर पहुंचने के लिए 100 हाईटेक पुलिस गाड़ियां (डायल 112) सौंपी गईं। इन गाड़ियों मे मेडिकल सुविधा के साथ चार साइड कैमरे लगे हैं।

इन गाड़ियों में पुलिस संवाद के लिए वायरलेस, हथियार और हेलमेट भी उपलब्ध हैं। इनकी मदद से पुलिस आपात स्थिति मे घटना स्थल पर तुरंत पहुंचेगी। इन वाहनों के आने से पुलिस का रिस्पांस टाइम 12 मिनट से घटकर 6-7 मिनट हो जाएगा। इसके बाद 400 गाड़ियां और मिलेंगी। आपको बता दे की मुख्यमंत्री ने अपनी बजट घोषणा में 500 गाड़ियां देने का वादा किया था।

प्रोएक्टिव पुलिसिंग हो रही
सीएम बोले- प्रदेश में पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष आबकारी अधिनियम, एनडीपीएस एक्ट आर्म्स एक्ट आदि में प्रोएक्टिव अप्रोच के तहत 10 से 15 प्रतिशत अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। प्रदेश में ऑपरेशन ‘गरिमा’ शुरू हो गया है। छेड़छाड़ करने पर तत्काल कार्रवाई होगी। मनचलों की खैर नहीं है। चरित्र सत्यापन में उल्लेख किया जाएगा। निर्बाध पंजीकरण के तहत प्रत्येक फरियादी की हर शिकायत दर्ज की जा रही है। एनसीआरबी द्वारा प्रकाशित ” क्राइम इन इंडिया 2021″ में स्पष्ट किया है कि अपराध में वृद्धि और अपराध पंजीकरण में वृद्धि में अंतर है और कुछ लोग इन दोनों को एक मानने की गलती कर लेते हैं। राजस्थान शांत प्रदेश है और अनिवार्य पंजीकरण लागू करने से दर्ज मामलों की संख्या बढ़ी है, लेकिन कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर है। न्यायालय के माध्यम से दर्ज मामलों में कमी आई है।

महिला दुष्कर्म के वर्ष 2018 में 30.47 प्रतिशत मामले थे, अब इनकी संख्या घटकर 14.13 प्रतिशत हो गई है। एससी/ एसटी अत्याचार के मामले वर्ष 2016 में 29.56 प्रतिशत से घटकर अब 12.42 प्रतिशत हो गए। थानों में स्वागत कक्ष में परिवादियों की सम्मानपूर्वक बैठाकर सुनवाई की जा रही है। थानाधिकारियों द्वारा प्रत्येक वर्किंग डे पर दोपहर 12 बजे से 1.30 बजे तक अपने कार्यालय में उपस्थित रहकर सुनवाई की जाती है। निर्बाध पंजीकरण के बावजूद दर्ज अपराधों की संख्या लगभग स्थिर है और कुछ मामलों में कमी आई है।

जुलाई 2022 से जुलाई 2023 में कुल आईपीसी अपराध 0.60 प्रतिशत की वृद्धि, डकैती मामलों में 25 प्रतिशत की कमी, बलात्कार में 1.50 प्रतिशत की कमी एससी/ एसटी केस में कुल-1.29 प्रतिशत की कमी, एससी/ एसटी दुष्कर्म मामलों में 10.90 प्रतिशत की कमी, अनुसंधान के दिनों में प्रभावी कमी आई है। बलात्कार में इन्वेस्टिगेशन वर्ष 2019 में 141 दिन से घटकर अब 55 दिन, पोक्सो में वर्ष 2019 में 137 दिन से घटकर अब 59 दिन, एससी/ एसटी प्रकरण वर्ष 2018 में 145 दिन से घटकर अब 63 दिन है।

दुष्कर्म के झूठे मामलों का औसत राजस्थान में 41.6 प्रतिशत, राष्ट्रीय औसत 14.9 प्रतिशत
सीएम ने बताया कि बलात्कार में झूठे मामलों का औसत राजस्थान में 41.6 प्रतिशत है। जबकि राष्ट्रीय औसत 14.9 प्रतिशत है। पैंडिंग अनुसंधान राजस्थान में मात्र 9.6 प्रतिशत है। जबकि राष्ट्रीय औसत 31.7 प्रतिशत है। सजा की दर में वृद्धि की बात करें तो कुल महिला अपराधों में 45.2 प्रतिशत (गुजरात में 5 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 33 प्रतिशत, पंजाब में 20.8 प्रतिशत, हरियाणा में 17.7 प्रतिशत) बढ़ोतरी हुई है। बलात्कार के मामले में सजा राजस्थान में 47.9 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय औसत 28.6 प्रतिशत है। पोक्सो मामले में वर्ष 2019 से अब तक 13 प्रकरणों में फांसी हुई है। एससी मामलों में राजस्थान में 41.6 प्रतिशत,  राष्ट्रीय औसत 28.1 प्रतिशत (गुजरात में 5.8 प्रतिशत, हरियाणा में 25.1 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 28 प्रतिशत) एसटी मामलों में राजस्थान में 45.1 प्रतिशत सजा है। जबकि राष्ट्रीय औसत 28.1 प्रतिशत (मध्यप्रदेश में 34.3 प्रतिशत) है। कुल सजा की दर राजस्थान में 56.5 प्रतिशत है। जबकिबगुजरात में 21.1 प्रतिशत, हरियाणा में 42.7 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 53.5 प्रतिशत ही है।

Related Articles