चंवरा के मोरिंडा धाम में चल रही कथा में सुनाया ध्रुव चरित्र, प्रहलाद चरित्र और नरसिंह अवतार प्रसंग
घर की बहू यदि शिक्षित और संस्कारी है तो पूरे घर को स्वर्ग बना देती है..... दिनकर महाराज

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : जेपी महरानियां
चंवरा : कस्बे के गुढा रोड़ स्थित पलटुदास आखाड़ा पंचमुखी हनुमान मंदिर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में शनिवार को प्रहलाद चरित्र और नरसिंह अवतार प्रसंग सुनाया गया। कथावाचक दिनकर महाराज नैमिषारण्य धाम उत्तरप्रदेश ने कहा कि पुत्र हो तो भक्त प्रहलाद जैसा जिसने सच्चे मन से परमात्मा का नाम जपा था। प्रहलाद के पिता हरण्यकश्यप ने प्रहलाद को अपनी बहन होलिका के साथ आग में जलाने का कुकृत्य किया। होलिका को आग में नहीं जलने का वरदान प्राप्त था लेकिन भक्ति के प्रताप से प्रहलाद बच गया और होलिका जल गई। भक्त प्रहलाद पर हुए अत्याचारों से क्रुद्ध होकर भगवान ने नरसिंह अवतार धारण कर हरण्यकश्यप का वध किया।
कथावाचक ने कहा कि काम, क्रोध, मद्, लोभ, मोह, अहंकार, ईर्ष्या आदि मनुष्य के सबसे बड़े शत्रु हैं। जो मनुष्य इन पर विजय पा लेता है वह ब्रह्म को प्राप्त कर लेता है। इन शत्रुओं पर विजय पाने वाला मनुष्य जन्म मरण के बंधन से छुटकारा पा लेता है। घर में अगर पुत्र संस्कारी है तो क्रिया कर्म के द्वारा स्वर्ग मार्ग के द्वार खोल देता है लेकिन घर की बहू यदि शिक्षित और संस्कारी है तो वह पूरे घर को ही स्वर्ग बना देती है। बीच-बीच में बरस-बरस म्हारा इंद्र राजा जैसे भजनों की ताल पर नृत्य कलाकार और श्रद्धालु जमकर थिरके।
वृंदावन के कलाकारों द्वारा नरसिंह अवतार की संजीवन झांकी सजाई गई और हरण्यकश्यप का वध किया गया। कथा के यजमान सांवरमल खटाणा, धवल कुमार बीछवाल, राधेश्याम कुमावत, जगदीश प्रसाद शर्मा, राधेश्याम सैनी, इंद्र सिंह पोंख, बाबूलाल सैनी, नत्थूराम सैनी द्वारा व्यास पीठ की पूजा अर्चना की गई। महाआरती के पश्चात महेंद्र सिंह शेखावत और अतुल शर्मा ने उपस्थित श्रद्धालुओं को रसगुल्ले का प्रसाद वितरित किया। डॉ सांवर मल सैनी ने बताया कि गांव और ढाणियों से श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए प्रतिदिन बस की व्यवस्था की गई है। कथा प्रतिदिन दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक सुनाई जाती है। कमेटी अध्यक्ष गजराज सिंह ने कहा बताया कि रविवार को कथा में कृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा।
इस दौरान धाम के महंत रघुनाथ दास महाराज, सुरेश मीणा किशोरपुरा, मंदिर कमेटी अध्यक्ष गजराज सिंह शेखावत, केके सैनी, श्रीराम महरानियां, शीशराम रावत, जयराम सैनी, रतनसिंह राठौड़, बुद्धराम भोपा, सांवरमल मीणा, पप्पू राम चावड़ा, बिलास राम सैनी, महावीर रावत, मूलचंद सैनी, छोटू दोराता, शम्भू दयाल सैनी, हनुमान कसाणा भंडारी सहित काफी संख्या में महिला और पुरुष श्रद्धालु मौजूद रहे।