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टांके में पैर फंसने से ऊंट के बच्चे की मौत:सुनसान जगह पर नहीं मिली मदद, ग्रामीण बोले- पीने के पानी को तरस रहे सब


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टांके में पैर फंसने से ऊंट के बच्चे की मौत:सुनसान जगह पर नहीं मिली मदद, ग्रामीण बोले- पीने के पानी को तरस रहे सब

टांके में पैर फंसने से ऊंट के बच्चे की मौत:सुनसान जगह पर नहीं मिली मदद, ग्रामीण बोले- पीने के पानी को तरस रहे सब

जैसलमेर : जैसलमेर के देगराय ओरण इलाके के सांवता गांव की सरहद पर पानी की तलाश में भटक रहे एक ऊंट के बच्चे की टांके के मुंह में फंस जाने से दर्दनाक मौत हो गई। पास ही में खड़ी मां उसको बचा ना सकी। ग्रामीणों ने जब मृत बच्चे और पास में खड़ी उसकी मां को देखा तो सब बेहद दुखी हुए और गुस्से में भी हैं। ग्रामीणों का कहना है कि भीषण गर्मी में बिना पानी के भटक रहे जीवों की दर्दनाक मौत का जिम्मेदार जलदाय विभाग है जो इनको पानी तक उपलब्ध नहीं करवा पा रहा है।

मौके पर ही शव के पास खड़ी है मां।
मौके पर ही शव के पास खड़ी है मां।

पानी की तलाश में हुई मौत

वन्य जीव प्रेमी सुमेर सिंह ने बताया- शनिवार को एक ऊंट के बच्चे ने पानी की आस में इस खुले टांके में मुंह झुकाया। फिसलन होने से उसके अगले पांव उसमें धंस गए। अनेक प्रयास करने के बावजूद जहां से वह न तो पूरी तरह से बाहर निकल सका और छोटा होल होने से न ही नीचे उतर पाया। इस तरह से उसने तड़प-तड़प कर जान दे दी। बियाबान होने से ऊंट को कोई सहायता भी नहीं मिल सकी। उसकी दर्द भरी पुकार सुन कर मादा ऊंटनी वहां अवश्य पहुंच गई। वह भी पूरी रात वहीं पर सिसकती रही।

दो दिनों से ऊंटनी मौके पर

ग्रामीणों के अनुसार रविवार सुबह जब देखा तो मादा ऊंटनी का शरीर कांप रहा था और उसकी आंखों से आंसू बहने के निशान नजर आए। वन्यजीव प्रेमी सुमेरसिंह सांवता ने कहा कि पानी की तलाश में इस राज्य पशु ने अपनी जान गंवाई है। ग्रामीणों का कहना है कि जिम्मेदार विभागों व प्रशासन को इस तरह के खुले टांकों को जल्द से जल्द बंद करवाना चाहिए। अन्यथा इस तरह का हादसा किसी इंसान के साथ भी हो सकता है। सुमेर सिंह ने बताया कि वे ऊंटनी के मालिक की तलाश कर रहे हैं, मगर अभी तक जानकारी नहीं मिल पाई है कि ऊंटनी किसकी है। पशुपालक की जानकारी मिलने पर ही वो इसे मौके से ले जा पाएगा, क्योंकि ऊंटनी के पास अभी इस समय किसी और के जाने की हिम्मत नहीं ।

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