[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

गृह निर्माण सहकारी समितियों की गड़बड़ी पर लगेगी लगाम:यूडीएच मंत्री बोले- अनियमिताएं रोकने के लिए सरकार बनाएगी नया सहकारिता अधिनियम


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
जयपुरटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

गृह निर्माण सहकारी समितियों की गड़बड़ी पर लगेगी लगाम:यूडीएच मंत्री बोले- अनियमिताएं रोकने के लिए सरकार बनाएगी नया सहकारिता अधिनियम

गृह निर्माण सहकारी समितियों की गड़बड़ी पर लगेगी लगाम:यूडीएच मंत्री बोले- अनियमिताएं रोकने के लिए सरकार बनाएगी नया सहकारिता अधिनियम

जयपुर : राजस्थान में जल्द ही नया सहकारिता अधिनियम बनाया जाएगा। यूडीएच झाबर सिंह खर्रा ने इसकी घोषणा की। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा गृह निर्माण सहकारी समितियों पर अंकुश के लिए विशेष प्रावधान किए जाएंगे। ताकि निजी कॉलोनाइजरों द्वारा की जाने वाली अनियमितताओं को रोका जा सके।

खर्रा ने कहा कि निजी क्षेत्र में विकसित की जाने वाली कॉलोनियां स्थानीय निकाय से अनुमोदन के बिना ही विकसित कर दी जाती हैं। इनमें आवश्यक सुविधाएं भी नहीं होती है। जिसका नुकसान आमजन को उठाना पड़ता है।

उन्होंने बताया कि नवीन सहकारिता अधिनियम में गृह निर्माण सहकारी समितियों द्वारा विकसित की जाने वाली कॉलोनियों में सभी आवश्यक सुविधाएं विकसित किया जाना अनिवार्य होगा। इसके बाद नियमों का उल्लंघन करने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही के प्रावधान होंगे।

उन्होंने कहा कि गृह निर्माण सहकारी समितियों का पंजियन सहकारिता अधिनियम के अंतर्गत किया जाता है। वर्तमान में पंजिकृत गृह निर्माण सहकारी समितियों की अनियमितता पर कार्रवाई करने का विशेष प्रावधान नियमों में नहीं है।

उन्होंने बताया कि 1990 से 1998 की अवधि के मध्य विकसित की गई निजी कॉलिनियों की सभी जानकारी जेडीए और समस्त नगर निकायों को उपलब्ध कराई गई थी। साथ ही, इस जानकारी की एक बुकलेट छपवाकर आमजन को भी आवश्यकता पड़ने पर उपलब्ध करवाई जाती थी।

खर्रा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विकास प्राधिकरणों, नगरीय निकायों, नगर परिषदों, नगर पालिकाओं के क्षेत्राधिकार में विकसित होने वाली कॉलोनियों में किसी भी प्रकार की अनियमितता न हो इसके लिए नए दिशा-निर्देश बनाए जाएंगे। ताकि जिम्मेदारों की जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके। इसके साथ ही कॉलोनाइजर द्वारा सुविधाएं विकसित करना भी आवश्यक किया जाएगा।

Related Articles