झुंझुनूं में शराब ठेकेदार यूनियन का प्रदर्शन:कोरोना पेनल्टी माफ करने, समय बढ़ाने और पुलिस हस्तक्षेप खत्म करने की मांग
झुंझुनूं में शराब ठेकेदार यूनियन का प्रदर्शन:कोरोना पेनल्टी माफ करने, समय बढ़ाने और पुलिस हस्तक्षेप खत्म करने की मांग

झुंझुनूं : शराब ठेकेदारों ने आबकारी नीति के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। लिकर कॉन्ट्रेक्टर यूनियन के प्रदेशव्यापी आह्वान पर झुंझुनूं जिले के आबकारी कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन हुआ। जिले के अलग-अलग इलाकों से पहुंचे सैकड़ों शराब ठेकेदारों ने नारेबाजी कर विरोध दर्ज कराया और मुख्यमंत्री के नाम आबकारी अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
तीन मांगों पर की चर्चा
प्रदर्शन का नेतृत्व यूनियन के संभाग अध्यक्ष विजेंद्र मील और जिलाध्यक्ष रोहिताश फांडी ने किया। प्रदर्शन में तीन प्रमुख मांगों को रखा गया, जिनमें कोरोना काल की बकाया पेनल्टियों को समाप्त करना, शराब दुकानों का समय रात 11 बजे तक निर्धारित करना और दुकानों पर पुलिस के अनावश्यक हस्तक्षेप को समाप्त करना शामिल है।
बोले- छोटे ठेकेदारों को भारी नुकसान
यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष पंकज धनखड़ ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि नई आबकारी नीति ने शराब कारोबार से जुड़े लोगों को आर्थिक संकट में डाल दिया है। खासकर क्लस्टर प्रणाली से छोटे ठेकेदारों को भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान सरकार द्वारा लगाए गए जुर्माने अब भी वसूले जा रहे हैं, जबकि उस समय ठेके समय पर नहीं खुल सके थे और व्यापार नहीं हो पाया था। ऐसे में उन पेनल्टियों को माफ किया जाना चाहिए। धनखड़ ने संचालन रात 11 बजे तक करने की मांग की, ताकि व्यापार सामान्य हो सके और नुकसान की भरपाई हो।
आंदोलन की चेतावनी
संभाग अध्यक्ष विजेंद्र मील ने कहा कि क्लस्टर प्रणाली ने छोटे व्यापारियों की रीढ़ तोड़ दी है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने यूनियन की मांगों को जल्द नहीं माना तो आने वाले दिनों में पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन किया जाएगा। जिलाध्यक्ष रोहिताश फांडी ने कहा कि शराब व्यवसायियों की समस्याओं को लेकर सरकार ने अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकाला है। प्रदर्शन के दौरान शराब ठेकेदारों ने पुतला दहन कर अपना रोष जताया और सरकार की नई आबकारी नीति को व्यापार विरोधी बताया।