Independence day in rajasthan: स्वतंत्रता दिवस की हर जगह धूम, सीएम आवास पर अशोक गहलोत ने किया ध्वजारोहण
देश में आज हर जगह स्वतंत्रता दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सिविल लाइंस स्थित अपने आवास पर ध्वजारोहण किया और देश वासियों को शुभकामनाएं दी।
जयपुर : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वतंत्रता दिवस पर मंगलवार को सुबह सात बजे जयपुर में सिविल लाइंस स्थित मुख्यमंत्री निवास पर ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्यमंत्री निवास के अधिकारी, कर्मचारी, उनके बच्चे और सुरक्षाकर्मी भी उपस्थित थे। ध्वजारोहण के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी के साथ तस्वीरें खिंचवाईं और स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं।
राजस्थान में सबसे ज्यादा बार ध्वजारोहण करने वाले मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया थे। सुखाड़िया करीब 17 वर्षों तक (1954 से 1971 तक) राजस्थान के सीएम रहे। इस दौरान उन्होंने 16 बार स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण किया।
राजस्थान के हर जिले में स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है। लोग खुशी से आजादी का पर्व मना रहे है। इस दौरान राजस्थान सरकार के प्रत्येक मंत्री अपने क्षेत्र में आजादी का महोत्सव मनाएंगे। पिंक सिटी जयपुर पूरा तिरंगे में सज गया है। हर घर आजादी की खुशियां मन रही हैं।
बतौर सीएम ध्वजारोहण में गहलोत 23 वें स्थान पर
देश में सर्वाधिक बार सीएम रहते हुए स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण का रिकॉर्ड सिक्किम के पूर्व सीएम पवन चामलिंग के नाम दर्ज है। चामलिंग करीब 24 वर्ष 9 महीनों तक (1994-2019) सीएम रहे। इस दौरान उन्होंने 24 बार यह उपलब्धि हासिल की।
चामलिंग के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाले हैं ओडिशा के वर्तमान सीएम नवीन पटनायक। वे पिछले 23 वर्ष से निरंतर इस पद पर हैं। पटनायक के बाद तीसरे स्थान पर रहे हैं पश्चिमी बंगाल के पूर्व सीएम ज्योति बसु। बसु करीब 22 वर्ष सीएम रहे हैं। बतौर सीएम सबसे ज्यादा बार ध्वजारोहण के मामले में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत 23 वें स्थान पर हैं।
राजस्थान में शेखावत ने 11, राजे ने 10 बार किया ध्वजरोहण
राजस्थान में सुखाड़िया और गहलोत के बाद सर्वाधिक बार बतौर मुख्यमंत्री ध्वजारोहण का रिकॉर्ड भैरोंसिंह शेखावत और वसुंधरा राजे के नाम है। शेखावत और राजे ने क्रमश: 11 और 10 बार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर यह गौरव हासिल किया है।
शेखावत ने 1977 से 1980 और 1990 से 1998 के बीच तीन अलग-अलग कार्यकाल में और राजे ने 2003 से 2008 व 2013 से 2018 के बीच दो अलग-अलग कार्यकाल में यह उपलब्धि हासिल की।