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95 लाख की लागत से बनी सड़क 12 घंटे में उखड़ी, भ्रष्टाचार का आरोप


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95 लाख की लागत से बनी सड़क 12 घंटे में उखड़ी, भ्रष्टाचार का आरोप

ग्रामीणों ने जताया विरोध - हाथों और कुत्तों के पंजों से उखड़ रही डामर परत

जनमानस शेखावाटी सवंददाता : नैना शेखावत

श्रीमाधोपुर : सीकर जिले के श्रीमाधोपुर विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत सकराय के सैंदाला भगवानपुरा गांव में 95 लाख रुपये की लागत से बनी नई सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। 2.55 किमी लंबी यह सड़क 9 दिसंबर की देर शाम बनाई गई, लेकिन अगले ही दिन सुबह होते-होते जगह-जगह से उखड़ने लगी। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क इतनी कमजोर बनी कि कुत्तों के पंजों और हाथों से खुरचने पर ही डामर की परत उखड़कर अलग हो रही है।

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि निर्माण कार्य में बेहद घटिया सामग्री का उपयोग हुआ है और यह भ्रष्टाचार का नतीजा है। उन्होंने बताया कि यह सड़क चीपलाटा-अजमेरी मार्ग से सैंदाला भगवानपुरा तक बनाई गई है, जिसके लिए 9 सितंबर 2025 को यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने शिलान्यास किया था। निर्माण 9 दिसंबर की दोपहर बाद शुरू हुआ और रातों-रात बिना किसी मॉनिटरिंग के पूरा कर दिया गया।

ग्रामीणों ने बताया कि जब वे सुबह सड़क पर पहुंचे, तो डामर की सतह हाथों से खुरचने पर ही निकलने लगी। सड़क का कोई भी लेवल या गुणवत्ता मानक नजर नहीं आया। मौके पर किसी भी प्रकार का पीडब्ल्यूडी अधिकारी मौजूद नहीं था।

ग्रामीणों ने बताया कि श्रीमाधोपुर उपखंड और अजीतगढ़ क्षेत्र में पीडब्ल्यूडी की लापरवाही कोई नई बात नहीं है।

  • बताया गया कि टोडा व सांवलपुरा तवरान में 10 दिन पहले किए गए पेचवर्क भी 4-5 दिन में उखड़ गए।

  • जलेबी चौक से चिपलाटा तक बनी सड़क भी पिछले साल तैयार की गई थी, लेकिन इस वर्ष कई हिस्सों में टूट गई जिसके बाद किया गया पेचवर्क भी टिक नहीं पाया।

ग्रामीणों का आरोप है कि पीडब्ल्यूडी अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से निम्न गुणवत्ता का काम किया जा रहा है, जिसके कारण सड़कों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। उनका कहना है कि नई सड़क निर्माण के दौरान तकनीकी कनिष्ठ अभियंता या सहायक अभियंता का मौके पर मौजूद रहना अनिवार्य होता है, लेकिन इस सड़क का निर्माण रात में बिना किसी अधिकारी की निगरानी के कर दिया गया।

ग्रामीणों ने इसकी शिकायत अधिकारियों को दी है और मांग की है कि सड़क निर्माण में हुई लापरवाही, भ्रष्टाचार और जिम्मेदार अधिकारियों-ठेकेदारों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

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