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नारी में धमाके के साथ फिर टूटा पहाड़ का हिस्सा:स्कूल में प्रार्थना कर रहे बच्चे और टीचर्स भागे, ग्रामीणों ने स्कूल पर लगाया ताला


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नारी में धमाके के साथ फिर टूटा पहाड़ का हिस्सा:स्कूल में प्रार्थना कर रहे बच्चे और टीचर्स भागे, ग्रामीणों ने स्कूल पर लगाया ताला

नारी में धमाके के साथ फिर टूटा पहाड़ का हिस्सा:स्कूल में प्रार्थना कर रहे बच्चे और टीचर्स भागे, ग्रामीणों ने स्कूल पर लगाया ताला

चिड़ावा : चिड़ावा के नारी गांव में एक बार फिर से पहाड़ दरक गया। तेज धमाके के साथ पहाड़ी का एक हिस्सा टूटकर गिर गया। घटना के समय स्कूल में बच्चे प्रार्थना कर रहे थे। वहीं, पहाड़ी गिरने पर ग्रामीणों ने स्कूल पर ताला लगा दिया और सुरक्षा व कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। ग्रामीणों ने बताया कि गुरुवार रात से ही पहाड़ से छोटे-छोटे पत्थर गिरने लगे थे। इससे डरकर ग्रामीण अपने घरों से बाहर निकल आए और रातभर घरों के बाहर ही सोए रहे।

शुक्रवार सवेरे एक बार फिर पहाड़ दरकने से ग्रामीणों ने स्कूल के ताला लगा दिया।
शुक्रवार सवेरे एक बार फिर पहाड़ दरकने से ग्रामीणों ने स्कूल के ताला लगा दिया।

स्कूल में प्रार्थना कर रहे थे बच्चे, धमाके की आवाज सुन भागे

शुक्रवार सुबह स्कूल में बच्चे प्रार्थना कर रहे थे। इसी दौरान पहाड़ी पर जोरदार धमाका हुआ और पहाड़ी का एक हिस्सा टूट गया। इसके बाद बच्चे और टीचर्स स्कूल से बाहर भाग आए। आवाज सुनकर ग्रामीण स्कूल पहुंचे। उन्होंने अध्यापकों को स्कूल बंद करने को कहा। दोनों के बीच काफी नोक-झोंक हुई। आखिरकार ग्रामीणों ने सभी अध्यापकों को बाहर निकालकर स्कूल पर ताला लगा दिया। इसके बाद वे स्कूल से थोड़ी दूरी पर दरी बिछाकर धरने पर बैठ गए।

ग्रामीण अवैध खनन करने वालों पर कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए।
ग्रामीण अवैध खनन करने वालों पर कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए।

आक्रोशित ग्रामीणों ने अवैध खनन करने वालों पर कार्रवाई और पहाड़ के दरकने से नजर आ रहे खतरे से सुरक्षा की मांग की। इस मामले में तहसीलदार ने खनन विभाग को पत्र भेजकर अवगत करवाया है। कल माइनिंग इंजीनियर ने पहाड़ से दूरी बनाए रखने और पहाड़ में खनन फिलहाल बंद रखने के निर्देश दिए थे। प्रशासनिक अधिकारियों ने पहाड़ी के आसपास के इलाके में जाने से लोगों को मना किया है।

घटना की जानकारी मिलते ही सीबीईओ उमादत्त मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से समझाइश का प्रयास किया। लेकिन ग्रामीण अब बच्चों को स्कूल भेजने और ताला खोलने को तैयार नहीं है। ग्रामीण कलेक्टर को मौके पर बुलाने की मांग कर रहे हैं।

घटना की जानकारी मिलते ही सीबीईओ उमादत्त मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से समझाइश का प्रयास किया।
घटना की जानकारी मिलते ही सीबीईओ उमादत्त मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से समझाइश का प्रयास किया।

रातभर घरों के बाहर सोते रहे ग्रामीण

पहाड़ के उत्तर दिशा की ओर बसे लगभग 40-50 घरों के लोग इतने भयभीत हैं कि उन्होंने अपनी चारपाई और कुर्सियां बाहर निकाल लीं। उन्होंने रात भर घर के बाहर ही बिताई।

ग्रामीणों के अनुसार पहाड़ के बड़े हिस्से में पहले से ही कई गहरी दरारें आ चुकी हैं। पहाड़ कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकता हैं। हालांकि ग्रामीण काफी अलर्ट हैं और पहाड़ से दूरी बनाए हुए हैं।

पहाड़ गिरने की दहशत में ग्रामीण रातभर घरों से बाहर रहे।
पहाड़ गिरने की दहशत में ग्रामीण रातभर घरों से बाहर रहे।

गांव के बुजुर्ग और महिलाएं रास्ते पर बैठकर पहाड़ की ओर एकटक देखते रहे। उनके चेहरों पर स्पष्ट रूप से डर दिखाई दे रहा था। उन्हें चिंता है कि अगर पहाड़ का बड़ा हिस्सा गिरता है तो उनके मकान भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। भय के कारण ग्रामीणों ने ठीक से भोजन भी नहीं किया। लोग टोलियां बनाकर रात भर पहाड़ी के रास्ते की ओर बैठे रहे।

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