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रसीदें पंचायत रिकॉर्ड की नहीं:खाते में जमा नहीं हुए 12 लाख: काजड़ा पंचायत में जल स्वावलंबन योजना के नाम पर बड़ी गड़बड़ी की जांच रिपोर्ट आई सामने


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रसीदें पंचायत रिकॉर्ड की नहीं:खाते में जमा नहीं हुए 12 लाख: काजड़ा पंचायत में जल स्वावलंबन योजना के नाम पर बड़ी गड़बड़ी की जांच रिपोर्ट आई सामने

रसीदें पंचायत रिकॉर्ड की नहीं:खाते में जमा नहीं हुए 12 लाख: काजड़ा पंचायत में जल स्वावलंबन योजना के नाम पर बड़ी गड़बड़ी की जांच रिपोर्ट आई सामने

सूरजगढ़ : तहसील सूरजगढ़ की ग्राम पंचायत काजड़ा में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना के नाम पर सैकड़ों ग्रामीणों से वसूली गई लाखों रुपए की राशि न तो पंचायत के खाते में जमा की गई और न ही इसकी रसीदें पंचायत रिकॉर्ड की पाई गईं। सोमवार शाम को आई जांच रिपोर्ट में वित्तीय अनियमितता सामने आई है।

ACEO जिला परिषद के निर्देश पर BDO सुरजगढ़ ने मामले की जांच की है। जांच रिपोर्ट जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रणजीत सिंह गोदारा को सौंपी गई है।

जांच रिपोर्ट के अनुसार मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना के तहत गांव के 103 लोगों से 12,000 प्रति व्यक्ति के हिसाब से कुल 12.36 लाख की वसूली की गई थी। लेकिन ये राशि ग्राम पंचायत के अधिकृत बैंक खाते में जमा नहीं करवाई गई। साथ ही जिन रसीदों के जरिए राशि ली गई, वे भी पंचायत रिकॉर्ड की अधिकृत रसीद बुक से जारी नहीं थीं।

जांच में यह भी खुलासा हुआ कि वसूली की गई राशि में से करीब 4.20 लाख की राशि 35 ग्रामीणों को वापस की गई है, जबकि शेष 8.16 लाख अब भी पंचायत के पास है और 68 ग्रामीणों को अब तक उनकी राशि नहीं लौटाई गई है। ग्रामीणों को उनकी रकम लौटाई जा रही है।

गौरतलब है कि ग्रामीणों से मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना के तहत 12,000 की राशि यह कहकर ली गई थी कि उनके खेतों के पास जल संरक्षण के लिए टांके, खेत तालाब, और अन्य स्ट्रक्चर बनवाए जाएंगे। लेकिन योजना की कोई भी प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी और न ही पंचायत ने इस राशि को किसी भी सरकारी खाता या योजना में दर्शाया। ग्रामीणों को दी गई रसीदों पर भी पंचायत का कोई वैध क्रमांक या अंकन नहीं था। जांच टीम ने स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि ये रसीदें पंचायत रिकॉर्ड में संधारित रसीद बुक की नहीं हैं।

ग्रामीणों ने ही जिला प्रशासन को शिकायत भेजी थी। शिकायतों के आधार पर सीईओ जिला परिषद की ओर से एक जांच कमेटी गठित की गई थी। सूरजगढ़ BDO ने मामले की जांच की है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद जिला परिषद सीईओ रणजीत सिंह गोदारा ने संबंधित सरपंच को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उन्हें तीन दिन में विस्तृत जवाब देने को कहा गया है।

विक्रम शर्मा ने बताया कि मैंने शुरुआत से इस पूरे मामले को उठाया था क्योंकि ये ग्रामीणों की मेहनत की कमाई है। अब जब जांच रिपोर्ट सामने आ चुकी है और स्पष्ट हो गया है कि रसीदें फर्जी थीं और पैसा पंचायत खाते में नहीं जमा हुआ, तो जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। ग्रामीणों को उनकी राशि वापस मिलनी चाहिए। हमारी बस यही सोच है कि ग्राम पंचायत में पारदर्शिता बनी रहे और भ्रष्टाचार की कोई जगह न हो। अगर कार्रवाई नहीं हुई, तो यह अन्याय होगा।

पंच प्रतिनिधि पवन गुर्जर ने बताया कि ग्राम पंचायत काजड़ा में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना के नाम पर जो वसूली हुई थी, उसकी जांच रिपोर्ट अब आ गई है और उसमें काफी गंभीर तथ्य सामने आए हैं। इस हिसाब से कार्रवाई जरूरी है ताकि आगे से कोई भी जनप्रतिनिधि या अधिकारी इस तरह की अनियमितता न करे। साथ ही मेरी मांग है कि जो रसीद बुक इस्तेमाल की गई, वह पंचायत रिकॉर्ड की नहीं थी — उसकी भी गहराई से जांच हो ताकि पूरी सच्चाई सामने आ सके और जवाबदेही तय हो।

सरपंच मंजू तंवर ने बताया कि हमने अब तक 90 ग्रामीणों को राशि लौटा दी है। पहले भी जल जीवन मिशन में ग्रामीणों की सहमति से ही पैसा लिया था और उसे जल जीवन मिशन के तहत जो कमेटी बनी थी उसमें जमा करवा दिए थे,जिसकी पूरी जांच हो चुकी है। इस बार भी हमने गांव की बैठक में लोगों से सहमति ली थी और उसी के आधार पर काम किया गया। यदि कोई भ्रम या असंतोष है, तो उसे दूर करने के लिए हम प्रशासन के साथ सहयोग को तैयार हैं।

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