झुंझुनूं-खेतड़ी(खेतड़ीनगर) : सरकारी उपेक्षा से बर्बादी के कगार पर खड़ा खेतड़ी कॉपर कॉम्प्लेक्स:सरकार सुध ले तो तांबे में आत्मनिर्भर बने हमारा देशक्या था
सरकारी उपेक्षा से बर्बादी के कगार पर खड़ा खेतड़ी कॉपर कॉम्प्लेक्स:सरकार सुध ले तो तांबे में आत्मनिर्भर बने हमारा देशक्या था

झुंझुनूं-खेतड़ी(खेतड़ीनगर) : झुंझुनूं जिले के खेतड़ी कस्बे में ताम्बे का अकूत भंडार है। लेकिन विडम्बना यह है कि कभी तांबे के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने वाली खदाने व संयंत्र सरकार और अफसरों की खोटी नीयत के भेंट चढ़ गए। पुरानी मशीनों से ठेके पर कार्य करवाया जा रहा है। स्थिति यह हो गई कि खेतड़ी कॉम्प्लेक्स पहले जहां दस हजार से ज्यादा नियमित कर्मचारी काम करते थे, वहां अब लगभग पांच सौ कर्मचारी नियमित बचे हैं। जहां 6 हजार टन तांबे का प्रतिदिन उत्पादन हो रहा था, वहां अब मात्र 3 हजार टन तांबा निकाला जा रहा है। पांच में से तीन प्लांट बंद हो गए। तांबे के लिए बिछाई गई रेल पटरियां गायब हो गईं। रोप-वे पर लटकती ट्रॉलियां तांबे के पत्थरों का इंतजार कर रही है।
