Politics: कांग्रेस के हाथ लगे ‘सात’ रामबाण, क्या अब BJP को मोदी के ‘कमिटमेंट’ पर घेर कर होगा ‘2014’ का हिसाब
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, कैग ने बोली प्रक्रिया में भी अनियमितताओं को उजागर किया है। सफल बोली दाताओं ने टेंडर की शर्त पूरी नहीं की, फर्जी दस्तावेज के आधार पर चयन हो गया, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के बिना काम आवंटित हुआ। कैग ने द्वारका एक्सप्रेस-वे में भारी धांधली उजागर की है।

राजनीति : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर भ्रष्टाचार को लेकर विपक्ष पर तीखा हमला बोला था। उन्होंने कहा था, भ्रष्टाचार ने हमारे देश को दीमक की तरह नोंच लिया है। ये मोदी के जीवन का ‘कमिटमेंट’ है कि ‘मैं’ भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ता रहूंगा। उन्होंने ‘परिवारवाद’ और ‘तुष्टिकरण’ को लेकर भी कांग्रेस एवं दूसरे विपक्षी दलों पर निशाना साधा। अब कांग्रेस पार्टी के हाथ में एक-दो नहीं, बल्कि पूरे ‘7’ रामबाण हाथ लगे हैं। खास बात ये है कि इन सभी के मूल में भ्रष्टाचार है। देखनी वाली बात ये होगी कि अब ‘कांग्रेस’ पार्टी अपने सहयोगी दलों को साथ लेकर पीएम मोदी को उनके ‘कमिटमेंट’ पर घेर कर भाजपा से ‘2014’ का हिसाब-किताब चुकता करने में कामयाब हो सकेगी या नहीं।
2014 में मोदी ने भ्रष्टाचार पर कांग्रेस को घेरा था
बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार को भाजपा एवं उसके सहयोगी दलों ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ही घेरा था। उस वक्त ‘टूजी स्पेक्ट्रम’ और ‘कॉमनवेल्थ’ घोटाला हुआ था। इन्हें लेकर ही अन्ना हजारे ने दिल्ली के रामलीला मैदान में जन लोकपाल आंदोलन शुरु किया था। चुनाव प्रचार में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेस पार्टी पर जमकर हमला बोला। नतीजा, चुनाव में भाजपा एवं उसके सहयोगी दलों को बहुमत हासिल हुआ। केंद्र में भाजपा के नेतृत्व में सरकार का गठन हुआ। अब कैग की रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेर लिया है। सात बड़े घोटालों का पर्दाफाश हुआ है।
कांग्रेस बोली, घोटालों पर चुप्पी तोड़ें प्रधानमंत्री
कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत का कहना है कि जिस झूठी ईमानदार छवि का पीएम मोदी दंभ भरते हैं, वो ध्वस्त हो चुकी है। कैग ने मोदी सरकार के सात बड़े घोटालों का पर्दाफाश किया है। प्रधानमंत्री की नाक के नीचे धांधली हो रही है। मोदी सरकार के भ्रष्टाचार का सच धीरे-धीरे देश के सामने आ रहा है। कैग ने भारतमाला प्रोजेक्ट में फर्जीवाड़े की पोल खोली है। सड़क की लागत में लगभग 100 प्रतिशत वृद्धि का भी खुलासा हुआ है। इस प्रोजेक्ट के फंड की अनुमति आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति सीसीईए देती है जिसकी अध्यक्षता स्वयं प्रधानमंत्री करते हैं। परियोजना में सीसीईए ने 5,35,000 करोड़ रुपये की लागत पर 34,800 किलोमीटर सड़क बनाने के लिए मंजूरी दी थी। लेकिन असल में ठेका 26,316 किलोमीटर राजमार्गों को ही दिया गया, जिसकी स्वीकृत लागत 8,46,588 करोड़ रुपये थी। जिन परियोजनाएं के लिए 15.37 करोड़ रुपए प्रति किमी की लागत को मंजूरी दी, वो बढ़ कर दोगुनी से भी अधिक हो गई।