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आंखें झपकने से KYC अटक रही थी, अब मिलेगी राहत:70 साल से अधिक बुजुर्ग और 5 साल से कम उम्र के बच्चों को राहत


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आंखें झपकने से KYC अटक रही थी, अब मिलेगी राहत:70 साल से अधिक बुजुर्ग और 5 साल से कम उम्र के बच्चों को राहत

आंखें झपकने से KYC अटक रही थी, अब मिलेगी राहत:70 साल से अधिक बुजुर्ग और 5 साल से कम उम्र के बच्चों को राहत

झुंझुनूं : राशन कार्ड से जुड़ी ई-केवाईसी प्रक्रिया में आई तकनीकी अड़चनों और जमीनी हकीकत को आखिरकार सरकार ने गंभीरता से लिया है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत पात्र परिवारों को सस्ता या मुफ्त गेहूं देने वाली इस योजना में अब 70 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों और 5 साल से कम उम्र के बच्चों को ई-केवाईसी से छूट दे दी गई है। यह राहत झुंझुनूं जैसे जिलों के लिए बड़ी मानी जा रही है, जहां हर चौथे घर में बुजुर्ग या छोटा बच्चा इस योजना से जुड़ा है।

झुंझुनूं जिले में इस बदलाव का असर सीधे तौर पर 85,176 लाभार्थियों पर पड़ेगा। इनमें 75,101 बच्चे (जिनकी उम्र 5 साल से कम है) और 9,953 बुजुर्ग (70 साल से ऊपर) शामिल हैं। ई-केवाईसी की अनिवार्यता हटने के बाद इन लोगों को अब राशन से वंचित नहीं होना पड़ेगा, जैसा कि बीते कुछ महीनों में हो रहा था।

10,075 बुजुर्गों की ई-केवाईसी अब तक नहीं हो पाई

बुजुर्गों और छोटे बच्चों के लिए ई-केवाईसी किसी पहाड़ से कम नहीं थी। राशन दुकानों पर लगाए गए बायोमैट्रिक सिस्टम में कई बार फिंगर प्रिंट स्कैन नहीं हो पा रहे थे, तो कभी आंखों की झपकियों के चलते फेस स्कैन फेल हो रहा था। खासकर गांवों के बुजुर्ग घंटों लाइन में लगने के बाद भी मशीनों से ‘अयोग्य’ करार दिए जाते थे। इसी वजह से जिले में 10,075 बुजुर्गों की ई-केवाईसी अब तक नहीं हो पाई थी, जो अब राहत की सांस ले पाएंगे।

सरकारी रिकॉर्ड बताते हैं कि ई-केवाईसी नहीं होने के चलते सैकड़ों बुजुर्गों और छोटे बच्चों को अप्रैल, मई और जून महीनों में निशुल्क गेहूं से वंचित होना पड़ा। गांवों से लेकर शहर तक, कई शिकायतें रसद विभाग के पास पहुंचीं। इसे देखते हुए विभाग ने शासन स्तर पर यह बदलाव सुझाया, जिसे अब लागू कर दिया गया है।

पांच साल पूरे होते ही अनिवार्य होगी ई-केवाईसी

हालांकि सरकार ने 5 साल तक के बच्चों को फिलहाल छूट दी है, लेकिन जैसे ही बच्चा 5 साल का होगा, उसकी ई-केवाईसी अनिवार्य होगी। इसके लिए अभिभावकों को समय पर अपडेट रहना होगा ताकि आगे जाकर राशन वितरण में कोई अड़चन न आए। विभाग के मुताबिक 5 से 10 साल आयु वर्ग के बच्चों और 70 साल से कम उम्र के वयस्कों को अब भी ई-केवाईसी करवानी जरूरी है। झुंझुनूं जिले में इस श्रेणी में 25,757 लाभार्थी हैं, जिन्हें अनिवार्य रूप से यह प्रक्रिया पूरी करनी होगी।

क्या है ई-केवाईसी और क्यों जरूरी?

  • ई-केवाईसी यानी इलेक्ट्रॉनिक ‘नो योर कस्टमर’ प्रक्रिया उपभोक्ता की डिजिटल पहचान स्थापित करती है। खाद्य सुरक्षा योजना में यह प्रक्रिया आधार सीडिंग के बाद की जाती है, ताकि किसी व्यक्ति के नाम पर डुप्लीकेट या फर्जी राशन कार्ड न बने और एक ही लाभार्थी को दो जगह से राशन न मिले।
  • ई-केवाईसी के बाद ही किसी व्यक्ति को योजना का नियमित लाभ मिल पाता है।
  • इसके तहत चयनित परिवार के हर सदस्य को प्रति माह 5 किलो गेहूं निशुल्क दिया जाता है।

सरकार ने माना जमीनी फीडबैक

सरकार के इस फैसले के पीछे गांवों और वार्ड स्तर से मिलने वाला लगातार फीडबैक रहा है। डीलरों, ग्राम सेवकों, पंचायत प्रतिनिधियों और उपभोक्ताओं की शिकायतों के बाद राज्य रसद विभाग ने बदलाव की सिफारिश की, जिसे शासन स्तर पर मंजूरी दे दी गई।

डीलरों को अब स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे बुजुर्गों व छोटे बच्चों को अनावश्यक ई-केवाईसी के लिए बाध्य न करें।

जिला रसद अधिकारी डॉ. निकिता राठौड़ ने बताया कि खाद्य सुरक्षा योजना में पारदर्शिता जरूरी है, लेकिन तकनीकी अड़चनें जिन्हें बार-बार सिस्टम बाहर कर रहा था, उनके लिए छूट दी गई है। अब 70 वर्ष से अधिक और 5 वर्ष से कम के लाभार्थियों को ई-केवाईसी नहीं करवानी होगी। बाकी लोगों को यह जरूरी है।

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