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झुंझुनूं : करगिल शहीद हरफूल को ग्रामीणों ने अर्पित किए श्रद्धा के फूल


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झुंझुनूं : करगिल शहीद हरफूल को ग्रामीणों ने अर्पित किए श्रद्धा के फूल

करगिल शहीद हरफूल को ग्रामीणों ने अर्पित किए श्रद्धा के फूल

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल 

झुंझुनूं : जिला मुख्यालय के सीमावर्ती गांव तिलोको का बास झुंझुंनूं में करगिल शहीद सुबेदार हरफूलसिंह कुल्हरि की 24वीं पुण्यतिथि पर ग्रामीणों ने शहीद स्मारक पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। तिलोकों का बास, झुंझुनूं में शहीद स्मारक पर मंगलवार सुबह शहीद परिवार, ग्राम पंचायत बिरमी एवं आस-पास के गणमान्य लोगों एवं महिलाओं ने शहीद प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर व माला पहना कर श्रद्धांजलि दी। वीरांगना सुगनी देवी, रीटा चौधरी, विधायक मंडावा, प्रवीण कूलहरी, प्रदीप कुल्हरी, सरोज देवी, प्रियंका देवी, उम्मेद सिंह भाकर, प्रेम देवी, मोहरसिह, कमलकांत भाकर, दांदु सरपंच रामकरण फगेड़िया, समाजसेवी महेंद्र चन्दवा, पंचायत समिति सदस्य किरोड़ी पायल, नोरंग कुलहरी, प्यारेलाल कालेर, सतपाल कुलहरी, रामप्रताप बुडानिया, महिपाल महला, महेन्द्र चंदवा, दिनेश झाझडिया पंचायत समिति सदस्य, संजीव सरपंच (तोगड़ा) सहित सैकड़ों महिला व पुरुषों ने शहीद हरफूल सिंह को नमन करते हुए।

उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त की। कार्यक्रम में नवरत्नगिरि महाराज ने कहा कि देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देनेवाले जवानों से आनेवाला हर कल प्रेरणा लेता रहेगा। उन्होंने कहा करगिल विजय में महत्वपूर्ण भूमिका निभानेवाले इस मरुधरा के लाल हरफूल ने दुश्मनों को नाको चने चबा दिए और पीठ नहीं दिखाई। उनकी बहादूरी पर हमें गर्व है। उनका कहना था जब एक नौजवान देश की रक्षा के लिए सीमा पर जाता है तो केवल एक परिवार ही तैयार नहीं होता है, बल्कि तैयार होते हैं बूढ़े मां बाप के कई सपने, चूड़ी, मंगलसूत्र और तैयार होती कई हसरतें। जब कभी उनका लाल आतंकी हमलों में शहीद होता है तो इस धरती मां का सीना फट जाता है, रूह कांप जाती है। चकनाचूर हो जाते बूढ़े मां बाप के सपने, खामोश हो जाती है चुड़ियों की खनक, मिट जाती है माथे की बिंदी, और रह जाती है वो मुस्कान एक सफेद कागज की तरह खामोश हो कर है। जब एक जवान शहीद होता है तो केवल एक परिवार ही नहीं रोता, बल्कि पूरा देश रोता है। वो हर इंसान रोता है जो शहादत के मायने समझता है, वो हर नागरिक रोता है जो अपने देश के प्रति प्यार रखता है। तिरंगे से लिपटे जवान को जब एक मां, पत्नी, बेटा, बेटी, भाई, बहन आखरी बार अपने सीने से लगातें हैं तो देश की 133 करोड़ आंखों में, लबों पर एक ही बात होती है की हमारा शहीद अमर रहे अमर रहे। इस मौके पर ग्रामीणों ने हरफूल सिंह अमर रहे और भारत माता की जयघोष के साथ श्रद्धासुमन अर्पित किए।

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