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सीकर में वकीलों का प्रदर्शन, अमेंडमेंट बिल की प्रतियां जलाई:बोले- एक्ट में संशोधन वकीलों के हितों से कुठाराघात करने वाला


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सीकर में वकीलों का प्रदर्शन, अमेंडमेंट बिल की प्रतियां जलाई:बोले- एक्ट में संशोधन वकीलों के हितों से कुठाराघात करने वाला

सीकर में वकीलों का प्रदर्शन, अमेंडमेंट बिल की प्रतियां जलाई:बोले- एक्ट में संशोधन वकीलों के हितों से कुठाराघात करने वाला

सीकर : केंद्र सरकार की ओर से एडवोकेट्स एक्ट-1961 में संशोधन करने के विरोध में सीकर में वकीलों ने विरोध-प्रदर्शन किया और बिल की प्रतियां जलाई गई। वकीलों ने कोर्ट के बाहर नारेबाजी करते हुए कहा- एक्ट में संशोधन वकीलों के हितों से कुठाराघात करने वाला है।

वकीलों ने सरकार द्वारा लाए गए इस बिल को हित विरोधी बताया।
वकीलों ने सरकार द्वारा लाए गए इस बिल को हित विरोधी बताया।

सीकर बार संघ के अध्यक्ष भागीरथ मल जाखड़ ने कहा- एडवोकेट्स एक्ट में संशोधन के लिए लाए गए इस बिल का पूरे देश में वकीलों की ओर से विरोध किया जा रहा है।

वकीलों में बिल के खिलाफ भारी आक्रोश है। इस बिल में जो प्रावधान किए गए हैं, उससे वकीलों का प्रोटेक्शन एक्ट खत्म हो जाएगा। लोकतंत्र में सभी को धरने-प्रदर्शन करने का अधिकार है। अगर यह बिल लागू होता है तो वकीलों का यह प्रावधान खत्म हो जाएगा।

कोर्ट के बाहर धरने पर बैठे वकील व अन्य लोग।
कोर्ट के बाहर धरने पर बैठे वकील व अन्य लोग।

वकीलों ने बताया- एडवोकेट एक्ट में अमेंडमेंट कर कुछ एक्ट को चेंज किया जा रहा है। 35ए को चेंज किया जा रहा है, जिसमें किसी भी तरीके के हड़ताल या काम बंद करने पर रोक लगाई जा रही है। अमेंडमेंट में यह भी प्रावधान है कि केंद्र सरकार बार काउंसिल ऑफ इंडिया को कोई भी डायरेक्शन दे सकता है, जिसे मानना बार काउंसिल ऑफ इंडिया को जरूरी होगा।

इससे साफ है वकील सरकार के अधीन होकर चलेंगे। वकील किसी सरकार के कर्मचारी नहीं है, यह एक आजाद पेशा है। आजादी से पहले भी वकील आजाद थे और आगे भी आजाद रहेंगे। इस बिल जो जल्द से जल्द से रद्द करना चाहिए।

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