[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

रक्षाबंधन पर पर्यावरण संरक्षण की अनूठी पहल, सीडेबल राखियों से उगेंगे पौधे, लहलाएंगे जंगल


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
जयपुरटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

रक्षाबंधन पर पर्यावरण संरक्षण की अनूठी पहल, सीडेबल राखियों से उगेंगे पौधे, लहलाएंगे जंगल

रक्षाबंधन पर पर्यावरण संरक्षण की अनूठी पहल, सीडेबल राखियों से उगेंगे पौधे, लहलाएंगे जंगल

जयपुर : रक्षाबंधन भारतीय संस्कृति का एक पवित्र त्योहार है, जो भाई-बहन के प्रेम, सुरक्षा और समर्पण का प्रतीक है। इस वर्ष श्री कल्पतरु संस्थान की वालंटियर मितभाषी डाल ने इस पर्व को एक नए दृष्टिकोण से मनाने का संकल्प लिया है। उन्होंने बीज युक्त राखी तैयार की है, जिसे वह वृक्षों को बाँध रही हैं। इस विशेष राखी में ऐसे बीज होते हैं जो भूमि के संपर्क में आने पर अंकुरित होकर एक नए पौधे में परिवर्तित हो सकते हैं। यह पहल न केवल रक्षाबंधन के पारंपरिक मूल्यों को सम्मान देती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक रचनात्मक और सकारात्मक कदम भी है। मितभाषी का यह विचार आने वाली पीढ़ियों को पर्यावरण के प्रति जागरूकता और संवेदनशीलता की सीख देता है। ऐसे प्रयासों से न केवल हरियाली बढ़ेगी, बल्कि प्रकृति से हमारे जुड़ाव को भी सशक्त किया जा सकेगा। आपको बता दें कि आगामी 10 नवंबर को जयपुर में श्री कल्पतरु संस्थान की ओर से वृक्ष मित्र पुरस्कार भी प्रदान किए जाएंगे !जिसके अंतर्गत सिंदूर के एक लाख पौधे वितरण करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर 2.0 कार्यक्रम भी किया जाएगा ।

Related Articles