नवलगढ़ में श्री गीता जयंती का भव्य आयोजन
गीताजी जीवन की सबसे बड़ी औषधि : आचार्य नीरज शौनक
जनमानस शेखावाटी संवाददाता : रविन्द्र पारीक
नवलगढ़ : श्री कृष्णानंद जी सरस्वती के निर्वाण दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रमों के तहत सोमवार को श्री कृष्ण कुटीर बावड़ी गेट पर श्री गीता जयंती का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की जानकारी देते हुए मुरारी लाल इंदौरिया ने बताया कि आचार्य नीरज शौनक ने गीता जी की सामूहिक आरती के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ करवाया। आरती के पश्चात मनचस्थ अतिथियों में आचार्य नीरज शौनक मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे, जबकि अध्यक्षता ठाकुर आनंदसिंह ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में रामकुमार सिंह राठौड़ और वैद्य रामकृष्ण शौनक मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन कवि हरीश हिन्दुस्तानी ने किया।
मुख्य वक्ता आचार्य नीरज शौनक ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज के दौड़ भाग भरे जीवन में यदि कोई सबसे बड़ी औषधि है, तो वह गीताजी है। उन्होंने कहा कि यदि युवा इसे अपने जीवन में उतारता है, तो यह तय है कि उसकी जीवनशैली में बड़ा बदलाव संभव है।
अध्यक्षता कर रहे ठाकुर आनंदसिंह ने कहा कि यदि मनुष्य गीताजी को अपने जीवन में उतार ले, तो उसकी कई पीढ़ियों का कल्याण हो जाएगा। उन्होंने इसे जीवन में एक बड़ा परिवर्तन लाने वाला माध्यम बताया। विशिष्ट अतिथि रामकुमार सिंह ने सभी को गीताजी पर एक सामूहिक गीत करवाया। विशिष्ट अतिथि वैद्य रामकृष्ण शौनक ने इसे पूरी सृष्टि के कल्याण का माध्यम बताया।
कार्यक्रम के अंत में शैलेन्द्र मिश्रा ने उपस्थित सभी लोगों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर रविदत्त पालीवाल, गोपीराम पाटोदिया, नटवर मानसिंहका, योगेन्द्र मिश्रा, रवि ढ़ंड, राजेंद्र बीबासरिया, मेजर डी.पी शर्मा, सज्जन जोशी, श्रीकांत पारीक, रतन कुमार, त्र्यंबकेश्वर त्रिपाठी सहित बड़ी संख्या में मातृशक्ति और श्रद्धालुगण उपस्थित रहे।
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