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गोगाजी महाराज के भक्तों ने निभाई 600 साल पुरानी परंपरा:​​​​​​​नरोदड़ा के युवाओं ने 16 कोस में लगाई दूध की कार; मान्यता- गांव में महामारी नहीं आएगी


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गोगाजी महाराज के भक्तों ने निभाई 600 साल पुरानी परंपरा:​​​​​​​नरोदड़ा के युवाओं ने 16 कोस में लगाई दूध की कार; मान्यता- गांव में महामारी नहीं आएगी

गोगाजी महाराज के भक्तों ने निभाई 600 साल पुरानी परंपरा:​​​​​​​नरोदड़ा के युवाओं ने 16 कोस में लगाई दूध की कार; मान्यता- गांव में महामारी नहीं आएगी

लक्ष्मणगढ़ : लक्ष्मणगढ़ उपखंड के नरोदड़ा गांव में सदियों पुरानी आस्था की परंपरा आज भी पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ निभाई जा रही है। सोमवार को गांव के युवाओं ने सुख-समृद्धि और गांव की सुरक्षा की कामना करते हुए 16 कोस की कांकड़ में दूध की कार (परिक्रमा) लगाई। यह परंपरा संवत 1421 से निरंतर चली आ रही है। परंपरा के तहत गोगामेड़ी पर चल रहे सप्ताहभर के हवन में आहुतियां देने के बाद युवाओं ने सुबह टोली बनाकर पूरे गांव की परिक्रमा की और सभी देवालयों पर ध्वजा चढ़ाई।

मान्यता- गांव में अब तक कोई महामारी नहीं फैली

ग्रामीणों का विश्वास है कि गोगाजी महाराज की कृपा से अब तक गांव में न तो कोई महामारी फैली है और न ही टिड्डी दल ने कोई नुकसान पहुंचाया है, जबकि कई बार टिड्डी दल गांव की सीमा तक पहुंच चुका है।

गोगा ध्वज दिखाकर टोली को किया रवाना

कार लगाने का नेतृत्व सेवानिवृत्त बिजली विभाग कर्मचारी बीरबल ख्यालिया और परमाराम ख्यालिया ने किया। इस अवसर पर प्रकाश फलसेवाला, नरेंद्र कमांडो, पप्पू, मुकेश, माधाराम, ताराचंद, ओमप्रकाश सहित कई युवा उपस्थित रहे। मेड़ी के पुजारी गणेशराम कोटवाल ने गोगा ध्वज दिखाकर टोली को रवाना किया।

कार लगाने वाले सेवकों को दूध की आपूर्ति सेवानिवृत्त थानेदार रामकुमार सिंह ख्यालिया ने की। इस सात दिवसीय कार्यक्रम में हरीराम शर्मा, कैलाश शर्मा, मुरारीलाल, मेघाराम ख्यालिया सहित अनेक ग्रामीण शामिल हुए। भौतिकता के इस दौर में भी यह परंपरा पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ निभाई जा रही है।

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