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वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान में टॉप 10 में रहा झुंझनूं


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वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान में टॉप 10 में रहा झुंझनूं

प्रभारी मंत्री अविनाश गहलोत ने बताईं अभियान की उपलब्धियां, मुख्यमंत्री जल स्वालंबन अभियान 2.1 में जिला प्रदेश में दूसरे स्थान पर

झुंझुनूं : जिले के प्रभारी मंत्री अविनाश गहलोत शनिवार को झुंझुनूं दौरे पर रहे। उन्होंने इस दौरान आयोजित प्रेस वार्ता में ‘वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान’ में जिले की उपलब्धियां गिनाईं। गहलोत ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा शुरु किए गए इस महत्वकांक्षी अभियान में झुंझुनूं जिला रैंकिंग में शीर्ष 10 में शामिल रहा। वहीं मुख्यमंत्री जल स्वालंबन अभियान 2.1 के तय लक्ष्यों को प्राप्त करने में जिला दूसरे स्थान पर रहा है। अभियान के तहत जिले में जल संरक्षण के 3 हजार 465 कार्य पूरे किए गए। जिले में 304 मेजिक पिट, शॉप फिट का निर्माण किया गया है। वहीं कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान के तहत 53 वाटर रिचार्ज संरचनाएं निर्मित की गईं हैं। जिले में 1 हजार 362 स्थानों पर आमजन के सहयोग से श्रमदान हुआ। वहीं कुल 6 हजार 942 कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिले में 3 लाख 58 हजार 231 नागरिकों ने भाग लिया, इनमें से 1 लाख 69 हजार 106 महिलाएं थीं। अभियान के तहत आगामी मानसून में पौधारोपण के लिए 4 लाख 29 हजार 470 गड्ढों की खुदाई कर पौधारोपण की तैयारी भी की गई है। प्रभारी मंत्री गहलोत ने इसके लिए जिला कलक्टर रामावतार मीणा सहित प्रशासन की पूरी टीम को शाबासी दी।

प्रदेश भर में आयोजित हुए 2 लाख 23 हजार कार्यक्रम:

प्रभारी मंत्री ने अभियान को जिले में सफल बताते हुए बताया कि प्रदेश में 2 लाख 23 हजार कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किए गए। इन कार्यक्रमों में कुल 1 करोड़ 71 लाख आम नागरिकों ने भागीदारी निभाई, जिनमें 89 लाख महिलाएं शामिल थीं-यह महिला सहभागिता का अद्वितीय उदाहरण है। प्रदेश भर में सीएम भजनलाल शर्मा के निर्देशानुसार 29,300 जल स्रोतों की सफाई कर उन्हें पुनर्जीवित किया गया। वहीं 43,900 सरकारी कार्यालयों, विद्यालयों, अस्पतालों व संस्थानों में स्वच्छता कार्य संपन्न हुआ। 11,900 जल संरक्षण से जुड़े पूर्ण कार्यों का लोकार्पण व निरीक्षण किया गया व 3,300 नए जल संरक्षण कार्यों की शुरुआत की गई। उन्होंने बताया कि प्रदेशभर में 60 हजार 600 स्थानों पर आम जनता द्वारा श्रमदान कर अभियान को जन आंदोलन का रूप दिया गया। कर्मभूमि से मातृभूमि योजना के तहत 3,200 रिचार्ज साफ्ट सीएसआर व दानदाताओं के सहयोग से निर्मित किए गए।

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