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किसान का बेटा बना लोको पायलट:2019 में रेलवे में ट्रैकमैन पद पर हो चुके चयनित, बोले-निरंतर प्रयास से मिली सफलता


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किसान का बेटा बना लोको पायलट:2019 में रेलवे में ट्रैकमैन पद पर हो चुके चयनित, बोले-निरंतर प्रयास से मिली सफलता

किसान का बेटा बना लोको पायलट:2019 में रेलवे में ट्रैकमैन पद पर हो चुके चयनित, बोले-निरंतर प्रयास से मिली सफलता

बुहाना : भिर्र गांव के दिव्यांशु मान का भारतीय रेलवे में सहायक लोको पायलट (ए.एल.पी.) पद पर चयन हुआ है। दिव्यांशु के चयन से परिवार, रिश्तेदारों और ग्रामवासियों में खुशी का माहौल है। पिता देशराम मान ने बताया कि दिव्यांशु ने जयपुर से वर्ष 2013 से 2017 के बीच यांत्रिक अभियांत्रिकी (मैकेनिकल शाखा) में स्नातक (बी.टेक.) की पढ़ाई पूरी की थी। स्नातक के बाद उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) और कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की परीक्षाओं की तैयारी शुरू की।

कई बार प्रारंभिक, मुख्य और वर्णनात्मक परीक्षाएं उत्तीर्ण करने के बावजूद वे अंतिम मेरिट में स्थान नहीं बना पाए। हालांकि, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपने प्रयास जारी रखे। पिछले वर्ष रेलवे भर्ती बोर्ड, अजमेर की परीक्षा के तीनों चरण पास करने के बाद भी उनका चयन नहीं हो सका था। इस वर्ष, दिव्यांशु ने रेलवे भर्ती बोर्ड, बेंगलुरु की परीक्षा के सभी चरणों कंप्यूटर आधारित परीक्षा चरण-1 और मनोवैज्ञानिक परीक्षा को सफलतापूर्वक उत्तीर्ण किया।

भटिंडा में ट्रैकमेन के पद पर हो चुके थे चयनित

इन सभी चरणों को पार करने के बाद 1 अक्टूबर 2025 को घोषित अंतिम परिणाम के आधार पर उन्हें सहायक लोको पायलट के पद पर चयनित किया गया। वर्तमान में दिव्यांशु 19 अप्रैल 2024 से रेलवे में पथ निरीक्षक (ट्रैकमैन) के पद पर भटिंडा में कार्यरत हैं। अपनी व्यस्त नौकरी के बावजूद, वे लगातार अध्ययन और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे रहते हैं। जब भी वे गांव आते हैं, तो अपने पिता की खेती-बाड़ी में भी सहयोग करते हैं।

दिव्यांशु मान का कहना है कि “संघर्ष और मेहनत कभी व्यर्थ नहीं जाती, बस निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए।” गांववासियों ने उनकी इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि दिव्यांशु ने युवाओं के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है और यह सिद्ध किया है कि दृढ़ निश्चय और परिश्रम से हर लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।

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