उर्वरक विक्रेताओं का कृषि उत्पादन में अहम योगदान: जिला प्रमुख हर्षिनी कुलहरि
उर्वरक विक्रेताओं का कृषि उत्पादन में अहम योगदान: जिला प्रमुख हर्षिनी कुलहरि

झुंझुनूं : कृषि विज्ञान केन्द्र आबूसर में 15 दिवसीय उर्वरक विक्रेता प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन मंगलवार को हुआ। समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए जिला प्रमुख हर्षिनी कुलहरि ने कहा कि उर्वरक विक्रेता किसानों को सही समय पर गुणवत्तापूर्ण आदान और जानकारी उपलब्ध कराकर कृषि उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों से किसानों को सरकार की अनुदानित योजनाओं की जानकारी देने और अधिक से अधिक पेड़ लगाने का आह्वान किया। इस दौरान उन्होंने “हरियालो राजस्थान” और “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के तहत एक कल्पवृक्ष लगाया।
संयुक्त निदेशक (कृषि विस्तार) राजेन्द्र लांबा ने प्रशिक्षणार्थियों से सीखी गई जानकारियों को किसानों तक पहुंचाने और उर्वरकों का रिकॉर्ड संधारण करने की सलाह दी। उन्होंने अंधाधुंध उर्वरक उपयोग से किसानों की बढ़ती लागत और घटते मुनाफे पर चिंता जताते हुए गुणवत्तापूर्ण आदान उपलब्ध कराने पर जोर दिया।
केन्द्र के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. दयानंद ने बताया कि यह 14वां प्रशिक्षण बैच था, जिसमें अब तक जिले के लगभग 450 प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। इनमें से कई ने उर्वरक विक्रय लाइसेंस प्राप्त कर अपना व्यवसाय शुरू किया है। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों से सीखी गई जानकारी को अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाने की अपील की।
प्रशिक्षण प्रभारी डॉ. रशीद खान ने बताया कि प्रशिक्षण में सैद्धांतिक और प्रायोगिक जानकारी के साथ-साथ कृषि अधिकारियों और वैज्ञानिकों ने भी मार्गदर्शन दिया। प्रशिक्षणार्थियों ने इसे बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार का बेहतरीन अवसर बताया। कार्यक्रम में केन्द्र के वैज्ञानिक राजेंद्र नागर, प्रदीप, देवीलाल, रमन मीणा सहित अन्य कर्मचारियों ने भाग लिया।