सिंघानिया विश्वविद्यालय में ‘पाश्चात्य एवं भारतीय संस्कृति स्त्रीनाम् भूमिका’ विषयक संगोष्ठी आयोजित
सिंघानिया विश्वविद्यालय में 'पाश्चात्य एवं भारतीय संस्कृति स्त्रीनाम् भूमिका' विषयक संगोष्ठी आयोजित

पचेरी कलां : सिंघानिया विश्वविद्यालय पचेरी बड़ी एवं राजस्थान संस्कृत अकादमी जयपुर के संयुक्त तत्वाधान में अखिल भारतीय माघ महोत्सव 2025 आयोजन के अंतर्गत सिंघानिया विश्वविद्यालय परिसर में पाश्चात्य एवं भारतीय संस्कृती स्त्री नाम् भूमिका” विषय पर एक सारगर्भित टॉक शो का आयोजन किया गया। इस बौद्धिक टॉक शो में शिक्षाविदों, समाज शास्त्रियों, नारी वादियों तथा शोधकर्ताओं ने भाग लिया और महिलाओं की सांस्कृतिक, सामाजिक एवं ऐतिहासिक भूमिका पर व्यापक चर्चा की। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ हुआ। मुख्य अतिथि कैलाश चतुर्वेदी, पूर्व संभागीय संस्कृत शिक्षा अधिकारी बीकानेर संभाग एवं झुंझुनू थे।
समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के अध्यक्ष मनोज कुमार रिटायर्ड आईएएस ने की। इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि कैलाश चतुर्वेदी ने अपने सम्बोधन में महाकवि माघ की जीवन यात्रा को प्रेरणा दायी बताया और साथ ही उन्होंने संस्कृत भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा समाज में पुरुष और स्त्री दोनों समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। जब तक ये दोनों समानता और सहयोग के साथ कार्य नहीं करेंगे, तब तक समाज में संतुलन स्थापित नहीं हो सकता।
विशेष वक्ता राजबाला राजकीय विद्यालय, गोखरी ने कहा कि भारतीय संस्कृति में नारी को ‘शक्ति’ और ‘सृजन’ के रूप में देखा गया है, और अधिक प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने आधुनिक संदर्भों में महिलाओं की बदलती भूमिका और चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि डॉ अनिल शर्मा और मनीषा सैनी, राजकीय विद्यालय, सूरज गढ़ ने भी भारतीय संस्कृति में महिलाओं की ऐतिहासिक भूमिका, पारंपरिक मूल्यों और आधुनिक परिवर्तनों पर गहन चर्चा की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार (रिटायर्ड आईएएस) ने कहा, “ऐसे टॉक शो न केवल सांस्कृतिक मूल्यों को समझने में सहायक होते हैं, बल्कि महिलाओं के अधिकारों और उनके योगदान को एक व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखने का अवसर भी प्रदान करते हैं।” उन्हें खुशी है कि सिंघानिया संस्था ऐसे सामाजिक अवसरों पर अपना मंच निरंतर प्रस्तुत कर रही है और आगे भी वे अन्य लोगों को ऐसे मंच से जोड़ने के लिए तैयार हैं। मंच संचालन, कार्यक्रम संयोजक डॉ सुमित शर्मा ने किया। समापन सत्र में पी वी सी डॉ पवन कुमार त्रिपाठी ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया तथा महिला सशक्तिकरण से जुड़े विषयों पर भविष्य में और भी ऐसे आयोजन करने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस अवसर पर कार्यक्रम में उपाध्यक्ष एवं कैंपस डायरेक्टर प्रोफेसर पी. एस. जस्सल, उपाध्यक्ष एवं मुख्य वित्त अधिकारी सुनील कुमार सोबती, रजिस्ट्रार मोहमद इमरान हाशमी, डिप्टी रजिस्ट्रार आरुषि सिंह, सांस्कृतिक संकाय के अधिष्ठाता डॉ. रामनिवास ‘मानव’, प्रमुख पत्रकार डॉ रामानंद शर्मा ज्योतिषाचार्य अभिमन्यु पाराशर, संस्थान के सभी विद्यार्थी, शिक्षण एवं गैर-शिक्षण स्टाफ भी उपस्थित रहे।