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झुंझुनूं : भागवत कथा श्रवण के साथ साथ उस पर अमल भी करना चाहिए – संत श्री राजाराम जी


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झुंझुनूं : भागवत कथा श्रवण के साथ साथ उस पर अमल भी करना चाहिए – संत श्री राजाराम जी

भागवत कथा श्रवण के साथ साथ उस पर अमल भी करना चाहिए - संत श्री राजाराम जी

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल

झुंझुनूं : झुंझुन कथा के आयोजक श्री विश्वकर्मा मंदिर झुन्झुनू,के विश्वकर्मा मंदिर में चल रही संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के आज तीसरे दिन चित्रकूट से पधारे श्रद्धेय राजाराम जी महाराज ने अजामिल उपाख्यान, गजेन्द्र मोक्ष , वामन अवतार व भक्त प्रह्लाद की कथा बहुत ही रोचक ढंग से सुनाई । महाराज ने बताया कि अंहकार, गर्व, घृणा, ईर्ष्या से मुक्त होने से ही ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है । ईर्ष्यालु व्यक्ति कभी अपने जीवन में तरक्की नहीं कर सकता है । महाराज ने वामन अवतार की कथा सुनाते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत की कथा सुनने से मनुष्य के कई जन्मों के पापो का क्षय होता है । हमें भागवत कथा सुनने के साथ साथ उस पर अमल भी करना चाहिए । वामन अवतार के रूप में भगवान विष्णु ने राजा बलि को यह शिक्षा दी कि दंभ और अंहकार से जीवन में कुछ भी हासिल नहीं होता है ‌ यह धन संपदा, वैभव क्षण भंगुर है ।यदि मनुष्य अपना उद्धार चाहता है तो उसे अपना जीवन परोपकार में भी लगाना चाहिए ।

भक्त प्रह्लाद की कथा सुनाते हुए महाराज ने कहा कि मनुष्य को जीवन में भक्त बनना चाहिए, जो भक्त बन जाता है उसकी सारी समस्याओं का निदान भगवान स्वयं करते हैं । जैसे बालक प्रह्लाद की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान ने नरसिंह अवतार लेकर हिरणाकश्यप का वध किया था । कथा के संयोजक भाजपा नेता महेश बसावतिया ने बताया कि आज के मुख्य अतिथि व पूजन के यजमान अमरनाथ जांगीड़ व उनकी धर्मपत्नी सुनीता जांगीड़ थे । कथा में हरिकिशन जांगीड़, प्रभु दयाल जांगीड़, महेश जांगीड़, दिनेश जांगीड़ आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे । आज वामन अवतार की मनमोहक झांकी कथा का मुख्य आकर्षण थी ।

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