[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

झुंझुनूं में DEO ऑफिस में शिक्षक संघ पदाधिकारियों से मारपीट:कलेक्ट्रेट पर धरना देकर कार्रवाई की मांग, निलंबित अध्यापिकाओं के पदस्थापन का विवाद


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
झुंझुनूंटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

झुंझुनूं में DEO ऑफिस में शिक्षक संघ पदाधिकारियों से मारपीट:कलेक्ट्रेट पर धरना देकर कार्रवाई की मांग, निलंबित अध्यापिकाओं के पदस्थापन का विवाद

झुंझुनूं में DEO ऑफिस में शिक्षक संघ पदाधिकारियों से मारपीट:कलेक्ट्रेट पर धरना देकर कार्रवाई की मांग, निलंबित अध्यापिकाओं के पदस्थापन का विवाद

झुंझुनूं : राजस्थान शिक्षक संघ (सियाराम) जिला शाखा झुंझुनूं के बैनर तले मंगलवार को जिला कलेक्ट्रेट पर शिक्षकों ने धरना-प्रदर्शन किया। शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि जिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय) प्रारंभिक शिक्षा कार्यालय में बातचीत के दौरान एक बाहरी व्यक्ति ने संघ के पदाधिकारियों से मारपीट, धक्का-मुक्की और गाली-गलौज की। इस घटना के विरोध में कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया, वहीं पुलिस अधीक्षक को भी अलग से ज्ञापन दिया गया।

मारपीट का आरोप, थाने में दर्ज हुई एफआईआर

शिक्षक संघ पदाधिकारियों ने बताया कि वे जिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय) प्रारंभिक शिक्षा झुंझुनूं से नियम विरुद्ध पदस्थापनों के मामले में बातचीत कर रहे थे। इसी दौरान डीईओ का कथित रिश्तेदार वहां पहुंचा और संघ पदाधिकारी राजकुमार मूंड सहित अन्य शिक्षकों से अभद्र व्यवहार करने लगा। आरोप है कि उसने गाली-गलौज के साथ मारपीट, धक्का-मुक्की और यहां तक कि जान से मारने की धमकी दी। इस घटना से शिक्षकों में आक्रोश फैल गया और पदाधिकारी धरने पर बैठ गए। शिक्षक संघ पदाधिकारी राजकुमार मूंड ने इस संबंध में कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई है।

निलंबित अध्यापिकाओं को शहरी क्षेत्र में पदस्थापन का विवाद

शिक्षक संघ ने जिला शिक्षा अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। संघ पदाधिकारियों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत और निलंबित अध्यापिकाओं को नियमविरुद्ध तरीके से झुंझुनूं शहर में पदस्थापन दिया जा रहा है। यह पूरी तरह नियमों के खिलाफ है। संघ का कहना है कि निलंबन उपरांत किसी भी शिक्षक या अध्यापक को उसके घर के नजदीक पदस्थापित करना नियमानुसार नहीं है, लेकिन हाल ही में कई अध्यापिकाओं को झुंझुनूं शहर में नियुक्तियां दी गई हैं। इससे शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार और पक्षपात की स्थिति पैदा हो रही है।

शिक्षक संघ ने कलेक्टर से की कार्रवाई की मांग

धरने में शामिल शिक्षक संघ (सियाराम) के जिलाध्यक्ष सहित पदाधिकारियों ने जिला कलेक्टर से आग्रह किया कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए। साथ ही कार्यालय में बाहरी व्यक्ति द्वारा की गई गुंडागर्दी और शिक्षकों से की गई मारपीट पर कड़ी कार्रवाई की जाए। संघ का कहना है कि यदि दोषियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

धरने में नारेबाजी करते शिक्षक, शिक्षा विभाग में हो रही अनियमितताओं पर जताया विरोध
धरने में नारेबाजी करते शिक्षक, शिक्षा विभाग में हो रही अनियमितताओं पर जताया विरोध

ज्ञापन में उठाए गए मुख्य मुद्दे

शिक्षक संघ ने जिला कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में दो प्रमुख मांगें रखीं—

1. जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में शिक्षक संघ पदाधिकारियों से मारपीट करने वाले बाहरी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई हो।

2. जिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय) प्रारंभिक शिक्षा द्वारा किए गए नियमविरुद्ध पदस्थापनों की जांच कर जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाए।

शिक्षा विभाग में बढ़ रही गड़बड़ी पर चिंता

धरने में शामिल शिक्षकों का कहना था कि जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में आए दिन मनमानी और पक्षपातपूर्ण फैसले हो रहे हैं। जिन शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा देनी चाहिए, उन्हें नियमों को ताक पर रखकर शहरी क्षेत्र में पदस्थापित कर दिया जाता है। वहीं, जो शिक्षक ईमानदारी से ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं, उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। इससे न केवल शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है बल्कि भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिल रहा है।

पदाधिकारियों का बयान

धरने में मौजूद शिक्षक संघ पदाधिकारी राजकुमार मूंड ने कहा, “हम जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में नियम विरुद्ध पदस्थापन को लेकर वार्ता कर रहे थे। तभी उनके रिश्तेदार ने गुंडागर्दी करते हुए हम पर हमला कर दिया। यह किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमने इसकी लिखित शिकायत थाने में कर दी है और प्रशासन से दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं।”

आंदोलन की चेतावनी

धरने पर बैठे शिक्षकों ने प्रशासन को स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि इस मामले में शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो आगामी दिनों में जिलेभर के शिक्षक आंदोलन की राह पर उतरेंगे। संघ का कहना है कि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में शिक्षकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की जिम्मेदारी है।

Related Articles