भद्दे मैसेज भेजने वाले प्रिंसिपल के खिलाफ स्टूडेंट्स का हंगामा:AD के चैंबर में घुसकर की बहसबाजी, धरने पर बोले- पहले पद से हटाओ, फिर जांच
भद्दे मैसेज भेजने वाले प्रिंसिपल के खिलाफ स्टूडेंट्स का हंगामा:AD के चैंबर में घुसकर की बहसबाजी, धरने पर बोले- पहले पद से हटाओ, फिर जांच

कोटा : कोटा में भद्दे मैसेज करने वाले सरकारी गर्ल्स कॉलेज प्रिंसिपल के खिलाफ आवाज उठाने वाली छात्राओं के समर्थन में दूसरे कॉलेज के स्टूडेंट्स भी उतर आए। स्टूडेंट्स ने सरकारी गर्ल्स कॉलेज के प्रिंसिपल के खिलाफ हंगामा किया। स्टूडेंट्स कॉलेज एजुकेशन, कोटा के असिस्टेंट डायरेक्टर के चैंबर में घुस गए। कार्रवाई को लेकर उनसे बहस करने लगे। चैंबर में स्टूडेंट्स धरने पर बैठ गए।
मामले को लेकर JDB कन्या महाविद्यालय छात्रा संघ की पूर्व अध्यक्ष अंजलि मीणा ने कहा- मामला उजागर होने के बाद लड़कियों को डराया जा रहा है। प्रिंसिपल मीडिया से बार-बार सुसाइड करने की बात कहकर मामले को गुमराह करने की कोशिश कर रहे थे। पहले प्रिंसिपल को पद से हटाया जाए, उसके बाद जांच हो, ताकि मामला निष्पक्ष रूप से सामने आ सके।
दरअसल, छात्राओं ने प्रिंसिपल पर गंभीर आरोप लगाए थे। प्रिंसिपल वॉट्सऐप पर भद्दे मैसेज भेजते थे और देर रात चैटिंग के लिए दबाव बनाते थे। प्रिंसिपल छात्राओं को अपने रूम में बैठाते थे और बाहर गार्ड तैनात कर देते थे। बात न मानने पर कम मार्क्स या फेल करने की धमकी देते थे।
JDB कन्या महाविद्यालय की छात्राओं का प्रदर्शन जॉइंट डायरेक्टर (HRD) केशव शर्मा के आश्वासन के बाद खत्म हुआ।
सिलसिलेवार ढंग से पढ़िए पूरा मामला…
मामले में सख्त कार्रवाई की मांग: जेडीबी कन्या महाविद्यालय छात्रा संघ पूर्व अध्यक्ष अंजलि मीणा ने कहा कि प्रिंसिपल के पद पर रहते हुए निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती। सबसे पहले प्रिंसिपल को पद से हटाया जाए। इसके बाद मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए, ताकि सभी छात्राओं को न्याय मिल सके और आरोपी प्रिंसिपल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।
सुसाइड की बात कर रहे प्रिंसिपल:अंजलि ने कहा कि 7 अप्रैल को छात्राओं ने शिकायत दी थी। मामला सामने आने के बाद लड़कियों को डराया जा रहा है। जो मीडिया वाले प्रिंसिपल के पास जा रहे हैं, उनसे प्रिंसिपल सुसाइड करने की बात कह रहे हैं। हैरानी की बात है कि शिकायत देने के एक सप्ताह बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। आज 15 तारीख हो गई। अभी तक कोई कमेटी नहीं बैठी है। छात्राएं डरी हुई हैं। हमने मुख्यमंत्री के नाम असिस्टेंट डायरेक्टर कॉलेज एजुकेशन, कोटा को ज्ञापन दिया है।
‘छुट्टी आ गए थे इसलिए देरी हुई’:
कॉलेज एजुकेशन, कोटा के असिस्टेंट डायरेक्टर विजय पंचौली ने बताया- 7 अप्रैल को शिकायत मिली थी। उसी दिन शिकायत को उच्च अधिकारी को भिजवा दिया था। बीच में 3-4 दिन का छुट्टी आ गया था। इस कारण विलंब हुआ है। आज छात्र-छात्राएं ज्ञापन देने पहुंचे थे। उनकी मांग थी कि कॉलेज में महिला प्रिंसिपल को लगाया जाए, ताकि छात्राएं अपनी बात खुलकर कह सकें। प्रदर्शनकारी छात्राओं की फोन पर डायरेक्टर कॉलेज एजुकेशन, राजस्थान से बात करवाई है। उच्च अधिकारियों ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। विषय गंभीर है। मुझे लगता है आज ही इसमें कोई ठोस कार्रवाई होनी चाहिए।
छात्राओं ने लगाए ये 4 बड़े आरोप-
- दिसंबर में कोटा के एक सरकारी कॉलेज की छात्राएं कॉलेज ट्रिप पर गई थीं। इस दौरान प्रिंसिपल ने छात्राओं से दुर्व्यवहार किया। आरोप है कि कुछ छात्राएं प्रिंसिपल की कार में ही गईं और उसी में लौटीं।
- इसके बाद कॉलेज का माहौल बिगड़ गया, प्रिंसिपल छात्राओं का ग्रुप बनाकर उन्हें फोटो भेजने और चैट करने को कहते थे।
- आरोप है कि जो छात्राएं प्रिंसिपल की बात मान लेतीं, उन्हें कोई समस्या नहीं आती थी। लेकिन, जो नहीं मानतीं, उन्हें कम मार्क्स देने की धमकी दी जाती थी।
- आरोप है कि प्रिंसिपल छात्राओं के साथ चैंबर में बैठे रहते हैं और बाहर गार्ड को तैनात कर देते हैं, ताकि कोई अंदर न आ सके।
प्रिंसिपल बोले- मैं जिंदा नहीं मर चुका हूं
मामला सामने आने के बाद कॉलेज के प्रिंसिपल ने अपना बयान जारी किया है। उन्होंने कहा- मैंने मेरे 22 साल के करियर में ऐसा नहीं किया। पहली बार ऐसे इल्जाम मुझ पर लगाए गए हैं। प्रिंसिपल ने कहा- मैंने विद्या माता, अपने इष्ट देव की कसम खा कर कहता हूं कि मैंने कोई ऐसा कृत्य नहीं किया है। अगर मैं गलत हूं तो मुझे सजा मिलनी चाहिए, नहीं तो जो दोषी हैं उन्हें सजा मिले। जिन्होंने मुझे जीते जी मार दिया। मैं कह रहा हूं मैं जिंदा नहीं हूं, मैं चलायमान हूं केवल। मेरा मान मर्दन तो मेरी इज्जत से हो चुका है। अब वो लौटाई नहीं जा सकती है दोबारा।
कहा-कमेटी के सामने पेश होने को तैयार
प्रिंसिपल ने कहा- 452 छात्राओं में से किंचित लड़कियों ने मुझ पर आरोप लगाएं हैं। बिना जांच हुए मेरे खिलाफ सोशल मीडिया पर ऐसा प्रचार हुआ है कि मैं अंदर से मर चुका हूं। मेर पक्ष में 413 लड़कियां हैं, उनसे भी पूछताछ करनी चाहिए थी। मैं निदेशालय से गठित होने वाली कमेटी के सामने पेश होने के लिए तैयार हूं।
वो स्क्रीनशॉट जो छात्राओं ने प्रशासन को उपलब्ध करवाए-



पहले देखिए, प्रदर्शन से जुड़ी 3 PHOTOS…


