भीम आर्मी ने कलेक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन
सुभाष मेघवाल हत्याकांड के आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग, पुलिस पर लापरवाही का आरोप

झुंझुनूं : भीम आर्मी भारत एकता मिशन ने मंगलवार को जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। राज्यपाल के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा, जिसमें बिरमी निवासी सुभाष मेघवाल हत्याकांड के आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी और 27 मई 2025 को कलेक्ट्रेट पर शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज की न्यायिक जांच की मांग की गई।
संगठन के प्रतिनिधियों और समाज के लोगों ने कहा कि 16 मई 2025 को सुभाष मेघवाल की बेरहमी से मारपीट की गई, जिसके बाद अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी, जिसकी रिपोर्ट धनूरी थाना में दर्ज की गई है। घटना के इतने दिन बाद भी नामजद आरोपी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं, जिससे जनसमुदाय में भारी रोष है।
पुलिस पर लापरवाही का आरोप
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि हत्याकांड में नामजद आरोपियों को अभी तक गिरफ्तार नहीं करना पुलिस की बड़ी लापरवाही है। संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि यदि बहुजन समाज से जुड़ा कोई व्यक्ति इस तरह की घटना में शामिल होता, तो पुलिस तुरंत कार्रवाई करती। लेकिन इस मामले में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जो कि न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है।
प्रदर्शन के दौरान हुआ था लाठीचार्ज
भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष विकास आल्हा ने बताया कि 27 मई 2025 को सुभाष मेघवाल हत्याकांड के विरोध में बहुजन समाज के लोगों ने जिला कलेक्ट्रेट पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया था। लेकिन प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें कई प्रदर्शनकारी गंभीर रूप से घायल हो गए। अब तक न तो किसी पुलिस अधिकारी ने इसकी जिम्मेदारी ली है और न ही प्रशासन ने कोई जवाबदेही तय की है।
न्यायिक जांच की मांग
ज्ञापन में मांग की गई कि लाठीचार्ज की न्यायिक जांच करवाई जाए और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही, सुभाष मेघवाल के हत्यारों को तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।
भीम आर्मी भारत एकता मिशन के जिला संयोजक ने कहा, यह सिर्फ एक व्यक्ति की हत्या नहीं है, बल्कि बहुजन समाज की आवाज को दबाने की कोशिश है। यदि समय रहते उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।”
ज्ञापन की प्रमुख मांगें
1. सुभाष मेघवाल हत्याकांड के नामजद आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी।
2. 27 मई को हुए लाठीचार्ज की न्यायिक जांच।
3. लाठीचार्ज में शामिल अधिकारियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई।
4. घायल प्रदर्शनकारियों को उचित मुआवजा व चिकित्सा सुविधा।