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चुड़ीना गांव में तेज हवा से टूटे तीन बिजली पोल:अंधेरे में डूबा पूरा इलाका, पानी को तरसे लोग, ग्रामीणों का फूटा गुस्सा


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चुड़ीना गांव में तेज हवा से टूटे तीन बिजली पोल:अंधेरे में डूबा पूरा इलाका, पानी को तरसे लोग, ग्रामीणों का फूटा गुस्सा

चुड़ीना गांव में तेज हवा से टूटे तीन बिजली पोल:अंधेरे में डूबा पूरा इलाका, पानी को तरसे लोग, ग्रामीणों का फूटा गुस्सा

बुहाना : बुहाना क्षेत्र के चुड़ीना गांव में शनिवार रात तेज हवाओं ने तबाही मचाई। भीषण आंधी के चलते गांव में लगे तीन बिजली के पोल धराशायी हो गए, जिससे संपूर्ण विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई। इस घटना के कारण पूरा गांव अंधेरे में डूब गया। भीषण गर्मी और पेयजल संकट के बीच रात गुजारने को मजबूर ग्रामीणों में बिजली विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर भारी आक्रोश है।

तेज हवाओं ने बिगाड़ा जनजीवन

शनिवार रात को आई तेज हवाओं ने न केवल जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया बल्कि गांव की मूलभूत सुविधाओं को भी ठप्प कर दिया। चुड़ीना गांव में तीन बड़े बिजली पोल तेज हवाओं की चपेट में आकर टूट गए। इससे पूरे गांव की बिजली सप्लाई पूरी तरह से बंद हो गई। गांव के ट्यूबवेल और नलकूप भी बिजली न होने के कारण ठप हो गए, जिससे पेयजल आपूर्ति भी बाधित हो गई। गांव के सैकड़ों परिवारों को भीषण गर्मी में रातभर अंधेरे और पानी की कमी के बीच कठिन परिस्थितियों में गुजरना पड़ा।

ग्रामीणों ने बिजली निगम पर लगाए गंभीर आरोप

घटना के तुरंत बाद ग्रामीणों ने बिजली निगम को इसकी सूचना दी, लेकिन विभाग की ओर से न तो कोई कर्मचारी मौके पर पहुंचा और न ही कोई त्वरित कार्रवाई की गई। इससे ग्रामीणों का गुस्सा और बढ़ गया। गांव के रामस्वरूप, श्यामलाल और ममता देवी सहित अन्य लोगों ने बिजली विभाग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “चुड़ीना जैसे सीमावर्ती गांवों को हमेशा उपेक्षित किया जाता है। बार-बार शिकायतों के बावजूद विभाग की ओर से कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला जाता। हादसे के बाद भी किसी अधिकारी ने फोन तक उठाना जरूरी नहीं समझा।

ग्रामीणों का कहना है कि विभाग की इस उदासीनता ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। तेज गर्मी में बिजली और पानी दोनों के बिना रहना बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए बेहद पीड़ादायक साबित हो रहा है।

प्रदर्शन की चेतावनी दी

गांव के लोगों ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है कि यदि जल्द से जल्द विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं की गई और टूटे हुए पोलों को बदलने का काम शुरू नहीं हुआ, तो वे बिजली विभाग के कार्यालय के सामने जोरदार प्रदर्शन करेंगे।

बिजली विभाग ने जताई सीमित संसाधनों की मजबूरी

बिजली विभाग के एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि विभाग के पास पर्याप्त स्टाफ और संसाधन नहीं हैं। “कर्मचारियों की भारी कमी है, और संसाधन भी सीमित हैं, जिससे त्वरित कार्रवाई करना मुश्किल होता है,” कर्मचारी ने स्वीकार किया। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग उच्चाधिकारियों को इस समस्या से अवगत करा चुका है, लेकिन स्थायी समाधान के लिए अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई है।

प्रशासन की भूमिका पर उठ रहे सवाल

चुड़ीना की घटना ने एक बार फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं कि आपदा प्रबंधन और आपातकालीन सेवाओं के मामले में गांवों को कितनी प्राथमिकता दी जाती है। यदि तेज हवाओं जैसी प्राकृतिक घटनाओं के बाद भी प्रशासन और संबंधित विभाग सक्रिय नहीं होते, तो ग्रामीणों का गुस्सा और हताशा बढ़ना स्वाभाविक है।

ग्रामीणों को उम्मीद, जल्द होगी बहाली

गांव वालों को उम्मीद है कि विभाग उनकी समस्या को गंभीरता से लेकर जल्द से जल्द बिजली आपूर्ति बहाल करेगा। वहीं, कुछ ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे उच्च अधिकारियों से शिकायत कर इस लापरवाही के खिलाफ आंदोलन करेंगे।

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