[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

झुंझुनूं रोडवेज डिपो के मुख्य-प्रबंधक समेत 24 कर्मचारी सस्पेंड:गैर-हाजिर रहे, फर्जी उपस्थिति से वेतन उठाया; राजस्थान रोडवेज का एक्शन


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
झुंझुनूंटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

झुंझुनूं रोडवेज डिपो के मुख्य-प्रबंधक समेत 24 कर्मचारी सस्पेंड:गैर-हाजिर रहे, फर्जी उपस्थिति से वेतन उठाया; राजस्थान रोडवेज का एक्शन

झुंझुनूं रोडवेज डिपो के मुख्य-प्रबंधक समेत 24 कर्मचारी सस्पेंड:गैर-हाजिर रहे, फर्जी उपस्थिति से वेतन उठाया; राजस्थान रोडवेज का एक्शन

झुंझुनूं : राजस्थान रोडवेज ने बड़ी कार्रवाई करते हुए झुंझुनूं डिपो के मुख्य प्रबंधक समेत 24 कर्मचारियों को सस्पेंड कर विभागीय जांच शुरू कर दी है। ये कर्मचारी फर्जी अटेंडेंस लगाकर ड्यूटी से गैरहाजिर थे और वेतन उठा रहे थे। मुख्य-प्रबंधक गणेश शर्मा को निलंबित कर उनके स्थान पर गिरिराज स्वामी को झुंझुनूं डिपो का मुख्य प्रबंधक नियुक्त किया गया है। रोडवेज के प्रबंध निदेशक पुरुषोत्तम लाल शर्मा ने बताया- दोषी कर्मचारियों और अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है।

जयपुर से 21 मई को टीम आई थी। आज मुख्य प्रबंधक समेत 24 कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया है।
जयपुर से 21 मई को टीम आई थी। आज मुख्य प्रबंधक समेत 24 कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया है।

जानकारी के अनुसार यह फर्जीवाड़ा 3 साल से चल रहा था। रोडवेज प्रशासन की गहन छानबीन में यह खुलासा हुआ। कई कर्मचारी 3 साल से गायब हैं, फिर भी वेतन उठा रहे हैं। इसमें जूनियर से लेकर सीनियर लेवल के अधिकारी हैं। जांच में मुख्य प्रबंधक की भूमिका भी संदिग्ध रही।

5 साल में रहे सभी प्रबंधकों को दी थी चार्जशीट

राजस्थान रोडवेज ने 2020 से अब तक डिपो में कार्यरत रहे सभी मुख्य प्रबंधकों पर चार्जशीट देकर कार्रवाई की थी। इसमें न केवल वर्तमान बल्कि पूर्व मुख्य प्रबंधकों की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिह्न लगे। उनके कार्यकाल में यह फर्जीवाड़ा पनपा और वर्षों तक बे-रोकटोक चलता रहा।

झुंझुनूं डिपो के निवर्तमान मुख्य प्रबंधक गणेश शर्मा।
झुंझुनूं डिपो के निवर्तमान मुख्य प्रबंधक गणेश शर्मा।

डिपो में 89 लाख से अधिक का वेतन घोटाला

राजस्थान रोडवेज के झुंझुनूं डिपो में एक बड़े वेतन घोटाले का पर्दाफाश हुआ था। जिसमें 89 लाख रुपए से अधिक का गबन होने का अनुमान है। इस मामले की जांच के लिए रोडवेज मुख्यालय द्वारा गठित एक उच्च-स्तरीय टीम का गठन किया था। टीम 21 मई को टीम जयपुर से आई थी। करीब 11 घंटे तक गहन पड़ताल की, जिसमें कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए और 17 कर्मचारियों के रिकॉर्ड जब्त किए गए थे।

इससे पहले मई 2024 में इस घोटाले की शिकायत जयपुर स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) में दर्ज की गई थी, जिसके बाद ACB ने रोडवेज मुख्यालय को इसकी जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी। मुख्यालय द्वारा गठित उच्च-स्तरीय जांच समिति, जिसमें संभागीय प्रबंधक अवधेश शर्मा और सहायक संभागीय प्रबंधक उमेश नागर शामिल थे।

जयपुर से रोडवेज अधिकारियों की टीम 21 मई को झुंझुनूं आई थी।
जयपुर से रोडवेज अधिकारियों की टीम 21 मई को झुंझुनूं आई थी।

14 कर्मचारियों ने बिना ड्यूटी वेतन उठाया

जांच के दौरान यह सामने आया था कि झुंझुनूं रोडवेज डिपो में कार्यरत 14 कर्मचारी लंबे समय से बिना ड्यूटी पर आए वेतन उठा रहे थे। इनमें एक कनिष्ठ लिपिक, एक वरिष्ठ सहायक, दो चालक और 10 परिचालक शामिल हैं। जांच टीम ने कुल 17 कर्मचारियों के रिकॉर्ड जब्त किए थे।

पूर्व में भी लगे थे आरोप

झुंझुनूं डिपो के मुख्य प्रबंधक गणेश शर्मा चार साल में दूसरी बार इस पद पर नियुक्त हुए थे। उन्होंने फरवरी 2024 में दोबारा कार्यभार संभाला था। उनके दोबारा कार्यभार संभालने के कुछ ही समय बाद यह शिकायत दर्ज की गई। इससे पहले भी इसी डिपो में कर्मचारियों पर फर्जी हाजिरी और वेतन गबन के आरोप थे।

जांच टीम का मानना था कि यह घोटाला केवल 14 या 17 कर्मचारियों तक सीमित नहीं हो सकता और इसमें अन्य प्रशासनिक अधिकारी या क्लर्क भी शामिल हो सकते हैं। इसी आधार पर यह कार्रवाई की गई है।

Related Articles