झुंझुनूं में सरकारी नौकरी के नाम पर 19 लाख ठगे:फर्जी नियुक्ति पत्र सौंपा, जांच की तो झूठा निकला; दिल्ली से पकड़ा
झुंझुनूं में सरकारी नौकरी के नाम पर 19 लाख ठगे:फर्जी नियुक्ति पत्र सौंपा, जांच की तो झूठा निकला; दिल्ली से पकड़ा

पचेरी कलां : झुंझुनूं जिले की पचेरी कलां थाना पुलिस ने नौकरी का झांसा देकर लाखों रुपए हड़पने वाले शातिर ठग को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी रुद्रनारायण को दिल्ली से दबोचा गया है। उस पर मेडिकल स्टोर संचालक और उसके परिजनों से सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र देकर 19 लाख रुपए ठगने का आरोप है। ठगी की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने बैंक रिकॉर्ड खंगाले, संबंधित विभाग से दस्तावेजों की जांच कराई और आरोपियों की तलाश शुरू की। जांच में दस्तावेज फर्जी निकले।
दिल्ली से गिरफ्तार आरोपी
आरोपी रुद्रनारायण की तलाश में पुलिस ने उत्तर प्रदेश, दिल्ली और जयपुर तक दबिश दी। तकनीकी निगरानी के आधार पर दिल्ली के मधु विहार इलाके से उसे डिटेन कर गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी को अदालत में पेश कर 19 अगस्त तक पुलिस रिमांड पर लिया गया है। 7 दिसंबर 2024 को खेतड़ी के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय से पचेरी कलां निवासी अनिल कुमार ने इस्तगासा पेश किया। अनिल ने बताया कि उसका मूल गांव काकड़ा है, जहां उसने मेडिकल स्टोर खोला हुआ है। इसी गांव में आरोपी शेरसिंह, राकेश, विकास और सुनिल रहते हैं। ये सभी उसके करीबी रिश्तेदार व जानकार होने के चलते नियमित संपर्क में रहते थे। इन आरोपियों के साथ रुद्रनारायण भी आता-जाता था। सभी आरोपी अनिल को यह विश्वास दिलाते थे कि उन्होंने अब तक कई युवाओं को सरकारी नौकरी दिलाई है और यदि वह चाहे तो उसके बेटे व रिश्तेदारों को भी नौकरी मिल सकती है।
19 लाख की रकम और फर्जी नियुक्ति पत्र
अनिल ने अपने बेटे विशाल और बहन के बेटे निखिल के लिए नौकरी की बात की। इसी तरह अपने साले राकेश के बेटे गजेंद्र की भी नौकरी तय कराई गई। इनके लिए कुल 19 लाख रुपए आरोपियों को दिए गए। आरोपी ने विश्वास दिलाने के लिए जयपुर स्थित मुख्य अभियंता जन संसाधन विभाग के नाम से फर्जी नियुक्ति पत्र तक सौंप दिए। कुछ महीनों तक इंतजार करने के बाद जब नौकरी नहीं मिली और नियुक्ति पत्र फर्जी साबित हुए, तो पूरे गिरोह की पोल खुल गई। इसके बाद पुलिस में मामला दर्ज हुआ।