स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन:रक्तदान शिविर में युवाओं ने किया 55 यूनिट रक्तदान
स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन:रक्तदान शिविर में युवाओं ने किया 55 यूनिट रक्तदान

खेतड़ी नगर : केसीसी के कॉपर क्लब में गुरुवार को स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। निरंकारी बाबा गुरुबचन सिंह के शहादत दिवस पर स्वैच्छिक रक्तदान शिविर निरंकारी संत समागम का आयोजन किया गया। शिविर में 55 यूनिट रक्त इक्ट्ठा किया गया। शिविर का आयोजन सन्त निरंकारी चैरिटेबल फाउन्डेशन के सौजन्य से किया गया।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केसीसी के कार्यपालक निदेशक जीडी गुप्ता और उनकी धर्मपत्नी रीना गुप्ता रही। विशिष्ट अतिथि डॉ सुजाता सैनी, सवाई सिंह सिराधना, गोठड़ा सरपंच सरती देवी, चेतन कुमार जैन प्रोजेक्ट हेड SMS Ltd., विजय इशरानी, मुन्नालाल जैदिया, शिवकरण, संम्पतराम, छाजुराम, हजारीलाल विशिष्ट अतिथि रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजपाल यादव ने की। आए हुए अतिथियों घनश्याम दास ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
सुबह नो बजे बीडीके हॉस्पिटल की मेडिकल टीम मौके पर पहुंची। डॉ राकेश कुमार के नेतृत्व में रक्तदाताओं की सूची तैयार की गई। इसके बाद रक्त परीक्षण शुरू किया गया। शिविर में कुल 88 लोगों ने रजिस्ट्रेशन और 55 रक्तवीरों ने रक्तदान किया।
शिव भगवान बजाज ने कहा कि पूरे विश्व में रक्तदान का सिलसिला तब शुरू हुआ, जब बाबा गुरुवचन सिंह की शहादत से क्षुब्ध होकर पूरा निरंकारी समुदाय बदला लेने पर आमादा था। उन्हें समझाने के लिए तत्कालीन सतगुरु बाबा हरदेव सिंह ने निरंकारी समुदाय से कहा कि बदला तो लिया जाएगा, पर खून बहाकर नहीं बल्कि खून देकर। क्योंकि निरंकारी मिशन की सोच है कि मानव रक्त नालियों में नहीं, नाड़ियों में बहना चाहिए।
इस मौके पर केसीसी के कार्यपालक निदेशक जीडी गुप्ता ने निरंकारी मिशन द्वारा निश्वरथ सेवा करते उससे में भी प्रभावित हूँ और में भी कोशिश करता हूँ की मैं भी आप सब लोगों की तरह निस्वार्थ सेवा करू। उन्होंने बताया कि रक्तदान सभी को करना चाहिए कई बार मरीजों के शरीर में खून की मात्रा इतनी कम हो जाती है कि उन्हें किसी और व्यक्ति से ब्लड लेने की आवश्यकता पड़ जाती है। ऐसी ही इमरजेंसी स्थिति में खून की आपूर्ति के लिए लोगों को रक्तदान करने के लिए आगे आना चाहिए। इससे जरुरत मंद की मदद हो सकेगी।
डॉ सुजाता सैनी ने बताया कि लोगों द्वारा रक्त दान करने से दिल की सेहत में सुधार, दिल की बीमारियों और स्ट्रोक के खतरे को कम माना जाता है। खून में आयरन की ज्यादा मात्रा दिल के दौरे के खतरे को बढ़ा सकती है। नियमित रूप से रक्तदान करने से आयरन की अतिरिक्त मात्रा नियंत्रित हो जाती है। जो दिल की सेहत के लिए अच्छी है। केंसर जैसी बीमारी के होने संभावना कम हो जाती है ।
कार्यक्रम संयोजक घनश्याम दास ने बताया कि बाबा गुरबचन सिंह ने निरंकारी मिशन के सदस्यों को साधन संपन्न, मददगार और कुशल बनने के लिए प्रोत्साहित किया।
झुंझुनूं बीडीके मेडिकल टीम में श्याम सुन्दर शर्मा, सरिता कुमारी, अश्वनी कुमार, विरेन्द्र कुमार, दीपक कुमार, नरेश कुमार शामिल रहे।इस कार्यक्रम में शंकर लाल, राजपाल, धर्मपाल, प्रदीप, भवरी, गायत्री, भारती, सुनिता, अंगूरी, अशोक, रवि, निरंजन वाल, कविता, देशदीप, अनिल, केशव, देशराज, राजकुमार, कालुराम, जय प्रकाश, और नवीन सहित कई लोगों ने कार्यक्रम में शिरकत की।