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झुंझुनू में थाना मण्डावा पुलिस ने तीन युवतियों सहित 13 अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इन अपराधियों के पास से 21 लैपटॉप, 21 मोबाइल मय अन्य इलेक्ट्रॉनिक संसाधन जब्त किए गए हैं।


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झुंझुनूंटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

झुंझुनू में थाना मण्डावा पुलिस ने तीन युवतियों सहित 13 अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इन अपराधियों के पास से 21 लैपटॉप, 21 मोबाइल मय अन्य इलेक्ट्रॉनिक संसाधन जब्त किए गए हैं।

झुंझुनू में थाना मण्डावा पुलिस ने तीन युवतियों सहित 13 अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इन अपराधियों के पास से 21 लैपटॉप, 21 मोबाइल मय अन्य इलेक्ट्रॉनिक संसाधन जब्त किए गए हैं।

झुंझुनूं : माइक्रोसॉफ्ट संबंधी समस्या के निवारण के लिए अमेरिका में बैठा कस्टमर जैसे ही माइक्रोसिप ऐप पर हेल्प मांगता तो 12 हजार किलोमीटर दूर झुंझुनूं के मंडावा बैठा साइबर ठग कहता- बताइये मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूं। मैं वॉशिंगटन (अमेरिका) से माइक्रोसॉफ्ट का कर्मचारी बोल रहा हूं।

इसके बाद ठग उस कस्टमर से अल्ट्रा वीवर ऐप डाउनलोड कराकर उसके लैपटॉप या कंप्यूटर का एक्सेस अपने पास ले लेते और अपने आका मिकी या टैडी को ट्रांसफर कर देते। ये आरोपी कस्टमर की बैंक डिटेल्स लेकर उनके साथ साइबर ठगी को अंजाम देते।

झुंझुनूं के होटल से विदेशियों को बना रहे निशाना

झुंझुनूं में एक ऐसा साइबर ठग गिरोह पकड़ा गया है जो विदेशियों से ऑनलाइन ठगी कर रहा था। खुद को माइक्रोसॉफ्ट का कर्मचारी बताकर ये माइक्रोसॉफ्ट संबंधी समस्याएं दूर करने का झांसा देते थे। फिर ग्राहकों का डेटा चोरी कर धोखाधड़ी कर रहे थे। झुंझुनूं के मंडावा में फतेहपुर बाइपास के एक होटल के कमरे में इनका कॉल सेंटर चल रहा था। ग्राहक को लोकेशन वॉशिंगटन (अमेरिका) बताते थे।

DSP ग्रामीण हरिसिंह धायल ने बताया- मंडावा पुलिस ने सोमवार को साइबर ठगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए होटल पर दबिश दी। वहां 3 लड़कियों समेत 13 लोग अलग-अलग कमरों में लैपटॉप पर काम करते मिले। जांच में ये साइबर ठग निकले जिन्हें गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से 21 लैपटॉप, 21 मोबाइल, हेडफोन और इंटरनेट के लिए इस्तेमाल किया गया राउटर समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मिले हैं।

निशाने पर अधिकतर अमेरिकी नागरिक

DSP ग्रामीण हरिसिंह धायल ने बताया- प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि गिरोह के निशाने पर विदेशी नागरिक, खास तौर पर अमेरिकी नागरिक होते हैं। ग्राहक को ये माइक्रोसॉफ्ट से संबंधित विभिन्न समस्याओं को दूर करने का झांसा देकर उनका डेटा चोरी करते थे। फिर साइबर धोखाधड़ी करते थे।

पुलिस को इनके बारे में सूचना मिली तो DSP ग्रामीण हरिसिंह धायल के नेतृत्व में मंडावा थाना इंचार्ज, साइबर पुलिस स्टेशन झुंझुनूं, साइबर सेल, एसपी ऑफिस स्टाफ की संयुक्त टीम ने सोमवार को फतेहपुर बाइपास पर मंडावा के होटल बिजनेसमैन हाजी फारूक भाटी के होटल पर छापा मारा।

इस दौरान पुलिस ने 10 लड़कों और 3 लड़कियों को गिरफ्तार किया। तलाशी में उनके पास लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मिले। आरोपी दिल्ली, पश्चिम बंगाल, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और उत्तर प्रदेश के हैं।

इन आरोपियों को गिरफ्तार किया

पुलिस ने आकाश वीके (28) निवासी दिल्ली, किस्मत गजनेर (31) निवासी पश्चिम बंगाल, रमेश गुरूंग (40) निवासी दिल्ली, आशीष ओझा (35) निवासी पश्चिम बंगाल, अमित पोल (37) निवासी मणिपुर, कुशाल थापा (28) निवासी मेघालय, मौसे चिंगरा (29) निवासी दिल्ली, पैट्रिक जोनुसंगा (28) निवासी मिजोरम, के जुबलिया (29) निवासी मणिपुर, अप्सरा प्रधान (28) निवासी मणिपुर, ​​​​​​​चिइजोतेउ लेचु (31) निवासी नागालैंड, ​​​​​​​जंगमिनखय डोंगल (30) निवासी दिल्ली और मोनू कुमार (21) निवासी उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार किया है।

ऐसे करते थे साइबर ठगी

DSP ग्रामीण हरिसिंह धायल ने बताया- आरोपी माइक्रोसिप ऐप के जरिए उन कस्टमर से कनेक्ट होते थे जो सोशल मीडिया और माइक्रोसॉफ्ट से संबंधित समस्याओं का सामना कर रहे होते हैं। आरोपी उन्हें कॉल कर खुद को माइक्रोसॉफ्ट का कर्मचारी बताते। अपनी लोकेशन वाशिंगटन (अमेरिका) बताते। फिर कंप्यूटर सिस्टम में माइक्रोसॉफ्ट से संबंधित विभिन्न समस्याओं को ठीक करने की बात कहकर लाइन पर रखते।

बातों बातों में ये लोग ग्राहक को अल्ट्रा व्यूअर ऐप डाउनलोड करवाते। इससे उनके कंप्यूटर का एक्सेस आरोपियों के पास आ जाता था। इसके बाद, आईबीम ऐप के जरिए कॉल को सुपरवाइजर (इन्हीं का साथी) को ट्रांसफर कर देते।सुपरवाइजर तब समस्याग्रस्त विदेशी नागरिक का डेटा चोरी करके उनके साथ साइबर फ्रॉड करता था।

लैपटॉप-मोबाइल में मिले ये रिमोट कंट्रोल ऐप

आरोपियों के लैपटॉप-मोबाइल में अल्ट्रा व्यूअर, माइक्रोसिप, एक्स-लाइट, आईबीम और चेंज मैक एड्रेस जैसे रिमोट कंट्रोल, कॉल ट्रांसफर और मैक आईडी बदलने से संबंधित ऐप डाउनलोड पाए गए हैं। ये लोग विदेशी आईपी एड्रेस का उपयोग करने के लिए टर्बो वीपीएन का भी इस्तेमाल करते थे। इस तरह ये अपराधी उपभोक्ताओं के सिस्टम का एक्सेस लेकर उनकी बैंक डिटेल प्राप्त करते थे। इसके बाद ठगी की वारदात करते।

माइक्रोसॉफ्ट का वैध लाइसेंस नहीं

जांच में यह भी पाया गया कि इन लोगों के पास माइक्रोसॉफ्ट का कोई वैध लाइसेंस या परमिट नहीं था। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता और आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अब यह पता लगाने के लिए गहन जांच कर रही है कि इन आरोपियों और उनके सहयोगियों ने अब तक कुल कितनी राशि की ठगी की है। इस कार्रवाई में कॉन्स्टेबल विक्रम सिंह का विशेष योगदान रहा।

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