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मानोता जाटान -लोयल सड़क का खुला सच: करोड़ों की लागत से बनी सड़क तीन दिन में टूट गई, गुणवत्ता की पोल खुली


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मानोता जाटान -लोयल सड़क का खुला सच: करोड़ों की लागत से बनी सड़क तीन दिन में टूट गई, गुणवत्ता की पोल खुली

ग्रामीणों का आरोप-घटिया निर्माण और ढीली निगरानी के चलते सड़क पैदल चलने मात्र पर उखड़ गई, विरोध प्रदर्शन कर पुनः डामरीकरण की मांग

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : विजेन्द्र शर्मा

खेतड़ी : खेतड़ी में पीडब्ल्यूडी विभाग की कार्यशैली पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। मानोता जाटान के शहीद सुमेर सिंह पायल स्मारक से लोयल गांव तक लगभग 4 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण पूरा होने के महज तीन दिन बाद ही सड़क टूटने लगी। जगह-जगह डामर और कंक्रीट बाहर निकल आए हैं, जिससे सड़क की गुणवत्ता की पोल खुल गई है।करीब एक करोड़ रुपये की लागत से बनी इस सड़क को लेकर ग्रामीणों में भारी रोष है। उनका कहना है कि सड़क इतनी खराब बनी है कि पैदल चलने मात्र पर सतह टूट रही है। कई स्थानों पर कंक्रीट पूरी तरह बाहर आ चुका है। इसके कारण आवागमन मुश्किल हो रहा है और हादसों का खतरा लगातार बढ़ गया है।गुरुवार को लोयल और मानोता जाटान के ग्रामीणों ने कैप्टन विनोद काजला और चंदगीराम ढाका के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण के दौरान सड़क में उचित मात्रा में सामग्री नहीं डाली जा रही थी। इस कारण 24 नवंबर को उन्होंने काम भी रुकवाया था, लेकिन इसके बावजूद सड़क निर्माण पूरा कर दिया गया।

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया और विभागीय निगरानी भी नहीं थी। उनका कहना है कि यह न केवल सरकारी धन की बर्बादी है, बल्कि ग्रामीणों की सुरक्षा के साथ भी खिलवाड़ है।प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने सड़क के पुनः डामरीकरण की मांग को लेकर नारेबाजी की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि समय रहते सड़क का सही तरीके से निर्माण नहीं किया गया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

ग्रामीण करेंगे विधायक और कलेक्टर से शिकायत, बड़े आंदोलन की दी चेतावनी

ग्रामीणों ने निर्णय लिया है कि रविवार को वे खेतड़ी विधायक इंजीनियर धर्मपाल गुर्जर से मिलेंगे और सोमवार को जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे। यदि इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन और पीडब्ल्यूडी विभाग की होगी।

खेतड़ी क्षेत्र में सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप, जिम्मेदार कौन-जनप्रतिनिधि या प्रशासन?

खेतड़ी उपखंड क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में बन रही सड़कों को लेकर लगातार भ्रष्टाचार की शिकायतें सामने आ रही हैं। जगह-जगह घटिया निर्माण के विरोध में ग्रामीण प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके बावजूद जनप्रतिनिधि और जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं।

करोड़ों रुपये की लागत से बनी सड़कें कुछ ही दिनों में उखड़ रही हैं। इससे सरकारी धन की बर्बादी हो रही है और आम जनता की सुरक्षा भी खतरे में पड़ गई है। ऐसे में लोगों के बीच यह सवाल गहराता जा रहा है कि इस पूरे भ्रष्टाचार का जिम्मेदार आखिर कौन है-जनप्रतिनिधि या प्रशासन?

विरोध प्रदर्शन में शामिल ग्रामीण:
विरोध पदर्शन में लीलूराम ढाका, सूबेदार चंदगीराम ढाका, कैप्टन विनोद काजला, देवकरण मास्टर, नरेश ढाका, धर्मेंद्र काजला, मुकेश, राकेश, रविन कुमार, सुरेश ताखर, नरेंद्र ढाका, सचिन बेरवाल, प्रमोद सिंह, रजनीश बेरवाल, रामेश्वर लाल काजला, देबू राम ढाका, अशोक काजला सहित अनेक ग्रामीण मौजूद रहे।

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