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केंद्र सरकार पंजाब से किसान आंदोलन का बदला ले रही:एनएचसीपीएम के सचिव बोले- राजस्थान-हरियाणा सिर्फ पानी लेना जानते, मदद करना नहीं


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केंद्र सरकार पंजाब से किसान आंदोलन का बदला ले रही:एनएचसीपीएम के सचिव बोले- राजस्थान-हरियाणा सिर्फ पानी लेना जानते, मदद करना नहीं

केंद्र सरकार पंजाब से किसान आंदोलन का बदला ले रही:एनएचसीपीएम के सचिव बोले- राजस्थान-हरियाणा सिर्फ पानी लेना जानते, मदद करना नहीं

सीकर : नेचर-ह्यूमन सेंट्रिक पीपुल्स मूवमेंट, इंडिया (एनएचसीपीएम) के सचिव सुखदेव सिंह भूपल ने कहा- पंजाब में 12 अगस्त को फ्ल्यूडिंग शुरू हुई थी। इतने दिन बीत गए लेकिन केंद्र सरकार ने कोई ट्वीट नहीं किया। न ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से बात की।

अभी कुछ दिन पहले हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन आया था,जिसमें कई श्रद्धालु मारे गए थे। उसी समय होम मिनिस्टर और प्राइम मिनिस्टर का भी ट्वीट आया था कि ये बड़े दुख की बात है। यह वास्तव में दुख की बात थी और प्राइम मिनिस्टर और होम मिनिस्टर की संवेदना सही थी। सरकार ने मृतकों को राहत पैकेज भी दिए थे।

सुखदेव सिंह भूपल ने ये बात सीकर के महादेव गार्डन में तीन दिवसीय जनआंदोलन विचार-विमर्श कार्यक्रम के समापन के दौरान पत्रकारों से कही। इस विचार-विमर्श कार्यक्रम का आयोजन नेचर-ह्यूमन सेंट्रिक पीपुल्स मूवमेंट, इंडिया (एनएचसीपीएम) की ओर से किया गया था, जिसमें पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों के लोगों ने भाग लिया था।

कार्यक्रम में पंजाब, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लोगों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में पंजाब, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लोगों ने भाग लिया।

सरकार पंजाब से किसान आंदोलन का बदला लेना चाहती

दूसरी और पंजाब में आई बाढ़ और मृतकों पर पीएम का कोई ट्वीट नहीं आया, यह बड़े दुख की बात है। भूपल ने कहा कि सरकार पंजाब से किसान आंदोलन का बदला लेना चाहती है। किसान आंदोलन पंजाब ने लीड किया था, जिसमें पूरे देश के किसान एकजुट हो गए थे और केंद्र सरकार को तीन कृषि कानून वापस लेने पड़े थे। तब ‘मोदी है तो मुमकिन है’ वाली बात पीछे हट गई थी। इस बात की खुंदक तो केंद्र सरकार हमेशा पंजाब के साथ रखेंगी।

कार्यक्रम में मौजूद लोग, जिन्होंने वक्ताओं के विचार सुने।
कार्यक्रम में मौजूद लोग, जिन्होंने वक्ताओं के विचार सुने।

क्लाइमेट चेंज का सबसे बड़ा खतरा एग्रीकल्चर को

सुखेदव सिंह भूपल ने कहा- हरियाणा और राजस्थान के आम लोग पंजाब की मदद करने के लिए राहत सामग्री लेकर जा रहे हैं और मदद कर रहे हैं। पंजाब को इस स्थिति से निकालने के लिए कई सामाजिक संगठन भी लगे हुए हैं। राजस्थान-हरियाणा सरकार पंजाब से जितना पानी लेती है, क्या उसके बदले ये दोनों राज्य पंजाब की मदद करेंगे। ये मदद नहीं करेंगे, क्योकिं इनको सिर्फ पानी चाहिए। लेकिन राजस्थान-हरियाणा की आम पब्लिक पंजाब की मदद कर रही है।

पाकिस्तान की पब्लिक भी मदद कर रही है, जबकि वह खुद बाढ़ से पीड़ित हैं। अभी बाढ़ के कारण पाकिस्तान-भारत की तारबंदी टूट गई थी। जिसमें भारत के पशु, भैंसे पानी में बहकर पाकिस्तान चली गई थी लेकिन पाकिस्तान वालों ने वह भारत को लौटा दिए। पब्लिक पाकिस्तान की हो या भारत की, वह एक दूसरे के साथ कभी भेदभाव नहीं करती। यह भेदभाव तो पॉलिसी बनाने वाली सरकार ही करती है।

भूपल ने कहा- क्लाइमेट चेंज का सबसे बड़ा खतरा एग्रीकल्चर को है। अभी पंजाब में आई बाढ़ से चार लाख एकड़ फसल डूब गई और लाखों लोग, किसान बेघर हो गए। 80 करोड लोगों का गेहूं, चावल और अनाज पंजाब-हरियाणा सप्लाई करता है। खेती पर इन प्राकृतिक की मार का मुख्य कारण ही ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज है। हम प्रकृति के साथ खिलवाड़ करेंगे तो प्रकृति हमें माफ नहीं करेगी। वह अपना रौद्र रूप जरूर दिखाएगी। पंजाब सहित अन्य राज्यों में आई यह बाढ़ ‘मैनमेड’ है। इसके लिए इंसान ही जिम्मेदार है, लेकिन कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं।

कार्यक्रम में सीकर सांसद अमराराम, किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट, राष्ट्रीय स्वाभिमान पार्टी के अध्यक्ष बलदेवराज, सज्जन कुमार, गिरधारी लाल कूकना, रिद्धकरण मेघवाल, घनश्याम, समिंदर सिंह लोंगोवाल, जयप्रकाश जुपी, बलवान नेहरा, प्रकाश भारती, भूपति आर्य, रामेश्वर लाल ढ़ाका, महेश जाखड़, राजेंद्र डोरवाल सहित अनेक राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों ने भाग लिया।

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