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राजस्थानी को राजभाषा का दर्जा दिलाने की मुहिम:मायड़ भाषा संघर्ष समिति ने मनाया राजस्थान दिवस, द्वितीय राजभाषा बनाने की मांग


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राजस्थानी को राजभाषा का दर्जा दिलाने की मुहिम:मायड़ भाषा संघर्ष समिति ने मनाया राजस्थान दिवस, द्वितीय राजभाषा बनाने की मांग

राजस्थानी को राजभाषा का दर्जा दिलाने की मुहिम:मायड़ भाषा संघर्ष समिति ने मनाया राजस्थान दिवस, द्वितीय राजभाषा बनाने की मांग

सरदारशहर : सरदारशहर में मायड़ भाषा संघर्ष समिति ने राजस्थान दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मुखराम सिध्द ने राजस्थानी भाषा की समृद्ध साहित्यिक और सांस्कृतिक विरासत पर प्रकाश डाला। समिति के संयोजक गोपाल स्वामी ने भजनलाल शर्मा सरकार द्वारा चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को राजस्थान दिवस के रूप में मनाने की नई परंपरा की सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को राजस्थानी को राजभाषा का दर्जा देने पर भी विचार करना चाहिए।

कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि राजस्थानी को प्रदेश की द्वितीय राजभाषा बनाने से इसे संवैधानिक मान्यता मिलने का मार्ग प्रशस्त होगा। वक्ताओं ने कहा कि राजस्थानी प्रदेशवासियों की मातृभाषा है। स्वतंत्रता के बाद से इस भाषा की उपेक्षा से स्थानीय संस्कृति और पहचान खतरे में पड़ गई है। सहसंयोजक विकास सारस्वत ने राजस्थानी को दुनिया की सबसे समृद्ध भाषाओं में से एक बताया। कार्यक्रम में अजीत सिंह, सियाराम स्वामी, परमेश्वर पारीक, राजूराम शर्मा समेत कई भाषाप्रेमी मौजूद रहे। सभी ने राजस्थानी भाषा के संरक्षण और संवर्धन का संकल्प लिया।

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