उत्तर प्रदेश : हेट स्पीच केस: सुप्रीम कोर्ट से आजम खां को मिली राहत, नहीं देना पड़ेगा आवाज का नमूना
विधानसभा चुनाव में आजम खां के खिलाफ दलित समाज के प्रति आपत्तिजनक और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने के आरोप में केस दर्ज किया गया था। ट्रायल कोर्ट के आदेश पर सपा नेता के आवाज के नमूने लिए जाने थे, जिसपर अब सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।

उत्तर प्रदेश : सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को निचली अदालत के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें समाजवादी पार्टी नेता आजम खां को आवाज का नमूना देने का निर्देश दिया गया था।
बता दें, आजम पर साल 2007 में बसपा प्रमुख मायावती के खिलाफ कथित तौर पर नफरत फैलाने वाला भाषण देने और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप है। इसी मामले में, निचली अदालत ने उन्हें अपनी आवाज का नमूना देने का निर्देश दिया गया था, जिससे भाषण से मिलान करा जा सकता।
यह है मामला
सपा के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद आजम खां के खिलाफ सात अगस्त 2007 को विधानसभा चुनाव में भाषण के दौरान टांडा थाने में दलित समाज के प्रति आपत्तिजनक और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने के आरोप में बसपा नेता धीरज कुमार शील ने मुकदमा दर्ज कराया था। इससे विभिन्न वर्गों के लोगों में शत्रुता को बढ़ावा दिया और लोगों के बीच दुश्मनी या नफरत पैदा करने, धर्म, जाति और भाषा के आधार पर बांटने का प्रयास किया।