[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

चिड़ावा में सार्वजनिक शौचालच बदहाल:पानी की कमी से लोग परेशान, नगरपालिका से समाधान की मांग


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
चिड़ावाझुंझुनूंटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

चिड़ावा में सार्वजनिक शौचालच बदहाल:पानी की कमी से लोग परेशान, नगरपालिका से समाधान की मांग

चिड़ावा में सार्वजनिक शौचालच बदहाल:पानी की कमी से लोग परेशान, नगरपालिका से समाधान की मांग

चिड़ावा : चिड़ावा के विवेकानंद चौक स्थित सार्वजनिक पेशाबघर पानी की कमी के कारण बंद पड़ा है। शहर की इस व्यस्ततम जगह पर टॉयलेट की बदहाली से राहगीरों और स्थानीय दुकानदारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

दुकानदारों का कहना है कि पहले स्थानीय दुकानदार ही अपने खर्च पर इसकी सफाई करवाते थे, लेकिन अब स्थिति इतनी खराब है कि पेशाबघर पूरी तरह से अनुपयोगी हो गया है। पानी की व्यवस्था न होने से यह पूरी तरह से ठप पड़ा है, जिससे स्वच्छता और सुविधा दोनों प्रभावित हो रही हैं।

दुकानदारों और स्थानीय लोगों ने मांग की है कि पालिका इस पेशाबघर की सुध ले। उनकी गुहार है कि नियमित सफाई और पानी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि बाजार में आने वाले लोगों को इस असुविधा से निजात मिल सके।

स्थानीय दुकानदार रमेश कोतवाल ने कहा कि इस सार्वजनिक समस्या के लिए नगरपालिका, जलदाय विभाग और जनप्रतिनिधियों को आगे आना चाहिए।

स्थानीय लोगों ने नगरपालिका से अपील की है कि वह तुरंत कदम उठाए, पेशाबघर की सफाई और पानी की व्यवस्था करे। ताकि विवेकानंद चौक की गरिमा और सुविधा बरकरार रहे।

दुकानदार महेंद्र वर्मा ने बताया कि चौक में स्थित कुएं से पहले पानी की आपूर्ति होती थी। लेकिन अब ये कुआं भी बंद हो गया। यहां पर जलदाय विभाग को जल्द से जल्द कुआं बनवाकर पेयजल समस्या का भी निराकरण करना चाहिए। बिना पानी के तो प्याऊ भी बंद है। इससे पीने के पानी को लेकर भी लोग काफी परेशान हो रहे हैं।

मामले को लेकर भाजपा नेता राजेश दहिया ने कहा कि विवेकानंद चौक में नए सार्वजनिक कुएं के निर्माण को लेकर प्रस्ताव बनाकर भेजा जा रहा है। पेयजल समस्या और पेशाबघर की समस्या के निराकरण का भी प्रयास किया जाएगा।

नगरपालिका ईओ रोहित मील ने कहा कि शहर के शौचालयों की सफाई के लिए कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है। जो भी समस्या है उसके समाधान के प्रयास किए जाएंगे।

Related Articles