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सादुलपुर में टीचर और पुलिस में धक्का मुक्की,SDM के खिलाफ की नारेबाजी, नोटिस वापस लेने और बीएलओ कार्य मुक्ति की मांग


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सादुलपुर में टीचर और पुलिस में धक्का मुक्की,SDM के खिलाफ की नारेबाजी, नोटिस वापस लेने और बीएलओ कार्य मुक्ति की मांग

सादुलपुर में टीचर और पुलिस में धक्का मुक्की,SDM के खिलाफ की नारेबाजी, नोटिस वापस लेने और बीएलओ कार्य मुक्ति की मांग

सादुलपुर : सादुलपुर में एडीएम ऑफिस में मंगलवार शाम को टीचर और पुलिस के बीच धक्का मुक्की हो गई। दरअसल सादुलपुर उपखंड ऑफिस पर 5 शिक्षकों को नोटिस देने और बीएलओ कार्य से मुक्त करने की मांग को लेकर राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के बैनर तले अनिश्चितकालीन धरना 13 अगस्त जारी है।

मंगलवार शाम 5 बजे शिक्षक एसडीएम मीनू वर्मा से मिलने के लिए ऑफिस के अंदर जाने लगे। इस पर वहां मौजूद पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इस पर शिक्षक और पुलिस के बीच धक्का मुक्की हो गई। जैसे तैसे टीचर अंदर पहुंचे तो पता चला कि एसडीएम अंदर नहीं है। इस दौरान 30 मिनट कर शिक्षक और पुलिस के बीच गहमागहमी रही। इस दौरान एसडीएम के ऑफिस में नहीं मिलने पर पीए को ज्ञापन सौंप दिया।

कार्यकारी अध्यक्ष नरेश राय ने कहा-जब तक धमकी भरे नोटिस वापस नहीं लिए जाते और शिक्षकों को बीएलओ कार्य से मुक्त नहीं किया जाता, धरना जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि ज्ञापन देने वाले शिक्षकों को नोटिस जारी करना लोकतंत्र और शिक्षकों के अधिकारों का हनन है। जिलाध्यक्ष विजय पोटलिया ने कहा-12 सितंबर को जिला कलेक्टर चूरू को ज्ञापन दिया जाएगा और एसडीएम के पुतले का दहन किया जाएगा।

एसडीएम मीनू वर्मा ने शिक्षकों के घेराव के मामले को लेकर कहा-उनकी अनुपस्थिति में जबरदस्ती ऑफिस में घुसना और नारेबाजी करना शिक्षक की मर्यादा के खिलाफ है। एसडीएम ने कहा कि आंदोलनरत शिक्षकों को पूर्व में सूचना दी गई थी कि वे स्वयं चूरू परीक्षा में ड्यूटी पर थी, वहीं तहसीलदार जोधपुर गए हुए थे।

शिक्षकों का ज्ञापन लेने के लिए तहसीलदार सिद्धमुख, थानाधिकारी राजेश कुमार और नायब तहसीलदार राजगढ़ मैन गेट पर मौजूद थे और शिक्षकों को वहीं पर ज्ञापन देना चाहिए था, मगर शिक्षक जबरदस्ती अंदर घुस गए। ऐसा नहीं करना चाहिए था। यह सब शिक्षक की गरिमा के खिलाफ है।

एसडीएम ने बताया-सादुलपुर विधानसभा क्षेत्र में अन्य सब डिवीजनों से कम शिक्षकों को बीएलओ का कार्य दिया हुआ है। 13 सितंबर को शिक्षक संघ की ओर से ज्ञापन देने के दौरान न्यायालय परिसर में शिक्षकों द्वारा अभद्र व्यवहार किया गया, जिसके चलते तीन शिक्षकों को व्यक्तिगत नोटिस जारी किए गए थे, जिन्होंने अभी तक व्यक्तिगत जवाब नहीं दिया है।

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