जीलो अस्पताल में स्टाफ की कमी से आमजन परेशान:7 की जगह 2 नर्सिंगकर्मी, सीएमएचओ बोले-जल्द होगी भर्ती
जीलो अस्पताल में स्टाफ की कमी से आमजन परेशान:7 की जगह 2 नर्सिंगकर्मी, सीएमएचओ बोले-जल्द होगी भर्ती

पाटन : पाटन क्षेत्र के जीलो स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में स्टाफ की कमी से मरीजों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। विशेषकर रात के समय आपातकालीन सेवाएं बंद रहने से समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है, मजबूरन मरीजों को दूसरे अस्पतालों का रुख करना पड़ता है।
ग्रामीणों ने बताया कि पांच साल पहले स्थापित इस सीएचसी में चिकित्सा स्टाफ के लिए आवासीय क्वार्टर भी बनाए गए थे। अस्पताल में ऑपरेशन थियेटर, लेबर रूम, वार्ड रूम, स्टोर रूम, प्रयोगशाला, इमरजेंसी रूम, ड्रेसिंग रूम और फार्मेसी की सुविधाएं मौजूद हैं। लेकिन स्टाफ की कमी के कारण ये सभी सुविधाएं निष्प्रभावी हो गई हैं।
सीएचसी अधीक्षक डॉ. मुकेश सैनी ने बताया-अस्पताल में 5 डॉक्टरों की आवश्यकता है, लेकिन केवल 2 ही कार्यरत हैं। इसी तरह 7 नर्सों की जगह मात्र 2 नर्स ही उपलब्ध हैं। हाल ही में मेडिकल स्टाफ के हुए तबादलों में यहां से कर्मचारियों का स्थानांतरण तो कर दिया गया लेकिन यहां पर कर्मचारी नहीं लगाए गए जिस कारण भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। दो डॉक्टर 24 घंटे ड्यूटी कैसे कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए जिला चिकित्सा अधिकारी को कई बार पत्र लिखा गया है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इस स्वास्थ्य केंद्र पर जीलो के अलावा बिहार, डाबला, स्यालोदङा, श्यामपुरा, मावण्डा कलां, दयालकानांगल और बिहारीपुर गांव के मरीज निर्भर हैं। जीलो के सरपंच शांति सैनी और राजेश सैनी ने बताया कि मंगलवार रात्रि एक दुर्घटनाग्रस्त युवक सचिन कुमार को रात में सीएचसी लाया गया, लेकिन अस्पताल बंद होने के कारण उसे नीमकाथाना भेजना पड़ा। ऐसे में स्टाफ नहीं होने के कारण रात्रि को बंद पड़ी आपातकालीन मेडिकल सुविधा नहीं मिल पाती है।
सीएमएचओ डॉ. विनय गहलोत ने बताया कि एनएचएम के तहत भर्ती प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही नए डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी।