सीएम को पीड़ा बताने पहुंची सास-बहू को पुलिस ने रोका सभा में खड़े हो ज्ञापन लहराया तो धक्के मार बाहर निकाला
सीएम मंच पर पहुंच भीड़ का अभिवादन करने लगे, तभी पीड़िता ने लहरा दिया ज्ञापन

चिड़ावा : भले ही सीएम भजनलाल शर्मा जनता की समस्या सुनने के लिए उनके द्वार आ रहे हैं, लेकिन पुलिस प्रशासन जनता को सीएम से मिलने ही नहीं दे रहा है। ऐसा ही वाकया रविवार को सीएम की चिड़ावा सभा में सामने आया। मुख्यमंत्री के पास फरियाद लेकर पहुंचे पिलानी के दलित परिवार को पुलिस ने मिलने नहीं दिया और धक्का मुक्की कर बाहर निकाल दिया।
पिलानी में राजगढ़ रोड पर रहने वाले भूराराम मेघवाल की पत्नी किताब देवी व बहू ममता चिड़ावा में मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने पहुंची थी। वे प्रशासन की ओर से सील किए गए मकान को खुलवाने की फरियाद करने पहुंची थी। काफी देर तक वे भीषण गर्मी में मुख्यमंत्री के आने का इंतजार करती रहीं। दोपहर बाद सीएम चिड़ावा पहुंचे तो बहु ममता उन्हें ज्ञापन देने के लिए आगे बढ़ी। तब वहां मौजूद पुलिस वालों ने उन्हें रोक दिया। सभा के दौरान भी उसने भीड़ में खड़े होकर ज्ञापन लहराया, तब उसे पकड़कर ले गए। पुलिस वालों ने पूछा कौनसे इलाके का मामला है। इस पर ममता ने बताया कि पिलानी से आए हैं। पुलिस वालों ने पिलानी में ही ज्ञापन देने की बात कहकर रोक लिया। तब ममता अपने बुजुर्ग सास, ससुर के साथ ऑटो करके पिलानी पहुंची, तब तक सीएम भजनलाल शर्मा वहां से जा चुके थे।
सीएम मंच पर पहुंच भीड़ का अभिवादन करने लगे, तभी पीड़िता ने लहरा दिया ज्ञापन
चिड़ावा में हुई जनसभा में ममता अपनी सास के साथ ज्ञापन लेकर बैठी थीं। जैसे ही सीएम मंच पर पहुंचे और स्वागत होने लगा, तब बहू ममता अपना ज्ञापन लहराने लगी। लगी। वह कहने लगी कि मुख्यमंत्री साहब आपसे मिलना है, लेकिन पुलिस वाले मिलने नहीं दे रहे हैं। अचानक हुए इस घटनाक्रम से पुलिस व प्रशासन के अधिकारी सकते में आ गए। तत्काल ममता व उसकी सास को वहां से बाहर ले गए और बाद में पिलानी में मिलाने की बात कहकर उन्हें सभास्थल से भेज दिया। ममता ने बताया कि वह अपने बुजुर्ग सास, ससुर के साथ सीएम साहब से अपने मकान खुलवाने के लिए मदद मांगने गए थे, लेकिन पुलिस वालों ने हमारा ज्ञापन भी सीएम साहब को नहीं देने दिया। धक्के मारकर निकाल दिया।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष बोले-यह कैसी जनसुनवाई : कांग्रेस
जिलाध्यक्ष दिनेश सुंडा ने सोशल मीडिया पर इस घटना की निंदा की है। सुंडा ने एक्स पर लिखा, पर्ची सरकार की दिखावटी जनसुनवाई, बुजुर्ग पीड़ा सुनाने लगा तो पुलिस उठा ले गई। रोती रही महिला, लेकिन सीएम से मिलने तक नहीं दिया। जवाव दीजिए सीएम साहब, सिर्फ माला पहनने और जन सुनवाई के साथ-साथ मीटिंग का दिखावा करने ही आए थे क्या?
तहसीलदार ने 15 अप्रैल को मकान सील किया, तब से खुले में रह रहा परिवार
पिलानी में राजगढ़ रोड पर पिछले 50 वर्षों से कैलाश वैध के खेत में कार्य कर रहा हूं। मैंने 1996 में कैलाश वैद्य को रुपए देकर उनके खेत में अपना एक मकान बनाया था। अचानक सड़क हादसे में 22 मार्च 1996 को कैलाश की मृत्यु हो गई। इसके बाद हमने उनके बच्चों को बताया तो उन्होंने आश्वासन दिया था कि जमीन के कागज बनवा देंगे। तीन साल पहले उनके मकान को खाली कराने के लिए कहा। मकान खाली नहीं कराने पर मारने की धमकी देने लगे। 2023 में पुलिस में रिपोर्ट दी। पिछले साल 22 फरवरी 2024 को एसडीएम कोर्ट ने कुर्की के आदेश दिए। 15 अप्रैल 2025 को एसडीएम के आदेश पर तहसीलदार ने मकान को सील कर दिया। ममता का आरोप है कि जिस दिन उनका मकान सील किया उसके पति मजदूरी करने गए हुए थे। बच्चे स्कूल गए थे। ममता खुद सफाई पोचा करने गई थी। पीछे से प्रशासन ने उनका मकान सील कर दिया। तब से यह परिवार खुले में रह रहा है। सामान अंदर रह गया।