स्मार्ट मीटर लगाने आए विभाग के वाहन को घेरा:महिलाओं ने बिजली कर्मचारी से की मारपीट; मीटर हटाने की मांग पर अड़ीं
स्मार्ट मीटर लगाने आए विभाग के वाहन को घेरा:महिलाओं ने बिजली कर्मचारी से की मारपीट; मीटर हटाने की मांग पर अड़ीं

सुलताना : झुंझुनूं जिले के सुलताना कस्बे से मंगलवार सुबह एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां स्मार्ट मीटर लगाने को लेकर महिलाओं और बिजली निगम के कर्मचारियों के बीच जमकर विवाद हो गया। मामला इतना बढ़ गया कि गुस्साई महिलाओं ने एक कर्मचारी के साथ मारपीट कर दी और मीटर को मौके से हटवाने की मांग पर अड़ गईं। पूरा मामला सुलताना कस्बे के वार्ड नंबर 27 का है, जहां बिजली विभाग की टीम की ओर से दो घरों में स्मार्ट मीटर लगाए गए थे।
इस कार्य के लिए कर्मचारी अजीत सिंह, कनिष्ठ अभियंता विनोद कुमार सहित अन्य दो कर्मचारी मौके पर पहुंचे थे। जैसे ही मीटर लगाने का कार्य शुरू हुआ, आसपास की महिलाओं ने इसका विरोध शुरू कर दिया। देखते ही देखते भीड़ जुट गई और माहौल गरमा गया।

विभाग का वाहन भी रोका
महिलाओं ने आरोप लगाया कि बिना सहमति के जबरदस्ती उनके घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। विरोध करते हुए उन्होंने कर्मचारियों को घेर लिया और विभागीय वाहन को भी रोक लिया। इसके बाद महिलाओं ने कर्मचारी अजीत सिंह को पकड़कर उस घर तक खींच कर ले गईं जहां मीटर लगाया गया था। इसी दौरान उनके साथ धक्का-मुक्की और मारपीट भी हुई।
स्थिति उस समय और तनावपूर्ण हो गई जब कुछ महिलाएं बिजली विभाग की गाड़ी में जाकर बैठ गईं और बाहर निकलने से इनकार कर दिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जब तक लगाए गए स्मार्ट मीटर को हटाया नहीं जाएगा, वे शांत नहीं बैठेंगी।

स्मार्ट मीटर को लेकर समझाया
वहीं, मौके पर मौजूद कनिष्ठ अभियंता विनोद कुमार ने समझाने का प्रयास किया कि यह विभागीय प्रक्रिया का हिस्सा है और सभी उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं, लेकिन महिलाएं मीटर को ‘गलत बिलिंग’ और ‘छुपे हुए चार्जेज’ का जरिया बताकर विरोध करती रहीं।
सूचना मिलते ही सुलताना थाना पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को संभाला। पुलिस ने महिलाओं से समझाइश कर माहौल शांत करवाया। हालांकि महिलाओं की मांग अब भी यही है कि उनके घरों से स्मार्ट मीटर हटाए जाएं और पारंपरिक मीटर की व्यवस्था बहाल की जाए।
आरोप: मीटर लगने के बाद बिल ज्यादा आने लगा
स्थानीय महिलाओं का कहना है कि पिछले कुछ समय से जहां भी स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं, वहां उपभोक्ताओं को पहले से कहीं अधिक बिजली बिल आने लगे हैं। उनका आरोप है कि ये मीटर पारदर्शी नहीं हैं और उपभोक्ता को समझ नहीं आता कि बिल कैसे बन रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि बिजली विभाग जबरदस्ती यह मीटर थोप रहा है, जिससे आम जनता को आर्थिक रूप से नुकसान हो रहा है।
वहीं, बिजली निगम के अधिकारियों का कहना है कि स्मार्ट मीटर राज्य सरकार की नीति का हिस्सा हैं और उपभोक्ताओं को रीयल टाइम खपत और सटीक बिलिंग की सुविधा देने के लिए लगाए जा रहे हैं। मारपीट और विरोध की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं और इस संबंध में उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जा रही है।