झुंझुनूं में बिना फिटनेस 1000+भारी वाहनों को नोटिस जारी:15 दिन में फिटनेस नहीं कराने पर RC सस्पेंड करने की दी चेतावनी
झुंझुनूं में बिना फिटनेस 1000+भारी वाहनों को नोटिस जारी:15 दिन में फिटनेस नहीं कराने पर RC सस्पेंड करने की दी चेतावनी
झुंझुनूं : झुंझुनूं की सड़कों पर दौड़ते डंपर, ट्रक और ट्रेलर अब केवल माल नहीं, बल्कि लापरवाही का बोझ भी ढो रहे थे। जिले में पंजीकृत करीब 1700 भारी वाहनों में से एक हजार से अधिक ऐसे थे जिनकी फिटनेस काफी समय पहले समाप्त हो चुकी थी, लेकिन ये बेरोकटोक सड़कों पर मौत बनकर दौड़ रहे थे। अब विभाग ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। 1000 से अधिक वाहन मालिकों को नोटिस जारी किए हैं।
जिला परिवहन अधिकारी (DTO) मोनू मीणा ने बताया कि बिना फिटनेस, इंश्योरेंस और पोल्यूशन वाले वाहनों के खिलाफ सख्ती की जा रही है। विभाग ने 1000 से अधिक लापरवाह वाहन मालिकों को अंतिम चेतावनी देते हुए 15 दिन की मोहलत दी है- फिटनेस कराओ या फिर RC निलंबन के लिए तैयार रहो।
जिले में भारी वाहनों की खतरनाक स्थिति
जिला परिवहन विभाग की विस्तृत जांच में सामने आया कि झुंझुनूं जिले में भारी वाहनों की स्थिति सड़क सुरक्षा के लिहाज़ से बेहद चिंताजनक थी। जिले में पंजीकृत वाहन: जिले में डंपर, ट्रक, ट्रेलर और अन्य लोडिंग वाहन करीब 1700 पंजीकृत हैं। इनमें से एक हजार से अधिक वाहनों की फिटनेस अवधि समाप्त हो चुकी थी। कुछ की फिटनेस दो माह पहले, जबकि कई की छह माह से भी अधिक समय पहले खत्म हो चुकी थी। इन वाहनों का लगातार सड़कों पर चलना बड़े सड़क हादसों का एक प्रमुख कारण बन रहा था, क्योंकि बिना फिटनेस के ब्रेक सिस्टम, टायर और लोडिंग स्ट्रक्चर असुरक्षित हो जाते हैं।
हालिया बड़े हादसों ने बढ़ाई प्रशासनिक सख्ती
प्रदेश में हुए दो भीषण सड़क हादसों ने सरकार को भारी वाहनों की जांच के लिए जीरो टॉलरेंस नीति अपनाने पर मजबूर कर दिया। जैसलमेर हादसा: स्लीपर बस में लगी आग से 26 यात्रियों की दर्दनाक मौत। हरमाड़ा (जयपुर) हादसा: शराबी डंपर चालक ने 15 लोगों को कुचला। सरकार के निर्देशों के बाद परिवहन विभाग ने प्रदेशभर में बिना फिटनेस वाले वाहनों के खिलाफ व्यापक जांच अभियान शुरू कर दिया है।
झुंझुनूं में परिवहन विभाग का सघन जांच अभियान
डीटीओ मोनू मीणा के नेतृत्व में परिवहन निरीक्षकों की टीमें पिछले एक सप्ताह से जिले के प्रमुख चौराहों और हाईवे पर मुस्तैद हैं। जांच के मुख्य बिंदु: हर गुजरते भार वाहन के फिटनेस, इंश्योरेंस, पोल्यूशन और रजिस्ट्रेशन दस्तावेजों की गहन जाँच की जा रही है। तत्काल कार्रवाई: फिटनेस नहीं पाए जाने पर वाहन मालिकों को तत्काल नोटिस जारी किए जा रहे हैं। विभाग ने एक हजार से अधिक वाहन मालिकों को नोटिस जारी कर 15 दिन की मोहलत दी है ताकि वे अपने वाहनों के सभी दस्तावेज पूरे करा लें। अगर इस अवधि में वाहन मालिक फिटनेस नहीं कराते हैं, तो विभाग सीधे उनकी RC (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) निलंबित कर देगा। अब तक की कार्रवाई: विभाग अब तक 10 वाहनों की RC निलंबित कर चुका है, जबकि 20 से अधिक वाहनों के चालान काटे गए हैं।
फिटनेस सेंटरों पर लगी कतार
सख्ती अभियान शुरू होने का सकारात्मक प्रभाव अब ज़मीनी स्तर पर दिखने लगा है। विभागीय कार्रवाई के डर से वाहन मालिक अब अपनी गाड़ियों को फिटनेस, बीमा और पोल्यूशन जांच के लिए तेजी से ले जा रहे हैं।
फिटनेस क्यों जरूरी
भारी वाहनों की फिटनेस जांच केवल एक सरकारी औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह सड़क सुरक्षा की पहली शर्त है। फिटनेस के दौरान ब्रेक सिस्टम, इंडिकेटर, साइलेंसर, टायर, हेडलाइट, व्हील बेस, लोडिंग स्ट्रक्चर और बॉडी की स्थिति की बारीकी से जांच की जाती है। इसके साथ ही वाहन के प्रदूषण स्तर की भी माप की जाती है। खराब फिटनेस वाले वाहनों में ढुलान वाले क्षेत्रों में ब्रेक फेल होने या तकनीकी खराबी आने से भयानक हादसे होने का खतरा बढ़ जाता है। ओवरलोडिंग भी फिटनेस को सीधे प्रभावित करती है और दुर्घटनाओं की संभावना को बढ़ाती है।
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