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कोटपूतली में किसानों को मिली आधुनिक कृषि तकनीकों की जानकारी:सरगोठ और मालाकाली में प्राकृतिक खेती और नैनो उर्वरक की ट्रेनिंग दी


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कोटपूतली में किसानों को मिली आधुनिक कृषि तकनीकों की जानकारी:सरगोठ और मालाकाली में प्राकृतिक खेती और नैनो उर्वरक की ट्रेनिंग दी

कोटपूतली में किसानों को मिली आधुनिक कृषि तकनीकों की जानकारी:सरगोठ और मालाकाली में प्राकृतिक खेती और नैनो उर्वरक की ट्रेनिंग दी

रींगस : कृषि विज्ञान केंद्र अरनिया द्वारा विकसित कृषि संकल्प अभियान के अंतर्गत रविवार को सरगोठ और मालाकाली में किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। केंद्र प्रभारी डॉ. महेश चौधरी ने किसानों को बागवानी, कृषि और पशुपालन की जानकारी दी। उन्होंने मिट्टी परीक्षण के आधार पर बुवाई करने और फलदार पौधों की बेहतर पैदावार के तरीके बताए।

डॉ. शंकर लाल कस्वां ने प्राकृतिक खेती पर फोकस करते हुए जीवामृत, बीजामृत और दशपर्णी बनाने की विधि समझाई। इफको सीकर के क्षेत्रीय अधिकारी शंकरलाल गठाला ने नैनो उर्वरकों के फायदे बताए। उन्होंने कहा कि ये पर्यावरण के लिए कम हानिकारक हैं और रासायनिक अवशेष भी कम छोड़ते हैं।

सहायक कृषि अधिकारी सतपाल यादव ने सरकारी योजनाओं की जानकारी दी। फार्म पॉन्ड, तारबंदी, सिंचाई पाइप लाइन और कृषि यंत्रों पर मिलने वाले अनुदान के बारे में बताया। रामावतार मिश्रा ने जैविक खेती के विभिन्न घटकों की जानकारी दी। कृषि पर्यवेक्षक सरदार मल बधाला ने पॉली हाउस और ड्रिप इरिगेशन की तकनीक समझाई। कृषि पर्यवेक्षक सरोज और नरेंद्र कुमावत ने मिट्टी परीक्षण और संतुलित पोषण प्रबंधन पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में किसानों ने खेती से जुड़ी अपनी समस्याएं रखीं, जिनका विशेषज्ञों ने तकनीकी समाधान प्रस्तुत किया। दोनों गांवों के किसानों ने इस प्रशिक्षण में भाग लिया।

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