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आईआईटी दिल्ली के छात्रों ने चिड़ावा में समझा जल संरक्षण:डालमिया सेवा संस्थान के जल, कृषि, पर्यावरण संरक्षण कार्यों का किया दौरा


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आईआईटी दिल्ली के छात्रों ने चिड़ावा में समझा जल संरक्षण:डालमिया सेवा संस्थान के जल, कृषि, पर्यावरण संरक्षण कार्यों का किया दौरा

आईआईटी दिल्ली के छात्रों ने चिड़ावा में समझा जल संरक्षण:डालमिया सेवा संस्थान के जल, कृषि, पर्यावरण संरक्षण कार्यों का किया दौरा

चिड़ावा : आईआईटी, नई दिल्ली के डिजाइन विभाग के विद्यार्थियों और डीन प्रो. पीवीएम राव के एक दल ने चिड़ावा में रामकृष्ण जयदयाल डालमिया सेवा संस्थान के कार्यों का अवलोकन किया। यह दल जल एवं पर्यावरण संरक्षण के कार्यों को समझने के लिए पांच दिवसीय दौरे पर चिड़ावा क्षेत्र में आया है।

दौरे के पहले दिन, संस्थान के परियोजना प्रबंधक भूपेंद्र पालीवाल ने छात्रों को संस्थान परिसर में स्थित जल संसाधन केंद्र दिखाया। एक प्रेजेंटेशन से संस्थान के कार्यों की जानकारी दी। इसके बाद दल ने चिड़ावा पंचायत समिति क्षेत्र के इस्माईलपुर और ढाणी इस्माईलपुर गांवों का दौरा किया, जहां वर्षाजल, पर्यावरण संरक्षण और समन्वित कृषि प्रणाली के तहत रबी फसलों एवं फल वृक्षों के बगीचों का अवलोकन किया गया।

इस दौरान संस्थान के जल संसाधन एवं ग्रामीण विकास समन्वयक संजय शर्मा ने इन गांवों में सरकारी स्कूल में बनी मॉडल साइट, सवाई सागर तालाब और भूजल स्तर के बारे में जानकारी दी। उन्होंने विद्यार्थियों को संस्थान द्वारा किए जा रहे वर्षा जल संग्रहण कूप, पुनर्भरण कूप, पीजोमीटर, सोखती कुई और टांका जैसे विभिन्न कार्यों के बारे में विस्तार से बताया।

संस्थान के कृषि एवं वानिकी समन्वयक शुभेंद्र भट्ट ने श्मशान भूमि में ‘एक लीटर पानी’ तकनीक से हुए पौधारोपण, बिजलीघर में बीज से तैयार बरगद की पौध, नर्सरी और सवाई सागर तालाब पर लगे बगीचे का परिचय कराया। उन्होंने बताया कि इस बगीचे में सौर ऊर्जा के माध्यम से ड्रिप सिंचाई का उपयोग कैसे किया जाता है।

इस दौरे के दौरान संस्थान के कृषि व जल संसाधन क्षेत्रीय पर्यवेक्षक सूरजभान रायला और बलवान सिंह, आईआईटी दिल्ली के विद्यार्थियों का दल तथा बीरबल सिंह सहित कई ग्रामीण जन उपस्थित रहे।

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