गुढ़ा बोले- 960 करोड़ महेश जोशी ने अकेले नहीं खाए:पैसों का ढेर लगता था, पूर्व CM ले जाते थे बड़ा हिस्सा; DTO को कहा- लिवर फट जाएगा
गुढ़ा बोले- 960 करोड़ महेश जोशी ने अकेले नहीं खाए:पैसों का ढेर लगता था, पूर्व CM ले जाते थे बड़ा हिस्सा; DTO को कहा- लिवर फट जाएगा

झुंझुनूं : पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वे पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पूर्व मंत्री महेश जोशी पर गंभीर आरोप लगाते दिख रहे हैं। वीडियो 30 अप्रैल का है। राजेंद्र गुढ़ा झुंझुनूं जिला परिवहन अधिकारी (DTO) कार्यालय के बाहर डंपर यूनियन की ओर से चल रहे धरने में पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने डीटीओ पर भी अभद्र टिप्पणी की। 2 मई (शुक्रवार) को डीटीओ ने उनके खिलाफ परिवहन सचिव को लेटर लिखा है।
वीडियो में आरोप और अभद्र बयानबाजी..
- 960 करोड़ अकेले महेश जोशी ने नहीं खाए- गुढ़ा ने जल जीवन मिशन घोटाले के मामले में आरोपी पूर्व मंत्री महेश जोशी को लेकर कहा- पूर्व मंत्री महेश जोशी ने 960 करोड़ रुपए अकेले नहीं खाए, उसमें अशोक गहलोत का भी हिस्सा था। वहां (जयपुर) पैसों का ढेर लगता था, सबसे बड़ा ढेर मुख्यमंत्री ही लेकर जाता था।
- DTO पर की अमर्यादित टिप्पणी- पूर्व मंत्री ने झुंझुनूं के जिला परिवहन अधिकारी (DTO) मक्खन लाल जांगिड़ को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं। डंपरों की RC निलंबन के विरोध में DTO कार्यालय के घेराव कार्यक्रम के दौरान गुढ़ा ने कहा- DTO मखनलाल जांगिड़ सबसे बड़ा चोर है। सभी सरकारी विभागों में सबसे भ्रष्ट विभाग RTO है। पुलिस वाले तो चोर कहे जाते हैं, लेकिन असली चोर तो RTO वाले हैं। ठेले वालों से पुलिस 100-200 लेकर चले जाते हैं, जबकि RTO अधिकारी मोटी फीस वसूलते हैं। इससे (मक्खन लाल जांगिड़) बड़ा चोर कोई नहीं हो सकता। यह एक-एक व्यक्ति को निशाना बनाकर लूटते हैं।
- खून पी रहे, लिवर फट जाएगा- इन लोगों की सैलरी जनता के टैक्स से दी जाती है, फिर भी यह लोग गरीबों को लूटने में लगे रहते हैं। मखनलाल जैसे लोग लोगों के खून पी रहे हैं, ये भ्रष्ट और बेईमान हैं। इनकी किडनी और लिवर फट जाएंगे, हार्ट अटैक आएगा और रीड की हड्डी भी टूट जाएगी। गुढ़ा ने आगे कहा- ठंडी-ठंडी हवा में अंदर बैठा है। इसके बाद उन्होंने अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए शब्द कहे।
DTO ने लिखी चिट्ठी, न्यायिक कार्रवाई की मांग
आहत DTO मक्खन लाल जांगिड़ ने परिवहन सचिव को 2 मई (शुक्रवार) को यह लेटर लिखा और मामले में संज्ञान लेने की मांग की।

ओवरलोड डंपरों के खिलाफ हुई थी सख्त कार्रवाई
बीते दिनों जिला परिवहन विभाग ने ओवरलोड डंपरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की थी। इस पर डंपर यूनियन ने जारी किए गए ई-रवन्ना चालानों को माफ करने और निलंबित किए गए 229 डंपरों के पंजीकरण प्रमाणपत्र (आरसी) को बहाल करने की मांग की थी। डंपर यूनियन के आंदोलन को डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (DYFI), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI), राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) और जय किसान आंदोलन का समर्थन मिला।
कार्रवाई प्रदेश में चल रहे अभियान का हिस्सा है। ओवरलोड वाहन गंभीर खतरा हैं। सरकार इसके खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। -मक्खन लाल जांगिड़ डीटीओ, झुंझुनूं
गुढ़ा बोले- सिर्फ झुंझुनूं में नियम लागू कर दिया
पूर्व मंत्री राजेंद्र गुड़ा ने इस मामले में सवाल किया तो उन्होंने कहा- डीटीओ ने झुंझुनूं में जो नियम लागू किया है वह पूरे राजस्थान के लिए बनाया गया था। लेकिन झुंझुनूं को छोड़कर उसे प्रदेश में कहीं भी लागू नहीं किया गया। जिले में 700 डंपर वाले घर बैठ गए हैं। एक अधिकारी जनता को लूट रहा है, उसका सम्मान थोड़े न होगा। ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों को यह सब सुनना ही पड़ेगा। यह सबसे भ्रष्ट डिपार्टमेंट है।
कांग्रेस विधायक बोले- गहलोत गांधीवादी नेता, उन पर आरोप लगाना गलत
गुढ़ा के आरोपों को लेकर कांग्रेस से पिलानी विधायक पितराम काला ने कहा- गुढ़ा बयानों के लिए चर्चित रहते हैं। लाल डायरी को लेकर भी चर्चा में रहे थे। पर उसमें कुछ नहीं निकला। लोगों को बदनाम करने के लिए वे यह कार्य कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ईमानदार छवि के नेता हैं। पार्टी के लिए समर्पित हैं। गांधीवादी नेता हैं। उनकी छवि पर एक रुपए का दाग अभी तक लगा नहीं हैं। उन्होंने अभी तक ऐसा कोई भी कार्य नहीं किया है। गुढ़ा का आरोप गलत है। मैं उनके वक्तव्य की आलोचना करता हूं।
कौन हैं राजेंद्र गुढ़ा
राजेंद्र गुढ़ा उदयपुरवाटी निर्वाचन क्षेत्र से राजस्थान विधान सभा के सदस्य रहे हैं। वह वर्तमान में शिवसेना के सदस्य हैं। इससे पहले उन्होंने राजस्थान सरकार में सैनिक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा (स्वतंत्र प्रभार), पंचायती राज और ग्रामीण विकास के राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया। 2008 में उन्होंने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर उदयपुरवाटी से अपना पहला चुनाव लड़ा और जीता था।
2009 में वे पांच अन्य बसपा विधायकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए और उन्हें पर्यटन राज्य मंत्री बनाया गया। 2013 में कांग्रेस के टिकट पर उदयपुरवाटी सीट से उन्होंने चुनाव लड़ा और हार गए। इसके बाद पार्टी ने उनका टिकट रद्द कर दिया।
2018 के विधानसभा चुनाव से पहले वे फिर से बसपा में शामिल हो गए और उदयपुरवाटी से विधायक चुने गए। 2019 में वे एक बार फिर पांच अन्य बसपा विधायकों के साथ कांग्रेस में लौट आए और उन्हें राज्य मंत्री नियुक्त किया गया। जुलाई 2023 में उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया था। इसके बाद सितंबर 2023 में वे शिवसेना (शिंदे गुट) में शामिल हो गए थे। 2023 में वे लाल डायरी के कारण चर्चा में आए थे।