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हजार महीनों की इबादत से भी अफजल है आज की रात – शबे-कद्र आज


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हजार महीनों की इबादत से भी अफजल है आज की रात – शबे-कद्र आज

हजार महीनों की इबादत से भी अफजल है आज की रात - शबे-कद्र आज

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद आरिफ चंदेल

इस्लामपुर : शबे कद्र को लेकर मुस्लिम भाइयों में बेहद उत्साह नजर आ रहा है। सभी मुस्लिम भाई शबे कद्र की तैयारियों में जुट गए हैं। गुरुवार रात को तमाम घरों व मस्जिदों में शबे कद्र मनाई जाएगी। मुस्लिम भाई रात को अपने-अपने घरों और मस्जिदों में जागकर अल्लाह की इबादत करेंगे और अपने अहलो-अयाल के लिए दुआएं मगफिरत करेंगे।

मस्जिद के इमामों ने सभी मुस्लिम भाइयों से अपील की है कि सभी अपने घरों व मस्जिदों में रातभर जागकर रब की इबादत करें। रात को बेवजह बाजारों में न घूमें और कोई भी गरीब भूखा न रहे इसलिए जरूरतमंदों की ज्यादा से ज्यादा मदद करें।

आज मुकम्मल होगी कुरआन की तिलावत

हाफिजों व मुस्लिम भाइयों की ओर से आज की रात कुरआन की तिलावत मुकम्मल की जाएगी। तिलावत मुकम्मल होने पर हाफिजों को नजराना व तोहफे दिए जाएंगे।

शबे-कद्र की फजिलत

रमजान की 27वीं रात के बारे में आम तौर पर मशहूर है कि यही रात शबे कद्र की है इसलिए इंसान को रातभर जागकर खुदा की इबादत कर अपने गुनाहों की माफी मांगनी चाहिए। अल्लाह के रसूल ने फरमाया कि रमजान के आखरी असरे की ताक रातों यानि 21, 23, 25, 27 व 29वीं रात में शबे कद्र को तलाश करो। अकसर उलमा ने 27वीं रात को ही शबे कद्र बताया है इसलिए रमजान के मुकद्दस महीने की 27वीं रात को शबे कद्र कहा जाता है। हदीसों में इस रात की बड़ी फजिलत बयान की गई है और बताया गया है कि शबे कद्र की रात हजार महीनों से भी अफजल है। जामा मस्जिद के इमाम मौलाना अकबर अली ने बताया कि आज रात को जितना हो सके जागकर तिलावते जिक्र और रब की इबादत की जाए। खाली जागकर और टाईम पास करने से कोई फैज हासिल होने वाला नहीं। शबे कद्र इन्तिहाई रहमत व बरकत वाली रात है। इस रात में सालभर के अहकाम जारी किए जाते हैं और फरिश्ते अगले साल होने वाले मामलात लिखते हैं। रातभर रब की इबादत कर इस रात की रहमतों व बरकतों से फायदा उठाएं और इस रात को फिजूल काम व गफलत में हरगिज न गुजारें।

इस रात होती है गुनाहों की माफी और रहमतों की बारिश

मौलाना ने बताया कि शब-ए-कद्र की रात अल्लाह तआला की रहमतों और बरकतों की बारिश होती है। जो भी इस रात में सच्चे दिल से इबादत करता है, अल्लाह पाक उसकी दुआएं कुबूल करता है और पिछले गुनाह माफ कर दिए जाते हैं। यही वजह है कि इस रात को लेकर मुस्लिम समाज में जबरदस्त उत्साह रहता है।

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