झुंझुनूं में कर्मचारी बोले- संवाद नहीं, सिर्फ वादे मिल रहे:बिजली कर्मचारियों का प्रदर्शन, मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो 15 अक्टूबर से धरना
झुंझुनूं में कर्मचारी बोले- संवाद नहीं, सिर्फ वादे मिल रहे:बिजली कर्मचारियों का प्रदर्शन, मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो 15 अक्टूबर से धरना

झुंझुनूं : झुंझुनूं में सोमवार को बिजली कर्मचारियों ने अधीक्षण अभियंता कार्यालय में प्रदर्शन कर अपनी लंबित मांगों और समस्याओं के समाधान की मांग उठाई। प्रदर्शन के बाद एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अधीक्षण अभियंता को ज्ञापन सौंपकर चेतावनी दी कि यदि राज्य सरकार और निगम प्रबंधन ने जल्द बातचीत कर समाधान नहीं किया, तो 15 अक्टूबर से जोधपुर डिस्कॉम स्तर पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया जाएगा।
कर्मचारियों का कहना है कि वे सालों से अपनी जायज मांगों को लेकर राज्य सरकार और निगम प्रबंधन से संवाद की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई पहल नहीं की गई। इसी उपेक्षा के विरोध में पहले 24 सितंबर को तहसील स्तर पर और 6 अक्टूबर को जिला स्तर पर प्रदर्शन किया गया था। अब आंदोलन को चरणबद्ध तरीके से पूरे प्रदेश में फैलाने की तैयारी की जा रही है।
कर्मचारियों बोले – संवाद नहीं, सिर्फ वादे मिल रहे
प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने कहा –किसी भी संस्थान का संचालन तभी बेहतर हो सकता है जब वहां के कार्मिकों की समस्याओं को प्राथमिकता दी जाए।
बार-बार निवेदन के बावजूद ऊर्जा विभाग और निगम प्रबंधन की ओर से वार्ता का समय तक नहीं दिया गया। इससे कर्मचारियों में गहरा रोष है।
ज्ञापन में कहा गया है कि राज्य के पांचों विद्युत निगमों जैसे राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम, प्रसारण निगम, जयपुर डिस्कॉम, अजमेर डिस्कॉम और जोधपुर डिस्कॉम के तकनीकी कार्मिक अपनी कई वर्षों से लंबित मांगों को लेकर परेशान हैं।
इंटर डिस्कॉम तबादला नीति और वेतन संबंधी मांगें
ज्ञापन में कर्मचारियों ने इंटर डिस्कॉम तबादला नीति को तत्काल प्रभाव से लागू करने, 2400 ग्रेड पे को नियुक्ति तिथि से लागू करने और टाइम बाउंड पद-अपग्रेडेशन का लाभ जयपुर डिस्कॉम की तर्ज पर सभी निगमों में देने की मांग की है।
कर्मचारियों ने कहा कि 5 दिसंबर 2024 को हुई को-ऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक में यह तय किया गया था कि सभी निगम अपनी बीओडी मीटिंग में निर्णय लेकर जयपुर डिस्कॉम की तरह वित्तीय लाभ देंगे, लेकिन अब तक किसी निगम ने इस पर अमल नहीं किया।
हार्ड ड्यूटी भत्ता और फ्री बिजली की मांग
कर्मचारियों ने कहा कि बिजली विभाग आपातकालीन सेवा है। ऐसे में प्रत्येक कर्मचारी को हार्ड ड्यूटी भत्ता मिलना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि जब आम उपभोक्ताओं को 100 यूनिट बिजली मुफ्त दी जा सकती है, तो विभाग के कार्मिकों को क्यों नहीं?
आरजीएचएस, मोटरसाइकिल भत्ता और पद सृजन की मांग
कर्मचारियों ने राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (आरजीएचएस) का फायदा राज्य कर्मचारियों की तरह देने, साइकिल भत्ते की जगह मोटरसाइकिल भत्ता लागू करने और वर्दी धुलाई भत्ता 180 रुपये प्रति माह करने की मांग रखी। साथ ही, सीनियर इंजीनियरिंग सुपरवाइजर पद सृजित करने की भी मांग की गई।
दुर्घटनाग्रस्त कर्मचारियों के लिए विशेष व्यवस्था की मांग
संगठन ने कहा कि जो तकनीकी कार्मिक करंट या सड़क हादसों में अपंग हो गए हैं, उन्हें गृह जिले में पदस्थापित किया जाए। साथ ही, इसी प्रकार अनुकंपा नियुक्ति में भी गृह नगर को प्राथमिकता दी जाए।
एफआरटी व्यवस्था में अनियमितता पर आपत्ति
ज्ञापन में एफआरटी (Fault Repair Team) व्यवस्था को लेकर शिकायत की गई। कर्मचारियों ने कहा कि नियंत्रण अधिकारी कमीशन के लालच में पर्याप्त कार्मिक नहीं लगाते, जिससे कार्यभार बढ़ता है। उन्होंने मांग की कि हर एफआरटी गाड़ी पर चार कार्मिक और एक ड्राइवर अनिवार्य रूप से लगाए जाएं, अन्यथा पेनल्टी लगाई जाए।
अधीक्षण अभियंता ने ज्ञापन स्वीकार कर सभी मांगों को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाने का भरोसा दिया। हालांकि कर्मचारियों ने कहा कि यदि जल्द ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो 15 अक्टूबर से जोधपुर धरना राज्यव्यापी आंदोलन का रूप ले सकता है।