झुंझुनूं में SFI का प्रदर्शन, उग्र आंदोलन की चेतावनी:विश्वविद्यालय परीक्षा प्रणाली में गड़बड़ी का आरोप; एमकॉम, उर्दू पढ़ाने की मांग
झुंझुनूं में SFI का प्रदर्शन, उग्र आंदोलन की चेतावनी:विश्वविद्यालय परीक्षा प्रणाली में गड़बड़ी का आरोप; एमकॉम, उर्दू पढ़ाने की मांग

झुंझुनूं : झुंझुनूं में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के बैनर तले छात्र-छात्राओं ने बुधवार को मोरारका कॉलेज से कलेक्ट्रेट तक रैली निकालकर प्रदर्शन किया। छात्रों ने विश्वविद्यालय की परीक्षा प्रणाली में गड़बड़ी का आरोप लगाया और कॉलेज में वर्षों से एमकॉम व उर्दू विषयों की पढ़ाई शुरू करने की मांग की।
बोले- खून से लिखा ज्ञापन..

100 में से 85 स्टूडेंट को फेल किया
एसएफआई के छात्र नेता अमित ने कहा- छात्रों ने कलेक्ट्रेट पर जमकर नारेबाजी की और इस दौरान कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के नाम खून से लिखा हुआ एक ज्ञापन जिला कलेक्टर अरुण गर्ग को सौंपा। हाल ही में विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित परीक्षाओं में बड़ी संख्या में छात्रों को अनावश्यक रूप से अनुत्तीर्ण (बैक) किया गया है। उन्होंने कहा-100 में से 85 छात्रों को फेल घोषित किया गया है, जो विश्वविद्यालय की सुनियोजित रणनीति लगती है।

छात्रों ने कहा- रीचेकिंग के नाम पर मोटी फीस वसूली जा रही है। जान-बूझकर छात्रों को बैक देकर उनका मानसिक व आर्थिक शोषण किया जा रहा है। यह विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ है। हमें इस पर कड़ी आपत्ति है। छात्र नेता अमित कुमार ने बताया-विश्वविद्यालय से निष्पक्ष मूल्यांकन की मांग बार-बार की जा चुकी है, लेकिन कोई सुधार नहीं होने पर छात्रों को मजबूरन विरोध का रास्ता अपनाना पड़ा।

मोरारका कॉलेज में एमकॉम और उर्दू विषय शुरू करने की मांग
प्रदर्शन के दौरान छात्रों की दूसरी प्रमुख मांग यह रही कि झुंझुनूं जिले के नोडल महाविद्यालय मोरारका कॉलेज में पिछले 10 वर्षों से एमकॉम और उर्दू विषयों की पढ़ाई शुरू नहीं की गई है। छात्रों ने कहा- इन विषयों की पढ़ाई के लिए संसाधन उपलब्ध हैं और छात्रों की मांग भी लगातार बनी हुई है। छात्र नेता अमित ने कहा- हमने पहले भी कॉलेज प्रशासन से लेकर तत्कालीन विधायक और अब सांसद बने जनप्रतिनिधियों तक को इस विषय में अवगत कराया, लेकिन अब तक न तो एमकॉम की कक्षाएं शुरू हुईं और न ही उर्दू जैसे महत्वपूर्ण विषय को बहाल किया गया। छात्रों ने आरोप लगाया कि यह शैक्षणिक उपेक्षा है और इससे जिले के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के अवसरों से वंचित किया जा रहा है। उर्दू भाषा में रुचि रखने वाले छात्रों को मजबूरी में अन्य जिलों या निजी संस्थानों का सहारा लेना पड़ रहा है।

खून से लिखा ज्ञापन और आंदोलन की चेतावनी
रैली के समापन पर कलेक्ट्रेट पहुंचकर छात्रों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन को खून से लिखा गया है। छात्रों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो वे चरणबद्ध आंदोलन शुरू करेंगे, जिसमें कक्षाओं का बहिष्कार और विश्वविद्यालय कार्यालय का घेराव भी शामिल होगा। रैली के दौरान किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पुलिस बल तैनात रहा।छात्रों का प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन प्रशासनिक सतर्कता के चलते रूट डायवर्ट कर ट्रैफिक व्यवस्था बनाए रखी गई।