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मीसा बंदी को नहीं मिल रहा लोकतंत्र रक्षक सेनानी सम्मान:चिड़ावा के सुभाष चंद्र व्यास दफ्तरों के लगा रहे चक्कर, कलेक्टर और पीएम के नाम लिखा पत्र


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मीसा बंदी को नहीं मिल रहा लोकतंत्र रक्षक सेनानी सम्मान:चिड़ावा के सुभाष चंद्र व्यास दफ्तरों के लगा रहे चक्कर, कलेक्टर और पीएम के नाम लिखा पत्र

मीसा बंदी को नहीं मिल रहा लोकतंत्र रक्षक सेनानी सम्मान:चिड़ावा के सुभाष चंद्र व्यास दफ्तरों के लगा रहे चक्कर, कलेक्टर और पीएम के नाम लिखा पत्र

चिड़ावा : झुंझुनूं के चिड़ावा निवासी सुभाष चंद्र व्यास को अब तक लोकतंत्र सेनानी नहीं माना गया है। इसे लेकर सुभाष चंद्र जगह-जगह चक्कर लगा रहे हैं। मगर उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है। इसे लेकर अब बुजुर्ग ने जिला कलेक्टर झुंझुनूं और प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखा है। सुभाष चंद्र व्यास ने देश में आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर बताया- 13 नवंबर 1975 को राजस्थान पुलिस ने उन्हें कई साथियों के साथ सूरजगढ़ में गिरफ्तार किया गया था। मगर पुलिस ने उन्हें दो दिन तक बगैर गिरफ्तारी के ही थाने में बैठाए रखा। दो दिन बाद उन्हें कोर्ट में पेश कर 15 नवंबर को खेतड़ी जेल भेज दिया।

सुभाष व्यास ने बताया-खेतड़ी जेल से उन्हें 16 दिसंबर 1975 को रिहा किया गया। मगर पुलिस रिकार्ड में उन्हें 15 नवंबर से 12 दिसंबर 1975 तक गिरफ्तार दिखाकर उन्हें मिलने वाली लोकतंत्र रक्षक सेनानी पेंशन योजना से वंचित कर दिया। मामले को लेकर व्यास ने झुंझुनूं जिला कलेक्टर के अलावा सिविल लाइंस जयपुर के विधायक गोपाल शर्मा सहित प्रधानमंत्री कार्यालय को भी पत्र भेजकर अपनी स्थिति से वाकिफ करवा चुके हैं। मगर अभी तक कोई समाधान नहीं निकला।

इधर व्यास के साथ खेतड़ी जेल में रहे रामनिवास सैनी ने भी बताया कि सुभाष व्यास उनके साथ जेल में रहे थे। सरकार को उनकी सुनवाई करनी चाहिए और उनको लोकतंत्र रक्षक सेनानी के रूप में सम्मान दिया जाना चाहिए। मामले में राज्य सरकार की ओर से भी एक आदेश आया है। जिला कलेक्ट्रेट से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में सभी रिकॉर्ड जांचा जा रहा है। जिसके बाद राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी। जल्द ही इसका समाधान हो जाएगा।

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