झुंझुनूं में 50 हजार पशुओं का होगा रजिस्ट्रेशन:मोबाइल से भी कर सकेंगे पंजीकरण; जानें-क्या होंगे नियम और कैसे कर सकेंगे बीमा
झुंझुनूं में 50 हजार पशुओं का होगा रजिस्ट्रेशन:मोबाइल से भी कर सकेंगे पंजीकरण; जानें-क्या होंगे नियम और कैसे कर सकेंगे बीमा
झुंझुनूं : मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के तहत झुंझुनूं जिले में इस साल 50 हजार पशुओं का निशुल्क बीमा किया जाएगा। इसके लिए रजिस्ट्रेशन 21 नवंबर से शुरू होंगे, जबकि 1 दिसंबर से ग्रामीण स्तर पर विशेष बीमा शिविर लगाए जाएंगे। विभाग का दावा है कि इस बार पूरी प्रक्रिया को सरल और तेज बनाया गया है, ताकि पशुपालकों को बार-बार दौड़ना न पड़े और पॉलिसी समय पर जारी हो सके।
प्रदेश में 21 लाख पशुओं को मिलेगा बीमा सुरक्षा
राज्य में योजना के तहत इस वर्ष भी कुल 21 लाख पशुओं को मुफ्त बीमा कवर मिलेगा। पिछले साल की बजट घोषणा को मिलाकर दो वर्षों में यह संख्या 42 लाख तक पहुंचाई जाएगी। वर्ष 2024-25 की तरह इस बार भी 5-5 लाख दुधारू गाय–भैंस, 5-5 लाख भेड़–बकरी और 1 लाख ऊंटों का बीमा किया जाएगा।2025-26 को जोड़ते हुए दो वर्षों में दुधारू पशुओं का लक्ष्य 10-10 लाख, भेड़–बकरी 10-10 लाख और ऊंट 2 लाख तक किया गया है।

जिले में 50 हजार का लक्ष्य
झुंझुनूं जिले की 8 तहसीलों—झुंझुनूं, मलसीसर, उदयपुरवाटी, नवलगढ़, खेतड़ी, चिड़ावा, सूरजगढ़ और बुहाना—में कुल 50 हजार पशुओं का बीमा किया जाएगा।इनमें शामिल होंगे:
- 12 हजार 500 गाय
- 13 हजार 700 भैंस
- 9 हजार 400 भेड़
- 10 हजार बकरी
- 4 करीब 500 ऊंट
पशुपालन विभाग ने ब्लॉक स्तर के अधिकारियों को लक्ष्य पूरा करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
मोबाइल से खुद कर सकेंगे रजिस्ट्रेशन
इस बार पशुपालक अपने एंड्रॉयड फोन से खुद रजिस्ट्रेशन कर पाएंगे। इसके लिए जनाधार कार्ड जरूरी रहेगा।रजिस्ट्रेशन के दौरान—
- पशुपालक और पशु की फोटो अपलोड करनी होगी
- पशु का ईयर टैग नंबर भरना होगा
- जनाधार से जुड़ा मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा
रजिस्ट्रेशन की सुविधा ई-मित्र केंद्रों और शिविरों में भी उपलब्ध रहेगी। इस बार एक जनाधार कार्ड से 1 की बजाय 10 ऊंटों का बीमा कराया जा सकेगा।

सर्वेयर और पशु चिकित्सक एक साथ जाएंगे, पॉलिसी 7 दिन में
पिछले साल पॉलिसियों में देरी की शिकायतें थीं, क्योंकि सर्वेयर और पशु चिकित्सक अलग-अलग जाते थे।इस बार—
- दोनों एक साथ पशुपालक के घर जाएंगे
- मौके पर ही सर्वे और दस्तावेजों का सत्यापन होगा
- बीमा प्रस्ताव तुरंत SIPF को भेजा जाएगा
इससे पॉलिसी एक सप्ताह के भीतर जारी होने की उम्मीद है। जिन पशुपालकों की लॉटरी पहले निकल चुकी है और सर्वे हो चुका है लेकिन पॉलिसी लंबित है, उन्हें भी इसी प्रक्रिया से लाभ मिलेगा।
1 दिसंबर से फरवरी 2026 तक शिविर अभियान
जिले में ग्राम स्तर पर 1 दिसंबर से फरवरी 2026 तक शिविर चलेंगे। शिविरों में-
- स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी होगा
- सर्वे टीम मौके पर बीमा प्रक्रिया पूरी करेगी
पॉलिसी जारी होने के बाद 21 दिन का ग्रेस पीरियड रहेगा। इस दौरान मौत का दावा स्वीकार नहीं होगा। इसके बाद यदि पशु की मृत्यु होती है, तो तुरंत जानकारी देनी होगी।
पहले से बीमित पशुओं का दोबारा बीमा नहीं
जिन पशुओं का बीमा पहले से वैध है, उन्हें दोबारा कवर नहीं किया जाएगा। वे स्वतः इस योजना में शामिल माने जाएंगे। संयुक्त निदेशक शिव कुमार ने पशुपालकों से अपील की है कि वे जनाधार से जुड़े बैंक खाते और मोबाइल नंबर अपडेट करवा लें। राजस्थान ग्रामीण बैंक के विलय के बाद कई खातों के नंबर बदले गए हैं। खाते अपडेट न होने पर बीमा राशि भुगतान में परेशानी आ सकती है।साथ ही जिन पशुओं पर ईयर टैग नहीं है, उनकी टैगिंग करवाना अनिवार्य है।
पहले आओ–पहले पाओ पर पंजीकरण
योजना पूरी तरह “पहले आओ–पहले पाओ” आधार पर चलेगी। जो पशुपालक जल्दी पंजीकरण करवाएंगे, उन्हें प्राथमिकता मिलेगी। पंजीकरण मार्च तक जारी रहेंगे, जबकि बीमा शिविरों से सर्वे और पॉलिसी प्रक्रिया को तेज किया जाएगा।
मोबाइल नहीं चलाना आता? फिर भी रजिस्ट्रेशन आसान
जिन ग्रामीणों को मोबाइल चलाना नहीं आता, वे शिविरों में आसानी से पंजीकरण करा सकेंगे। ई-मित्र संचालक और बीमा एजेंट मौके पर ही SIPF पोर्टल पर फार्म भर देंगे।
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